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Tuesday, April 27, 2010

गीतों और गजलों की सत वषाZ का सारी रात आनन्द लिया श्रोताओं ने
सदभाव का आयोजन संपन्न
सिवनी।देश के ख्याति प्राप्त कवियों और शायरों ने गंगा जमुनी तहजीब को सदभाव के मंच पर जीवन्त रखते हुये कि गीतों और गजलों का ऐसा समां बांधां कि सारी रात श्रोता आनन्द लेते रहें। संस्था के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी ने प्रेस िाक जारी विज्ञप्ति में बताया हैं कि सदभाव संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाला यह 12 वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा था। कवियोंं और शायरों के स्वागत के बाद कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वन्दना,राष्ट्रगान और नातेपाक से हुयी। जबलपुर की युवा संपदा हिंगने ने अपने कोकिल कंठ से पहले मां सरस्व्ती की वन्दना Þमां तू जिसकी ओर निहारे,उसे गुणियों में सम्मान मिलेÞऔर फिर राष्ट्रवन्दना के रूप में वन्दे मातरम गीत पेश किया। सधे हुये स्वर में प्रस्तुत की गई इस संगीतमय प्रस्तुति का श्रोताओं ने तालियां बजा कर खूब सराहा। सदभाव के मंच से एक अनूठी मिसाल पेश करते हुये श्री सागर त्रिपाठी ने नाते पाक पढ़ा। Þलुुफ्त की बात हैं कि सर अपना,रख के सजदे में भूल जाऊं मेंÞÞरोशनी के अमीन हैं हजरत,रुहे माहे मुकीम हैं हजरत,सिर्फ एक कौम के नहीं हैं वो,रहमते आरमीन हैं हजरतÞ मजहबी उर्दू अन्दाज में सागर त्रिपाठी द्वारा पढ़ी गई नाते पाक ने खूब दाद बटोरी। नाते पाक के बाद मुशायरे को आगे बढ़ाया मुन्नवर आजमी ने। आपने हिन्दू मुस्लिम वैमन्सयता फैलाने वालों पर तुज करते हुये कहा कि Þकौन मुजरिम हैं ये साबित तो करो तुम पहलेइल्जाम लगा देने से क्या होता हैं,दो सजा उनको जों फैलाते हैं दहशत गदीZबेगुनाहों को सजा देने से क्या होता हैर्षोर्षोÞराष्ट्रीय एकता पर गजल पढ़ते हुये कहा किÞ मैं हूंं गांधी नेहरू और आजाद का हिन्दुस्तान,हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई सब हैं मेरी जानÞ भोपाल से पधारी संगीता सरल ने अपने मोहक अन्दाज में कहा किÞ चेहरे के आपका भोलापन भा गया, इसलिये आप पर मेरा दिल आ गयाÞ कि तुम मुझे प्यार से देखा ना करो, तीर नज़रों के यूं फेंका ना करो,वरना ये लोग ना जीने देंगें और मेरा प्यार ना मरने देगा।Þ गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाते हुये लखनऊ से आये कैफ काकोरबी ने राजनीति में धर्म को घसटीने पर चिन्ता प्रगट करते हुये कहा किÞ मजहब को सियासत में घसीटा गया जबसे, जलता हुआ मैं अपना वतन देख रहा हंूंÞÞ इस जुल्म के माहौल से हम डर नहीं सकते,जब तक ना खुदा चाहे कभी मर नहीं सकते।Þ गजल के नाजुक अन्दाज को पेश करते हुये आपने कहा कि Þ खूब सूरत जिस्म लेकर तू समुन्दर में ना जा। आग पानी में लगेगी मछलियां जल जायेंगी।Þ गजलों के दौर के अगले मुकाम पर बलरामपुर से पधारीं मोहतरमा रुखसार बलरामपुरी ने कहा कि Þ तहजीबे वतन तुझको बिखरने नहीं दूंगीं,मैं सर से दुपट्टे को उतरने नहीं दूंगीं।ÞÞक्या हमारी किस्मत हैं, कैसी ये मोहब्बत हैं,तन्हो वो भी मिलते हैं तन्हां हम भी मिलते हैं।Þ धीर गम्भीर माहौल को हास्य व्यंग की ओर ले जाते हुये मालेगांव से पधार मुजावर मालेगांवी ने कहा कि Þईमानदार और ना हकदार जायेंगें,संसद भवन में सिर्फ तड़ीपार जायेंगें।मेयार क्यों ना हो भला तालीम का खराब,टीचर के भेष मे जो चिड़ीमार जायेंगें।ÞÞजिन्दगी जो करे मसरूर कहां से लाऊंर्षोर्षोचान्द जैसा रुखे पुरनूर कहां से लाऊंर्षोर्षोक्यों मेरी बात समझता नहीं बेटे अब तू लंगूर तुम्हें हूर कहां से लाऊंर्षोर्षो कवि सम्मेलन को हास्य व्यंग के दौर सें एक बार फिर संजीदगी की ओर ले जाते हुये झांसी से आये अर्जुन सिंह चान्द ने कहा कि Þखत किताबों में अब कोई रखता नहीं।नाम कोई रुमालों में रखता नहीं। है मोहब्बत भी अब मोहताज मोबाइल की,चित्र कोई गिलाफों में रखता नहीं।ÞÞफूल पत्थर पे लोग चढ़ाते रहे। दायरा अपने सुख का बढ़ाते रहे। घर में मां बाप बूढ़े हैं बीमार हैं। खून के आंसू उनको रुलाते रहे।।ÞÞ लश्कर भी तुम्हारा हैं,सरदार भी तुम्हारा है।और तुम झूठ को सच लिख दो अखबार तुम्हारा हैं।