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Tuesday, October 20, 2009

मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र

प्रिय श्री शिवराज सिंह जी,
अत्याचार ना भ्रष्टाचार हम देंगें अच्छी सरकार, राज आप बदलें व्यवस्था हम बदलेंगें और बिजली पानी सड़क के मुद्दों पर प्रदेश की जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी थी। आज प्रदेश में भाजपा सरकार की दूसरी पारी शुरू हुये एक साल का समय बीत गया हैं। महिला अत्याचार में प्रदेश ने इस दौरान देश में पहला स्थान पा लिया हैं। भ्रष्टाचार का नजारा तो नगर के लोगों ने गली गली और सड़क सड़क देखा हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गयी हैं। बिजली की आंख मिचौली ने प्रकाश के त्यौहार दीपावली में भी कमाल दिखा ड़ाला हैं। दुगनी कीमत पर बनी घटिया सड़कों का आनंद लोग उठा ही रहें हैं। पानी के संकंट को दूर करने के लिये पैसे तो बहुत आये पर संकंट जस का तस हैं। मुख्यमंत्री जी आप विधानसभा और लोकसभा चुनावों के पहले भी सिवनी आये थें। जिले के भाजपा नेताओं ने आपसे शहर के विकास के लिये बहुत कुछ मांगां भी था और आपने दोनों ही बार मंच से जिला कलेक्टर को निर्देशित किया था कि तीन महीने के अंदर शहर का मास्टर प्लान तैयार करें और फिर विकास के काम शुरू किये जायें। पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। लेकिन अभी तक आपके द्वारा निर्देशित मास्टर प्लान का ही अता पता नहीं हैं। अब नगर पालिका चुनाव के पहले आप फिर आ रहें हैं। परंपरा अनुसार इस बार भी भाजपा विधायक नीता पटेरिया ने आपको एक पत्र लिखकर पुरानी मांगों को ही दोहरा दिया हैं। हमें डर यह हैं कि इस बार भी नतीजा सिफर ही ना निकले।समूचा शहर दलसागर तालाब की सड़ांध से परेशान था। हमें मालूम हुआ है कि आपने इसकी सुध ली हैं और आप कुछ राशि भी यहां देने वाले हैं। पता चला है कि इसके लिये 150 लाख रुपये की स्वीकृति भी हो चुकी हैं। वैसे इस ऐतिहासिक तालाब की पहली बार सफायी 80 के दशक के शुरुआती सालों में हुयी थी। तब से अब तक कई बार केन्द्र और प्रदेश सरकार ने इसके सौन्दयीZकरण और सड़ांध मिटाने के लिये धनराशि दी हैं। करोड़ों की यह धनराशि तो मिट गयी लेकिन सड़ांध अभी तक नहीं मिटी हैं। हमारा अनुरोध हैं कि आप पिछला हिसाब भी लें और अब जो भी धनराशि दें उसके सदुपयोग का सबक भी सिखा जायें ताकि नागरिकों को राहत मिल सके। आप अपने इस प्रवास के दौरान बबरिया जलाशय का निरीक्षण करने भी जा रहें हैं। सन 1904 में बना यह तालाब शहर की जनता की प्यास बुझाता था। फिर करोड़ों रुपयों की लागत से भीमगढ़ जलावर्धन योजना शुरू की गयी जिसमें भारी भ्रष्टाचार किये जानें के आरोप भाजपा तो लगाती रही लेकिन अपने ही राज में इसकी जांच तक नहीं करा पायी। जांच कराने के बजाय प्रदेश की भाजपा सरकार ने बबरिया जलावर्धन योजना के लिये साठ लाख रुपये स्वीकृत कर दिये जो शहर के तीन मोहल्लों की प्यास तक नहीं बुझा पा रही हैं। इसी तालाब से लगा निर्माणाधीन शंकराचार्य पार्क में भी लगभग एक करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी हैं। जिसके भ्रष्टाचार के किस्से अखबारों की सुर्खियां बनती रही हैं। दिल्ली की परेड़ में प्रदेश प्रतिनिधित्व करने वाली करने वाली मोगली की झांकी पहले तो अतिक्रमण करके तत्कालीन विधायक नरेश दिवाकर की निधि से नये बस स्टेन्ड के सामने लगायी गयी थी जिसे शंकराचार्य पार्क में लगाने के लिये निकाला गया था जिसे अब आप टूटी फूटी हालत में शंकरचार्य पार्क में पड़े देख सकते हैं।नगर पालिका के भ्रष्टाचार की कई शिकायतें आपसे भी की गयीं लेकिन उनकी जांच तक नहीं हो पायी। लोकायुक्त की एक जांच के प्रतिवेदन पर प्रदेश सरकार ने अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और परिषद के सत्रह पार्षदों को पद से प्रथृक करने के लिये नोटिस दिये हैं। जिसमें नौ लाख रुपये की रिकवरी के आदेश भी दिये हैं। यह रिकवरी वर्तमान दर और पालिका द्वारा दी अधिक दर का अंतर भर है जबकि गुणत्ता की कमी की रिकवरी तो अभी निकाली ही नहीं गयी हैं। पता चला है कि ऐसे हालात में भी आप इसी संस्था द्वारा बनायी गयी एक सड़क का लोकाZपण या भूमि पूजन करने जा रहे हैं। जब प्रदेश का मुखिया ऐसे कार्यक्रम में शिरकत करेगा तो क्या चल रही जांच एवं प्रशासनिक कार्यवाही पर विपरीत असर नहीं पड़ेगार्षोर्षोवर्तमान नगर पालिका परिषद का कार्यकाल ना केवल भ्रष्टाचार के लिये चर्चित रहा हैं वरन उसने कई नये कीर्तिमान भी स्थापित किये हैं। अनगिनत ऐसी शिकायतें भी हें जिनमें जांच तक नहीं करायी गयी हैं। नगर पालिका के चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा की ऐसी भ्रष्ट परिषद के कार्यक्रमों में आपका आना अनेक राजनैतिक संदेश दे रहा हैं।