Þ जिले के उस्ताद शायर मरहूम जनाब अब्दुल रब सदा के गजल संग्रह वक्त को आइना चाहिये का विमोचन भी मंच से हुआ। आपके साहबजादे जनाब मिनाज कुरैशी ने मंच से अपने अशार पढ़ते हुये फरमाया किÞपिछली रुतों के सारे वो मंजर बदल गये।अबकी तो मौसमों के ही तेवर बदल गये।.2. तर्जे सितम ना बदली जमाने के साथ साथ। इतना जरूर हुआ कि सितमगर बदल गये।Þसदभाव, सिवनी।प्रेस विज्ञप्तिसिवनी।देश के ख्याति प्राप्त कवियों और शायरों ने गंगा जमुनी तहजीब को सदभाव के मंच पर जीवन्त रखते हुये कि गीतों और गजलों का ऐसा समां बांधां कि सारी रात श्रोता आनन्द लेते रहें। संस्था के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी ने प्रेस िाक जारी विज्ञप्ति में बताया हैं कि सदभाव संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाला यह 12 वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा था। कवियोंं और शायरों के स्वागत के बाद कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वन्दना,राष्ट्रगान और नातेपाक से हुयी। जबलपुर की युवा संपदा हिंगने ने अपने कोकिल कंठ से पहले मां सरस्व्ती की वन्दना Þमां तू जिसकी ओर निहारे,उसे गुणियों में सम्मान मिलेÞऔर फिर राष्ट्रवन्दना के रूप में वन्दे मातरम गीत पेश किया। सधे हुये स्वर में प्रस्तुत की गई इस संगीतमय प्रस्तुति का श्रोताओं ने तालियां बजा कर खूब सराहा। सदभाव के मंच से एक अनूठी मिसाल पेश करते हुये श्री सागर त्रिपाठी ने नाते पाक पढ़ा। Þलुुफ्त की बात हैं कि सर अपना,रख के सजदे में भूल जाऊं मेंÞÞरोशनी के अमीन हैं हजरत,रुहे माहे मुकीम हैं हजरत,सिर्फ एक कौम के नहीं हैं वो,रहमते आरमीन हैं हजरतÞ मजहबी उर्दू अन्दाज में सागर त्रिपाठी द्वारा पढ़ी गई नाते पाक ने खूब दाद बटोरी। नाते पाक के बाद मुशायरे को आगे बढ़ाया मुन्नवर आजमी ने। आपने हिन्दू मुस्लिम वैमन्सयता फैलाने वालों पर तुज करते हुये कहा कि Þकौन मुजरिम हैं ये साबित तो करो तुम पहलेइल्जाम लगा देने से क्या होता हैं,दो सजा उनको जों फैलाते हैं दहशत गदीZबेगुनाहों को सजा देने से क्या होता हैर्षोर्षोÞराष्ट्रीय एकता पर गजल पढ़ते हुये कहा किÞ मैं हूंं गांधी नेहरू और आजाद का हिन्दुस्तान,हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई सब हैं मेरी जानÞ भोपाल से पधारी संगीता सरल ने अपने मोहक अन्दाज में कहा किÞ चेहरे के आपका भोलापन भा गया, इसलिये आप पर मेरा दिल आ गयाÞ कि तुम मुझे प्यार से देखा ना करो, तीर नज़रों के यूं फेंका ना करो,वरना ये लोग ना जीने देंगें और मेरा प्यार ना मरने देगा।Þ गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाते हुये लखनऊ से आये कैफ काकोरबी ने राजनीति में धर्म को घसटीने पर चिन्ता प्रगट करते हुये कहा किÞ मजहब को सियासत में घसीटा गया जबसे, जलता हुआ मैं अपना वतन देख रहा हंूंÞÞ इस जुल्म के माहौल से हम डर नहीं सकते,जब तक ना खुदा चाहे कभी मर नहीं सकते।Þ गजल के नाजुक अन्दाज को पेश करते हुये आपने कहा कि Þ खूब सूरत जिस्म लेकर तू समुन्दर में ना जा। आग पानी में लगेगी मछलियां जल जायेंगी।Þ गजलों के दौर के अगले मुकाम पर बलरामपुर से पधारीं मोहतरमा रुखसार बलरामपुरी ने कहा कि Þ तहजीबे वतन तुझको बिखरने नहीं दूंगीं,मैं सर से दुपट्टे को उतरने नहीं दूंगीं।ÞÞक्या हमारी किस्मत हैं, कैसी ये मोहब्बत हैं,तन्हो वो भी मिलते हैं तन्हां हम भी मिलते हैं।Þ धीर गम्भीर माहौल को हास्य व्यंग की ओर ले जाते हुये मालेगांव से पधार मुजावर मालेगांवी ने कहा कि Þईमानदार और ना हकदार जायेंगें,संसद भवन में सिर्फ तड़ीपार जायेंगें।मेयार क्यों ना हो भला तालीम का खराब,टीचर के भेष मे जो चिड़ीमार जायेंगें।ÞÞजिन्दगी जो करे मसरूर कहां से लाऊंर्षोर्षोचान्द जैसा रुखे पुरनूर कहां से लाऊंर्षोर्षोक्यों मेरी बात समझता नहीं बेटे अब तू लंगूर तुम्हें हूर कहां से लाऊंर्षोर्षो कवि सम्मेलन को हास्य व्यंग के दौर सें एक बार फिर संजीदगी की ओर ले जाते हुये झांसी से आये अर्जुन सिंह चान्द ने कहा कि Þखत किताबों में अब कोई रखता नहीं।नाम कोई रुमालों में रखता नहीं। है मोहब्बत भी अब मोहताज मोबाइल की,चित्र कोई गिलाफों में रखता नहीं।ÞÞफूल पत्थर पे लोग चढ़ाते रहे। दायरा अपने सुख का बढ़ाते रहे। घर में मां बाप बूढ़े हैं बीमार हैं। खून के आंसू उनको रुलाते रहे।।ÞÞ लश्कर भी तुम्हारा हैं,सरदार भी तुम्हारा है।और तुम झूठ को सच लिख दो अखबार तुम्हारा हैं।Þ जिले के उस्ताद शायर मरहूम जनाब अब्दुल रब सदा के गजल संग्रह वक्त को आइना चाहिये का विमोचन भी मंच से हुआ। आपके साहबजादे जनाब मिनाज कुरैशी ने मंच से अपने अशार पढ़ते हुये फरमाया किÞपिछली रुतों के सारे वो मंजर बदल गये।अबकी तो मौसमों के ही तेवर बदल गये।.2. तर्जे सितम ना बदली जमाने के साथ साथ। इतना जरूर हुआ कि सितमगर बदल गये।Þ कानपुर से पधारी मोहतरमा परवीन नूरी ने अपनी मधुर आवाज में गजले और गीत पढ़कर श्रोताओं से खूब वाह वाही बटोरी। आपने कहा कि Þ जिस दिन से तुम हमारे ख्यालों में आ गये।हम तीरगी से चलके उजालों में आ गये।खुद को बहुत सम्भाल के सक्खा था आज तक। लेकिन तुम्हारे चाहने वालों में आ गये।ÞÞआपका खत छिपा लिया मैंने,यूं मुक्द्दर जगा लिया मेंने।तेरे सीने में दिल कहां से हो,तेरा दिल तो चुरा लिया मेंने।Þ सदभाव के मंच से लाफ्टर चेंलेंज तक का सफर तय करके जिले का नाम पूरी दुनिया में रोश करने वाले एहसान कुरैशी ने सानिया मिर्जा की शादी पर चुटकी लेते हुये कहा किÞ सानिया जी सानिया जी गजब ढा रही हो। टेनिस का बेड क्रिकेट के बेड से टकरा रही हो।क्या देश के जवानों को लकवा लग गया हैंं जो पाकिस्तानी शोएब से शादी रचा रही हो।अगर सानिया जी आप ये मानती हो कि क्रिकेट खिलाड़ी में दम हें। तो अपना यूसुफ पठान कौन सा कम हैर्षोर्षोअगर तुम ये मानती हो कि शादी शुदा आदमी एकदम से खरा हैं। तो फिर भला एहसान कुरैशी क्या बुरा हैर्षोर्षोÞ देश के मशहूर शायर जनाब नज़र बिजनोरी ने अपनी गजलों से ऐसा समां बांधा कि श्रोता वाह वाह करते ही रह गये। आपने कलाम पढ़ते हुये कहा किÞक्या बताऊं तुम्हें कि मेरा या कैसा हैंर्षोर्षोचान्द सा नहीं हें वो चान्द उसके जैसा हैं।Þ अपनी दिलकश गजल में उन्होंने कहा किÞ मेरे दिल की ये सदा है, ये पयाम आखिरी हैं। मेरी जां कुबूल कर ले, ये सलाम आखिरी हैं। तेरी राह तकते तकते, मेरा दम निकल ना जायें। दमें आखिरी है लब पे, तेरा नाम आखिरी हैं। मैं हूं दो घड़ी को मेहमां, तू मुझे गले लगा है। तेरी अंजुमन में मेरा, ये पयाम आखिरी हैं।Þ जिले की माटी में पली बढ़ी शायरा रचना एहसान, जिनके गजल संग्रह ßतेरी याद मेंÞ का आज विमोचन भी हुआ था, ने मंच पर अपने कलाम पढ़कर समां बांध दिया। आपने कहा किÞहाथों से मेरे उनके जो टकरायीं उगलियां। शरमा के खुद ब खुद ही सिमट आयीं उगलियां।अल्फाज सब गले में अटक कर ही रह गये,रुख्सत के वक्त सिर्फ नज़र आयीं उगलियां।Þ दिल्ली से आये लोकप्रिय गीतकार यशपाल यश ने राष्ट्र भक्ति से ओत प्रेत और सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करने वाली सशक्त रचनाओं का पाढ़ कर माहौल बना दिया। आपने कहा किÞसबको राम राम और सलाम बोलता हूं मैं। उसके बाद राज की किताब खोलता हू मैंं। जितना बोलता हूं उतना सच बोलता हूं मैं। बोलने से पहले शब्द शब्द तोलता हूं मैं।Þ दिल्ली दहला रही हैं, काश्मीर चीखता हैं। मुझको मेरा वापस ,शवाब कर दीजिये। सहमे सहमे रहते हैं झील और शिकारे में। वादी कहे मुझको गुलाम कर दीजिये।Þ अगली कवियत्री के रूप में रायबरेली से आयीं सुश्री प्रज्ञा विकास ने अपने अनूठे अन्दाज मे काव्य पाढ़ कर मंच लूट लिया। आपने कहा किÞमहल नहीं हैं, खंड़हर हैं, मगर हमारा है। इसे छोड़ दें कैसे ये घर हमार है।। यहां के लोग दुआओं में मौत चाहते हैं। जो जी रहें हैं हम, ये हुनर हमारा हैं।जरा सी बात पे आंखें भी मोड़ लीं हमसे। किसी से हमने कहा था शजर हमारा हैं। Þ मुशायरे और कवि सम्मेलन के दौर को अंजाम तक पहुचाते हुये श्री सागर त्रिपाठी के मजहबी उर्दू अन्दाज ने तो भपूर दाद बटोरी। आपने कहा किÞ हसद नफरत का ये मौसम नहीं। मोहब्बत हर तरफ हैं गम नहीं हैं।यहां हर शख्स हैं खुद में मुकम्मल, किसी का कद किसी से कम नहीं हैं।ÞÞ मोहब्बत छोड़िये, तकरार में भी लुफ्त आता हैं। अगर तकरार भी उर्दू जबां में होती हैें।ÞÞ गीता उपजी फर्श से, अर्श से हैं कुरआन। हिन्दू मुस्लिम साथ लें दो जहां का ज्ञान।Þ सुबह पौ फटते तक चले इस मुशायरे और कवि सम्मेलन का श्रोताओं ने खूब आनन्द उठाया। कार्यक्रम में जिले की प्रतिभाओंं को भी सम्मानित किया गया। सदभाव संस्था ने कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी शायरों,कवियों,श्रोताओं,दानदाताओं और सहयोगियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया।