नगरपालिका

सिवनी। नगरपालिका की तीनों सड़कों की गुणवत्ता की जांच के लिये किसी शासकीय ऐजेन्सी से क्यूब टेस्ट कराया जाये ।नपा ने सेम्पल की जांच एक स्थानीय निजी ऐजेन्सी से करायी हैं जो कि उचित नहीं कही जा सकती हैं।इस जांच में इन सड़कों के मूल्यांकन और ठेकेदार द्वारा क्लेम की गयी राशि के अंतर की वसूली भी की जाये।जिला कलेक्टर को लिखे एक पत्र में इंका नेता आशुतोष वर्मा ने यह आग्रह किया हैं प्रेस को जारी विज्ञप्ति में इंका नेता ने बताया हैं कि उन्होंने पूर्व प्रषित पत्र क्रमांक 104/07 दिनांक 7 दिसम्बर 2007 एवं क्र. 49/08 दि. 8 मई 2008 के माध्यम से सरकार को इस बाबद शिकायत की थी।इस संबंध में लगभग दो साल बाद राज्य सरकार के निर्देश पर कार्यवाही की जा रही हैं तथा पालिका के जन प्रतिनिधियों सहित मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नोटिस जारी किये गये हैं।इंका नेता आशुतोष वर्मा ने जिला कलेक्टर का ध्यानाकषिZत कराते हुये लिखा है कि जांच की प्रक्रिया में कुछ ऐसी भी बातें हैं जो कि जांच की निष्पक्षता पर भी सवालिया निशान लगा रहीं हैं। निविदा जारी करने की दोषपूर्ण प्रक्रिया के कारण टेंडर के रेट और उस समय के रेट में अंतर की राशि को परिषद की हानि मानकर लगभग 9 लाख रूपये की रिकवरी भी निकाली गयी हैं। लेकिन इस जांच में ठेकेदार द्वारा बनायी गयी सड़कों की गुणवत्ता की जांच ही नहीं की गयी हैं। ये सड़के कितनी घटिया बनी हैं यह तो आप स्वयं ही रोज देख रहें हैं। पत्र में कलेक्टर से अनुरोध किया गया है कि वे किसी अन्य विभाग के तकनीकी अधिकारियों से इन घटिया सड़कों की गुणवत्ता की जांच करवाकर इनका मूल्यांकन करायें तथा घटिया सड़के बना कर जो अतिरिक्त कमायी की गयी हैं उसकी वसूली भी ठेकेदार और छूट देने वाले तकनीकी अमले तथा अन्य जिम्मेदार लोगों से की जाये।इंका नेता वर्मा ने जिला कलेक्टर से अनुरोध किया हैं कि 89.98 प्रतिशत अधिक दर पर तीन सड़के,राकेशपाल पंप से एस.पी.बंगले, सिंघानिया के घर से मठ मंदिर और बुधवारी तालाब से अम्बेडकर वार्ड जटाशंकर मंदिर पुलिया तक, बनायी गयीं हैं उनका क्यूब टेस्ट किसी शासकीय ऐजेन्सी से कराया जाये ताकि गुणवत्ता की सही जांच हो सके। इन सड़को के सेम्पल की जांच नगरपालिका ने एक स्थानीय प्रायवेट ऐजेन्सी शार्प इंजीनियर्स एन्ड कंसलटेन्ट से करायी हैं।पत्र के अंत में इंका नेता ने विश्वास व्यक्त किया हैं कि वे शीघ्र ही इस मामले की जांच करवा कर दोषियों को दंड़ित करने का कष्ट करेंगें ताकि जिले में भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जा सके।