Monday, April 26, 2010

सारी रात चला सदभाव का कवि सम्मेलन और मुशायरा
प्रतिभायें सम्मानित हुयीं : सदा और रचना की किताबों का हुआ विमोचन : पहला सदभाव पुरुस्कार मिला राम दल समिति को

सिवनी। सदभाव का कवि सम्मेलन और मुशायरा संपन्न हुआ जिसमें जिले के साहित्यकारों के साथ ही अन्य क्षेत्र में जिले का नाम रोशन करने वाली प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया। अब्दुल रब सदा और रचना एहसान के गजल संग्रह का विमोचन भी किया गया। पहला सदभाव पुरुस्कार शहर की रामदल समिति को दिया गया जिन्होंने सांप्रदायिक सदभाव कायम करने की मिसाल पेश की थी। प्रति वषाZनुसार इस वर्ष भी सदभाव ने अपने 12 वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा का आयोजन 23 अप्रेल को किया। इसमें देश के मशहूर शायर और कवियों ने गीतों और गजलों से समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत संपदा हिंगने ने सरस्वती वन्दना से की और वन्दे मातरम पेश किया । सदभाव की मिसाल कायम करते हुये श्री सागर त्रिपाठी ने नाते पाक पेश की जिसकी श्रोताओं द्वारा खुल कर प्रशंसा की गई। ्रइस आयोजन में नज़र बिजनोरी बाम्बे,,यशपाल शर्मा ÞयशÞ फिरोजाबाद, अर्जुन सिंह चान्द झांसी,कैफ काकोरबी लखनऊ ,मुन्नवर आजमी,मुजावर मालेगांवी,मोहतरमा रुखसार बलरामपुरी,सुश्री प्रज्ञा विकास रायबरेली,मोहतरमा परवीन नूरी कानपुर, सुश्री संगीता सरल, भोपाल,सागर त्रिपाठी बाम्बे तथा सदभाव के मंच से लाफ्टर चेलेंज तक का सफर तय करके देश में जिले का नाम रोशन करने वाले एहसान कुरैशी ने अपनी रचनायें पेश कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। मुशायरे का संचालन नज़र बिजनोरी और अध्यक्षता सागर त्रिपाठी ने की है। इस आयोजन में जिले की प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया। संस्था द्वारा हिन्दी साहित्य के रमेश चातक को मजहर अली द्वारा और उर्दू साहित्य के जनाब एजाज आमिर को आशुतोष वर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। प्रतिभाशाली छात्रों में पांचवी में प्रथम कुमारी शिवानी को लोकमत समाचार के हरीश रावलानी,कक्षा 8वीं मे प्रथम तरुण कुमार को जबलपुर एक्सप्रेस,10वीं मे प्रथम सिद्धी पांड़ें को साधना टी.वी.के प्रशान्त शुक्ला,एवं 12 वीं में विज्ञान संकाय में प्रथम अनुराग चौधरी को दैनिक दलसागर के प्रमोद शर्मा एवं मगन श्रीवास्तव द्वारा,वाणिज्य संकाय में प्रथम कु. मनीषा सच्चानी को दैनिक युगश्रेष्ठ के विजय छांगवानी द्वारा तथा कृषि संकाय में प्रथम पुरषोत्तम यादव,लखनादौन को दैनिक यशोन्नति के मनोज मर्दन त्रिवेदी द्वारा समृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने वाले श्री डी.वी.नायर को उपभोक्ता जागरण के क्षेत्र में दैनिक जनपक्ष के संजय सिंह और अवधेश वितारी द्वारा,शासकीय कार्य के लिये श्री के.के.चौरसिया को वन कर्मचारी संघ के श्री ठाकरे द्वारा,विधि संकाय में गोल्ड मेडिल प्रात करने वाली तब्बसुम खॉन को संजय भारद्वाज तथा रसायन शास्त्र में गोल्ड मेडिल प्राप्त करने वाली खुशबू सदाफल को डॉ. के.एस.राजपूत द्वारा, खेल कूद के क्षेत्र में स्पेशल ओलम्पिक में गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाले शादाब खॉन को श्री पुष्पराज दुबे द्वारा,कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त करने वाले विलास कुमार तिजारे को प्रदीप राय, प्रदीप ट्रेक्टर्स द्वारा एवं सर्वश्रेष्ठ जनप्रतिनिधि के रूप में बरघाट नपं के निवर्तमान अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर को सुनील बघेल द्वारा सम्मानित किया गया। पुरुस्कृत होने वाली प्रतिभाओं का चयन प्रतिभा चयन समिति के अध्यक्ष प्रमाद शर्मा प्रखर ने किया। जिले के मशहूर शायर मरहूम अब्दुल रब सदा साहब की गजलों के संग्रह Þवक्त को आइना चाहियेß का विमोचन मशहूर शायर सागर त्रिपाठी द्वारा तथा रचना एहसान की गजलों के संग्रह Þतेरी याद मेंÞ का विमोचन देश के प्रसिद्ध कवि यशपाल यश द्वारा किया गया। जिसमें विधायक नीता पटेरिया और नपा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी भी उपस्थित थे। संस्था द्वारा घोषित प्रथम सदभावना पुरुस्कार शहर की राम दल समिति को दिया गया जिसने दशहरे के जुलूस में रामदल की भूमिका का निर्वाह करने के साथ ही सांप्रदायिक सदभाव की मिसाल कायम करते हुये मुस्लिम एवं अन्य धर्मावलंबियों के त्योहारों में समिति की ओर से स्वागत किया तथा गले मिलकर आपसी भाईचारे की जिले की परंपरा को मजबूत बनाया हैं। इस सम्मान के तहत स्मृति चिन्ह,प्रशस्ति पत्र एवं एक हजार रूपये की नगद राशि दी गई। नप अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी ने घोषणा की हैं कि अपनी ओर से वे प्रति वर्ष सदभाव पुरुस्कार में पांच हजार रुपये की राशि प्रदान करेंगें। सदभाव पुरुस्कार के चयन का कार्य संस्था की समिति के अध्यक्ष संजय सिंह ने किया। प्रतिभा सम्मान समारोह का सफल संचालन जकी अनवर ने किया। आकर्षक मंच सज्जा की जवाबदारी समिति के अध्यक्ष अनन्त यादव एवं सराहनीय स्वागत की जवाबदारी समिति के अध्यक्ष संजय भारद्वाज ने बखूबी निभायी हैे। कार्यक्रम को सफल बनाने में उक्त तमाम साथियों के अलावा सुबोध मालू,रामगोपाल बब्बा सोनी,चन्द्रभान सिंह बघेल,सुनील अग्रवाल,योगेन्द्र सोनी,रमेश अग्रवाल का योगदान सराहनीय रहा।

Sunday, April 25, 2010

बड़ों का आशीZवाद,साथियों का साथ और छोटों का स्नेह मिलना सुजीत की सफलता के लिये आवश्यक है
सफलता के लिये सबको साथ लेकर चलना होगा सुजीत को -जिला भाजपा के युवा अध्यक्ष सुजीत जैन के नेतृत्व में दिल्ली में आयोजित मंहगायी विरोधी रैली में जिले का भागीदारी प्रशंसनीय रही। मंड़लों क गठन का काम भी पूरा हो गया हैं। जिला कार्यकारिणी और मोर्चा संगठनों की नियुक्ति होना बाकी हैं। वैसे तो सुजीत संगठन के क्षेत्र में लंबे समय से जुड़े हुये तथा उन्हें अनुभव भी हैं। लेकिन विभिन्न खेमों में बंटी भाजपा को एक साथ लेकर चलना एक दुष्कर कार्य हैं।वैसे भी गुटीय राजनीति के हिसाब से सुजीत पूर्व विधायक नरेश खेमे के माने जाते हैं। निवर्तमान अध्यक्ष सुदर्शन बाझल भी नरेश खेमे के ही थे। बनने के लिये तो यह एक योग्यता हो सकती हैं लेकिन बनने के बाद सभी को लेकर चले बिना संगठन को चलाना ना मुमकिन हो जाता हैं। श्री बाझल अपने पर लगे ठप्पे को पूरी तरह हटा नहीं पाये इसलिये उन्हें काफी दिक्कतों का सामना कई बार करना पड़ा था। भाजपा में नरेश के अलावा डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन,विधायक नीता पटेरिया,शशि ठाकुर और कमल मर्सकोले के अलावा भी कई छोटे बड़े खेमे हें जिनकी संगठन के स्तर पर वजनदारी हैं।जिले के पूर्व अध्यक्ष गण प्रमोद कुमार जैन,वेदसिंह ठाकुर,सुदर्शन बाझल,नपा अध्यख्ज्ञ राजेश त्रिवेदी सहित कई वरिष्ठ एवं कनिष्ठ नेताओं से तालमेल बिठाना सुजीत के लिये जरूरी होगा। बड़ों का आशीZवाद,साथियों का साथ और छोटों का स्नेह मिलना सफलता के लिये आवश्यक हैं। इस बार मंड़लों के कथित चुनावों के कारण भी ग्रामीण स्तर पर कार्यकत्ताZओं की काफी नाराजगी हैं। इन सब कठिनाइयों को दूर करने के लिये यह जरूरी होगा कि सुजीत बनाने वाले के साथ सभी नेताओं को साथ लेकर चलें तभी सफलता उनके कदम चूम सकती हैं।
क्या मंड़ी चुनाव में फिर समर्थन और आशीZवाद प्राप्त कांग्रेसी होंगें मैदान मेंर्षोर्षो-मंड़ी चुनावों को लेकर जो गहमा गहमी नेताओं में मची हुयी थी आरक्षण ने उसकी हवा निकाल दी हैं। जिले की सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिवनी मंड़ी आदिवासी वर्ग के लिये आरक्षित हो गई हैं। इस मंड़ी क्षेत्र तनी विधानसभा क्षेत्रों का हिस्सा शामिल हैं। जिले के दोनों सामान्य क्षेत्र सिवनी और केवलारी तथा बरघाट विस क्षेत्र शामिल हैं। चूुकि इसमें केवलारी क्षेत्र का हिस्सा भी आता हैं इसलिये कांग्रेस में इस चुनाव को लेकर खासी उत्सुकता रहेगी। कांग्रेस में आदिवासी नेताओं की लंबी चौड़ी फौज भी हैं जिनमें सिवनी जनपद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिरसाम,पूर्व उपाध्यक्ष नरेश मरावी, कुरई जनपद के पूर्व अध्यक्ष सदाशिव कर्वेती,शिवनारायण उइके,गौगपा से कांग्रेस में आये मेहतलाल बरकड़े, वर्तमान मंड़ी सदस्य बराती लाल,पूर्व जिला पंचायत सदस्य छिदामी लाल सहित लगभग एक दर्जन दावेदारों के नाम हवा में तैर रहें हैं। वैसे तो ये चुनाव भी गैरदलीय आधार पर होना हैं लेकिन यदि राजनैतिक दलों ने अपने समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा की तो फिर पूरा राजनैतिक ध्रुवीकरण हो जायेगा। कांग्रेस का एक धड़ा यह कोशिश कर रहा हैं कि पार्टी समर्थित उम्मीदवार की घोषणा ना करे ताकि सभी ख्ुाल कर अपने अपने पंसदीदा उम्मीदवार का काम कर सकें। वैसे भी में ऐसे स्थानीय चुनावों में कांग्रेस का समर्थन तो एक को रहता हैं लेकिन ऐसे उम्मीदवार भी होते हैं जो आशीZवाद प्राप्त होते हैं। ऐसे में अक्सर यह भी हो जाता हैं कि समर्थन और आशीZवाद प्राप्त दोनों ही धराशायी हो जाते हैं। वैसे तो सीधे चुनाव वाला यह मंड़ी का तीसरा चुनाव हैं और पिछले दोनों चुनावों लड़े तो कई कांग्रेसी लेकिन जीत भी उनमें से ही एक की हो गई थी। पहले अध्यक्ष के रूप में दिलीप बधेल और दूसरे चुनाव में दुगाZप्रसाद बधेल चुनाव जीत थे और दोनो ही बार भाजपा के स्व. गोविन्द पटेल को हार का मुंह देखना पड़ा था।
महंगायी के विराध में तीसरे मोर्चे का बन्द-
जिले में तीसरे मोर्चे की राजनैतिक आहटें सुनायी दे रहीं हैं। इसने आगामी 27 अप्रेल को भारत बन्द के तहत सिवनी बन्द का भी आयोजन कर रहे हैं। वैसे तो मंहगायी के विरोध में संसद में प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा ने दिल्ली में विशाल रैली आयोजित कर इसकी शुरुआत कर चुकी हैं। हां यह बात जरूर अलग हैं कि युवा नेतृत्व के नाम पर अध्यक्ष बन नितिन गड़करी चिलचिलाती धूप के कारण रैली में ही बेहोश हो गये थे। तीसरे मोर्चे का यह शंखनाद कितना सफल होगा र्षोर्षो यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन इस मोर्चे की गतिविधियां बढ़तीं हैं तो यह निश्चित रूप से जिले की राजनीति के लिये एक महत्वपूर्ण बात होगी क्योंकि गैर कांग्रेसी और गैर भाजपायी सशक्त विकल्प यदि मिलेगा तो इन दोनों ही सत्तासीन राजनैतिक दलों की निरंकुश गतिविधियों पर कुछ अंकुश लग सकेगा।
राजेश नाथ भेंट में माडल रोड़ की मांग-
नव निर्वाचित नपा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी ने दिल्ली जाकर केन्द्रीय भूतल एवं परिवहन मन्त्री कमलनाथ से मिलकर जबलपुर और नागपुर दोनों छोरों के बीच शहर से गुजरने वाली रोड़ को माडल रोड बनाने का आग्रह किया।इसी चर्चा के दौरान उन्होंने यह भी कहा सिवनी फोर लेन के सम्बंध उनका ना उनके डिपार्टमेंट का कोई अड़ंगा हैं। सिवनी वालों को यह सवाल जयराम रमेश से करना चाहिये। फोर लेन के मामले में आये अड़गें को लेकर जिले के भाजपा के जनप्रतिनिधियों और भाजपा ने ही कमलनाथ को कठघरे में खड़ा किया था। उस दौरान कुछ तर्क ऐसे दिये गये थे जो लोगों को सही लगे थे। कांग्रेस तो स्वयं उनके द्वारे जाकर जब निराकरण की गुहार लगा रही थी तब यह कहा जा रहा था कि जिसने दर्द दिया हैं ये उसी से दवा मांगने जा रहें हैं। बात जो कुछ भी हों अखबारों में छपे समाचार के अनुसार यदि कमलनाथ ने सिवनी वालों को यह सवाल जयराम रमेश से पूछने को कहा था तो उनसे भी इतना पूछ ही लिया जाना था ताकि स्थिति स्पष्ट हो जाती।क्योंकि इससे यह तो साफ झलकता हैं के दोनों मन्त्रियो का अहमं कहीं ना कहींं टकरा रहा हैं जो फोर लेन में आड़े आ रहा हैं। खैर बात जो कुछ भी रही हो लेकिन युवा नपा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी ने यह एक अच्छी पहल की हैं कि नगर विकास के लिये दलीय भावनाओं से परे हट कर यह प्रयास किया। यह और भी बेहतर और सशक्त हो सकता था जब गैर दलीय आधार पर ही जिले के अन्य जनप्रतिनिधि भी इस पहल में साथ होते। यह तो शुरूआत हैं । आगे के प्रयासों में यदि यह सुधार आ जायेंगें तो नगर विकास के लिये केन्द्र और प्रदेश सरकारों से धनराशि प्राप्त करना और आसान हो जायेगा। लेकिन पैसा लाने के बाद यह भी ध्यान रखना जरूरी होगा कि पैसे की पिछले कार्यकाल जैसी बन्दर बांट ना हो वरना सब कुछ बंठाधार हो जायेगा।

Wednesday, April 21, 2010

सदभाव का कवि सम्मेलन और मुशायरा आज
सदभाव पुरुस्कार रामदल समिति को:सदा एवं रचना के गजल संग्रह का होगा विमोचन:प्रतिभायें भी होंगी सम्मानित

सिवनी। आज सदभाव संस्था के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन होगा। पहला सदभाव पुरुस्कार रामदल समिति को दिया जायेगा। मशहूर शायर मरहूम अब्दुल रब सदा साहब और रचना एहसान की गजल संग्रहों का विमोचन भी किया जायेगा। जिले का नाम रोशन करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किया जायेगा। सदभाव के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया हैं कि जिले की साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था सदभाव द्वारा आज 23 अप्रेल को संपन्न होगा।संस्था द्वारा घोषित प्रथम सदभावना पुरुस्कार शहर की राम दल समिति को दिया जायेगा जिसने दशहरे के जुलूस में रामदल की भूमिका का निर्वाह करने के साथ ही सांप्रदायिक सदभाव की मिसाल कायम करते हुये मुस्लिम धर्मावलंबियों के त्योहारों में समिति की ओर से स्वागत किया तथा गले मिलकर आपसी भाईचारे की जिले की परंपरा को मजबूत बनाया हैं। संस्था के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी ने बताया हैं कि जिले के मशहूर शायर मरहूम अब्दुल रब सदा साहब की गजलों के संग्रह Þवक्त को आइना चाहियेß का विमोचन कलीम कैसर तथा रचना एहसान की गजलों के संग्रह Þतेरी याद मेंÞ का विमोचन रिफ्त जमाल द्वारा किया जायेगा। विज्ञप्ति में आगे बताया गया हैं कि संस्था द्वारा हिन्दी साहित्य के रमेश चातक और उर्दू साहित्य के जनाब एजाज आमिर को सम्मानित किया जायेगा। प्रतिभाशाली छात्रों में पांचवी में प्रथम कुमारी शिवानी को लोकमत समाचार,कक्षा 8वीं मे प्रथम तरुण कुमार को जबलपुर एक्सप्रेस,10वीं मे प्रथम सिद्धी पांड़ें को साधना टी.वी.एवं 12 वीं में विज्ञान संकाय में प्रथम अनुराग चौधरी को दैनिक दलसागर द्वारा,वाणिज्य संकाय में प्रथम कु. मनीषा सच्चानी को दैनिक युगश्रेष्ठ द्वारा तथा कृषि संकाय में प्रथम पुरषोत्तम यादव,लखनादौन को दैनिक यशोन्नति द्वारा समृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने वाले श्री डी.वी.नायर को उपभोक्ता जागरण के क्षेत्र में दैनिक जनपक्ष द्वारा,शासकीय कार्य के लिये श्री के.के.चौरसिया को वन कर्मचारी संघ द्वारा,विधि संकाय में गोल्ड मेडिल प्रात करने वाली तब्बसुम खॉन तथा रसायन शास्त्र में गोल्ड मेडिल प्राप्त करने वाली खुशबू सदाफल को डॉ. के.एस.राजपूत द्वारा, खेल कूद के क्षेत्र में स्पेशल ओलम्पिक में गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाले शादाब खॉन को श्री पुष्पराज दुबे द्वारा,कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त करने वाले विलास कुमार तिजारे को प्रदीप राय, प्रदीप ट्रेक्टर्स द्वारा एवं सर्वश्रेष्ठ जनप्रतिनिधि के रूप में बरघाट नपं के निवर्तमान अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर को सुनील बघेल द्वारा सम्मानित किया जायेगा। सदभाव के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया हैं कि समिति को देश के प्रसिद्ध कवियों और शायरों की स्वीकृति प्राप्त हो गई हैं जिनमें नज़र बिजनोरी बाम्बे,,यशपाल शर्मा ÞयशÞ फिरोजाबाद, साज इलाहाबादी इलाहाबाद, अर्जुन सिंह चान्द झांसी,कैफ काकोरबी लखनऊ ,मुन्नवर आजमी सागर,मोहतरमा रुखसार बलरामपुरी बलरामपुर,सुश्री प्रज्ञा विकास रायबरेली,मोहतरमा परवीन नूरी कानपुर, सुश्री संगीता सरल, भोपाल,सागर त्रिपाठी बाम्बे तथा सदभाव के मंच से लाफ्टर चेलेंज तक का सफर तय करके देश में जिले का नाम रोशन करने वाले एहसान कुरैशी भी शामिल हैं। समिति ने गीतों और गजलों के शौकीन श्रोताओंं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर गंगा जमुनी आयोजन का आनन्द लेकर सफल

Tuesday, April 20, 2010

जनगणना,परिसीमन को लेकर शिवराज ने चुटकी ले हरवंश और ढ़ालसिंह का लिया मजा
सिवनी। मोगली महोत्सव में मुख्यमन्त्री शिवराजसिंह चोहान नेजनगणना और परसीमन को लेकर हरवंश और ढ़ालसिंह से बातचीत में चुटकी लेकर मजा लिया। बताते हैं कि इस दौरान जनगणना को लेकर चर्चा चल रही थी। इस दौरान शिवराज के साथ इंका विधायक हरवंश सिंह,पूर्व मन्त्री ढ़ालसिंह बिसेन,नरेश दिवाकर विधायक कमल मर्सकोले सहित कई नेता मौजूद थे। जनगणना की चर्चा के दौरान शिवराज ने कहा कि पिछली बार तो परिसीमन में जनसंख्या के खेल ने जिले का राजनैतिक खेल ही बदल दिया था। उन्होंने इंका विधायक हरवंश सिंह की ओर इशारा करते हुये कहा कि ये तो मजे में रहें। फिर डॉ.ढालसिंह की तरफ देखते हुये चुटकी ली कि और इनका खेल बिगाड़ दिया। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि परिसीमन में विलुप्त प्रस्तावित केवलारी क्षेत्र बच गया था जहां से परिसीमन आयोग के सह सदस्य इंका विधायक हरवंश सिंह चुनाव लड़ते हें तथा बरघाट विस क्षेत्र आदिवासी वर्ग के लिये आरक्षित हो गया था जो बिसेन का परंपरागत क्षेत्र था। भाजपा ने पिछला चुनाव डॉ. बिसेन को केवलारी से हरवंश सिंह के विरुद्ध लड़वाया था जहां से चुनाव हार गये हैं। हरवंश सिंह के चुनाव जीतने फिर विधानसभा का निZविरोध उपाध्यक्ष बनने के बाद से हरवंश और शिवराज के सम्बंधों के राज को लेकर सियासी हल्कों में तरह तरह की चर्चायें होते रहतीं हैं। इन हालात में इशारों ही इशारों में मुख्यमन्त्री द्वारा कही गई बात को समझने वाले नेता इस चर्चा का अपने अपने ढ़ंग से अर्थ निकाल कर मजा ले रहे हैं।

Sunday, April 18, 2010

जिले की प्रतिभायें भी सम्मानित होंगी सदभाव के आयोजन में
मशहूर शायर अब्दुल रब सदा एवं रचना एहसान के गजल संग्रह का होगा विमोचन
सिवनी। सदभाव संस्था के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरे के कार्यक्रम में जिले की प्रतिभाओं को सम्मानित करने के साथ ही मशहूर शायर मरहूम अब्दुल रब सदा साहब और रचना एहसान की गजल संग्रहों का विमोचन भी किया जायेगा। सदभाव के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया हैं कि जिले की साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था सदभाव द्वारा आगामी 23 अप्रेल को आयोजित समारोह में जिले की प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया जायेगा। संस्था द्वारा हिन्दी साहित्य के रमेश चातक और उर्दू साहित्य के जनाब एजाज आमिर को सम्मानित किया जायेगा। प्रतिभाशाली छात्रों में पांचवी में प्रथम कुमारी शिवानी को लोकमत समाचार,कक्षा 8वीं मे प्रथम तरुण कुमार को जबलपुर एक्सप्रेस,10वीं मे प्रथम सिद्धी पांड़ेंको साधना टी.वी.एवं 12 वीं में विज्ञान संकाय में प्रथम अनुराग चौधरी को दैनिक दलसागर द्वारा,वाणिज्य संकाय में प्रथम कु. मनीषा सच्चानी को दैनिक युगश्रेष्ठ द्वारा तथा कृषि संकाय में प्रथम पुरषोत्तम यादव,लखनादौन को दैनिक यशोन्नति द्वारा समृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने वाले श्री डी.वी.नायर को उपभोक्ता जागरण के क्षेत्र में दैनिक जनपक्ष द्वारा,शासकीय कार्य के लिये श्री के.के.चौरसिया को वन कर्मचारी संघ द्वारा,खेल कूद के क्षेत्र में स्पेशल ओलम्पिक में गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाले शादाब खॉन को श्री पुष्पराज दुबे द्वारा,कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त करने वाले विलास कुमार तिजारे को प्रदीप राय, प्रदीप ट्रेक्टर्स द्वारा एवं सर्वश्रेष्ठ जनप्रतिनिधि के रूप में बरघाट नपं के निवर्तमान अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर को सुनील बघेल द्वारा सम्मानित किया जायेगा। संस्था के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी ने बताया हैं कि जिले के मशहूर शायर मरहूम अब्दुल रब सदा साहब की गजलों के संग्रह Þवक्त को आइना चाहियेß का विमोचन कलीम कैसर तथा रचना एहसान की गजलों के संग्रह Þतेरी याद मेंÞ का विमोचन रिफ्त जमाल द्वारा किया जायेगा। सदभाव के प्रचार सचिव अवधेश तिवारी द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया हैं कि समिति को देश के प्रसिद्ध कवियों और शायरों की स्वीकृति प्राप्त हो गई हैं जिनमें नज़र बिजनोरी बाम्बे,,यशपाल शर्मा ÞयशÞ फिरोजाबाद, साज इलाहाबादी इलाहाबाद, अर्जुन सिंह चान्द झांसी,कैफ काकोरबी लखनऊ ,मुन्नवर आजमी सागर,मोहतरमा रुखसार बलरामपुरी,सुश्री प्रज्ञा विकास रायबरेली,मोहतरमा परवीन नूरी कानपुर, सुश्री संगीता सरल, भोपाल,सागर त्रिपाठी बाम्बे तथा सदभाव के मंच से लाफ्टर चेलेंज तक का सफर तय करके देश में जिले का नाम रोशन करने वाले एहसान कुरैशी भी शामिल हैं। समिति ने गीतों और गजलों के शौकीन श्रोताओंं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर गंगा जमुनी आयोजन का आनन्द लेकर सफल बनायें।
दूर रहकर भी हमसे वास्ता रखना,मुलाकात ना सही पर बातों का सिलसिला रखना।
चूमो आसमां को तुम,ये मेरी तमन्ना हैं,पर हम तक वापस आने का रास्ता रखना।
भाजपा के युवा नेतृत्व से ढ़ेरों अपेक्षायें हें कार्यकत्ताZओं को -
जिला भाजपा के तथाकथित चुनावों के बाद शेष बचे मंड़लों के मनोनयन का काम भी पूरा हो चुका हें। सर्वाधिक प्रतिष्ठा का प्रश्न बने नगर मंड़ल में अन्तत: विधायक नीता पटेरिया के समर्थक प्रेम तिवारी की ताजपोशी अ संगठन में उनकी पैठ मानने को बड़े बड़े नेताओं को मजबूर कर दिया हैं।विधायक बनने के बाद शायद यह पहला ऐसा मौका था कि अपने समर्थक के लिये नीता पटेरिया ने इतना प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हो वरना पहले तो वे समर्थकों के लिये अड़ते कहीं दिखतीं ही नहीं थीं। अब उनके समर्थकों में यह आशा बंध गईं हैं कि यदि उनकी नेता उनके लिये ऐसी ही लड़ती रहीं तो उन्हें कोई भी नेता नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगा। इस चुनाव में जो नया और युवा नेतृत्व उभर कर सामने आया हैं उससे पार्टी के कार्यकत्ताZओं और विशेषकर युवा पीढ़ी में अधिक उत्साह दिख रहा हैं। उन्हें यह विश्वास हैं कि उनके अपने बीच के लोगों के हाथों में कमान आने से उनके हितों का ध्यान रखा जायेगा। ऐसा कुछ विश्वास करके ही से दस पन्द्रह साल पहले परिर्वतन किया गया था लेकिन तब संगठन से सत्ता के द्वार तक पहुचें नेताओं से कार्यकत्ताZओं को निराशा ही मिली थी। भाजपा के शासनकाल में अक्सर राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा आम रहती कि अब भाजपा कार्यकत्ताZओं को तो अब अपने ही राज में अपनों को कमीशन तक देनी पड़ रही हैं। कई लोग तो यह कहने में भी नहीं चूकते थे कि इससे अच्छे तो कांग्रेस के राज में हमारे काम निपट जाते थे। वैसे भी कांग्रेस राज में नूरा कुश्ती के किस्से तो गाहे बगाहे चलते ही रहते थे। इस बार जिले के कार्यकत्ताZ अपने चहेते युवा नेताओं के उज्जवल भविष्य की कामना तो कर रहें हैं लेकिन किसी शायर के इस शेर की ये लाइने याद दिलाते हुयेदूर रहकर भी हमसे वास्ता रखना मुलाकात ना सही पर बातों का सिलसिला रखनााचूमो आसमां को तुम,ये मेरी तमन्ना हैं,पर हम तक वापस आने का रास्ता रखना।
किसान हलाकान नेता परेशान-
इन दिनों गेहूं के समर्थन मूल्य पर मंड़ी में किसानों के हो रहे शोषण को लेकर सभी पार्टी के नेता चिन्तित दिखायी दे रहें हैं। चाहे इंका के विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह हों या भाजपा विधायक नीता पटेरिया हों या पार्टियों के किसान संगठन हों सभी इस बात को लेकर आन्दोलित हें। मीडिया ने भी नेताओं की इस चिन्ता को काफी कवरेज देकर ध्यान आर्कषित कराया हैं। अब प्रदेश के मन्त्री गौरीशंकर बिसेन भी सिवनी आकर जायजा लेने वाले हैं। नेताओं की चिन्ता तो अपनी जगह ठीक हें लेकिन मंड़ी से सम्बंधित लोगों की बातों को यदि सही माना जाये तो उनका ये दावा हैं कि अधिकांश किसान तो मंड़ी की अव्यवस्थाओं के कारण उससे किनारा कर चुका हैं। आज जिनके लिये सारे नेता हलाकान हें उनमें से अधिकांश तो वे कुचिया व्यापारी हैं जो किसानों से माल लेकर मंड़ी में आकर या तो सेटिंग करके लाभ ले रहें हैं या फिर सेटिंग ना होने से भुगत रहें हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चालू होने से लेकर आज तक एक भी दिन ऐसा नहीं होगा जिस दिन मंड़ी में बिके गेहूं और उस दिन कटी अनुज्ञा की मात्रा एक जैसी रही हो। अधिकांशत: जितनी खरीदी होती हैं उससे कहीं अधिक गेहूं की अनुज्ञा रोज कट रही हैं। ये गेहू कौन ले रहा हैंर्षोर्षो उसे समर्थन मूल्य मिल रहा हें या नहींर्षोर्षो इसकी चिन्ता किसी को भी नहीं हैं। यह सिलसिला सालों से चल रहा हैं और चलते रहेगा। आज जरूरत इस बात की है कि किसानों को मंड़ी आने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। इसके लिये यह अत्यन्त आवश्यक हैं कि मंड़ी की अव्यवस्थाओं को दूर किया जाये जिसके लिये नेता प्रयास करें।
नीता-हरवंश शरीक हुये पट प्रतियोगिता में-

जिले में पट प्रतियोगिता को चलन तो बहुत है लेकिन कुछ पट प्रतियोगिताये चर्चित हो जाती हैंं। हाल ही में जिला ब्राम्हण समाज ने भी पट प्रतियोगिता का आयोजन किया। भीषण गर्मी में आयोजित इस पट प्रतियोगिता की उपयोगिता पर तो कोई सवालिया निशान नहीं हैं क्योंकि समाज को दिशा देने वाले इस बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा इसे आयोजित किया गया था। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से पता चला कि ब्राम्हण समाज की भाजपा विधायक नीता पटेरिया ने इसका उदघाटन किया और विधानसभा के उपाध्यक्ष इंका विधायक ठाकुर हरवंश सिंह ने इसका समापन किया। वैसे तो देखा जाये तो दोनों एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। नीता के ड्रायवर की रिपोर्ट पर हरवंश सिंह के विरुद्ध धारा 307 का मामला बना।मामला दर्ज कराने तत्कालीन सांसद नीता पटेरिया के साथ तमाम भाजपा थाने में डटी रही। हरवंश ने न्याय रैली के नाम पर हजारों का मजमा लगाया। नीता सांसद से सिवनी की विधायक बन गईं।हरवंश सिंह 307 के आरोपी रहते हुये भी विस के उपाध्यक्ष बन गये। मामले का क्या हुआ अब इसके जानने की फुरसत तो शायद नीता जी को भी नहीं हैं। अब थाने में डटने वाले भाजपायी या न्याय रैली में आये इंकाई इसे लेकर कुछ कुछ सोचते और सांठ गांठ तलाशते हैं तो भला क्या किया जा सकता है। वैसे भी सिवनी विस का तो इतिहास भी यही रहा हैं। पहले सियासी हल्कों में नरेश हरवंश नूरा कुश्ती के किस्से चर्चित रहते थे तो अब नीता हरवंश के। इसका सबसे बड़ा कारण तो आमानाला का मामला हैं ही जिसमें प्रदेश में भाजपा की सरकार रहने के बाद भी नीता जी आज तक चालान पेश नहीं करा पायीं हैं।इसके साथ ही एक ही आयोजक द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करने से इन हवाओं को और जोर ही मिलता हैं। अब इसमें सही क्या हैंर्षोर्षो यह तो समय आने पर ही पता चलेगा।
चर्चे मेजबानी मेहमानी के -
मेजबानी के लिये मशहूर जिले के इंका नेता एवं केवलारी क्षेत्र के विधायक हरवंश सिंह ने पेंच नेशनल पार्क में सपरिवार भ्रमण के लिये आये अमेरिका के चेम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष का स्वागत किया। अखबारों में इसके फोटो भी छपे। जब स्वागत किया तो तो निश्चित रूप से चर्चा भी की होगी। चर्चा में जिले और प्रदेश के विकास की बात भी हुयी होगी। यह सब कैसे सम्भव हुआ होगार्षोर्षो इसे लेकर भी चर्चाये हो रहीं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि चर्चा अंग्रेजी में हुयी होगी तो कुछ लोग यह भी कह रहें हें कि किसी दुभाषिये की सेवाये लिये जाने की बात भी कहते हैं।जैसे भी हो लेकिन एक विशिष्ठ विदेशी मेहमान की जिले की ओर से की गई मेजबानी प्रशंसनीय कार्य तो हैं ही।

Thursday, April 15, 2010

जनगणना में भागीदारी निभायें:छूट की चूक होती हैं नुकसानदायक
जनगणना एक महत्वपूर्ण कार्य हें जिसमें जिले के हर परिवार की भागीदारी जरूरी हैं कि वह देखे कि कोई छूटा तो नहीं हैं। अन्यथा छूटने की एक छोटी सी चूक हमारा और हमारे जिले का बड़ा राजनैतिक नुकसान कर पिछड़ने के लिये मजबूर कर देगा जैसा कि पिछले परिसीमन के समय मात्र 582 जनसंख्या कम होने पर जिले की एक विधानसभा सीट और लोकसभा सीट पर ग्रहण लग गया था।
उक्ताशय की अपील जिले के वरिष्ठ इंका नेता आशुतोष वर्मा ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में कहते हुये आग्रह किया हैं कि जनगणना का काम शुरू हो चुका हैं। हर दस सालों में सरकार यह कार्य कराती हैं। जनगणना के ये ही आंकड़े विकास के लिये बनायी जाने वाली योजनायें एवं राजनैतिक रूप से महत्वपूर्ण निर्णय लेने का आधार बनते हैं। इसलिये यह आवश्यक हैं कि जिले का हर परिवार इसमें हिस्सेदारी निभाये और इस बात का बारीकी से ध्यान रखें कि इस गणना में कोई भी छूटे नहीं। वैसे शासकीय अमला इस काम को भीषण गर्मी में भी पूरी मुस्तेदी से कर रहा हैं कि लेकिन जन सहयोग मिल जाने से उनका काम और आसान हो जायेगा और भूल चूक होने की संभावना समाप्त हो जायेगी। आपको ज्यादा कुछ करना भी नहीं हैं । जब आपके घर यह दल पहुंचें तो आप उसे सही सही आंकड़े देकर पंजी में दर्ज करा दें।
इंका नेता वर्मा ने कहा हैं कि जनगणना में हमने यदि छूटने की चूक हो जाने दी तो हमें फिर किसी बड़ा खामियाजे को भुगतना पड़ सकता हैं। इसका दुष्परिणाम जिला एक विधानसभा क्षेत्र और लोकसभा सीट गवां कर भुगत चुका हैं। हमें याद रखना होगा कि सड़क से लेकर सदन तक और अन्त में कोर्ट तक लड़ाई लड़ने के बाद भी हम अपने जायज हक को बचा नहीं पाये थे। जिले की जनसंख्या यदि सिर्फ 582 कम नहीं होती तो ना तो जिले का एक विधानसभा क्षेत्र कम होता और ना ही लोक सभा सीट समाप्त होती।यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि पिछले परिसीमन के दौरान आयोग ने जिले की मात्र शून्य दशमलव शून्य पांच प्रतिशत जनसंख्या,जो कि पांच सौ बियासी होती हैं,कम हो जाने कारण एक विधानसभा क्षेत्र कम कर दिया था। ऐसे दुिष्परणामों से जिले को राजनैतिक और विकास की दिशा में बहुत नुकसान होता हें भले ही स्वार्थी और भ्रष्ट राजनेता नुकसान भुगतने से बच जायें।
अन्त में इंका नेता आशुतोष वर्मा ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की हैं कि वे जनगणना के कार्य में अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें और इसका विशेष ध्यान रखें कि कोई भी छूटे नहीं।

Tuesday, April 6, 2010

ऐसे बनी सुजीत के लिये आम सहमति
नरेश अशोक भिड़न्त में जिला भाजपा के अध्यक्ष बने सुजीत जैन

सिवनी। भारी आपाधापी और आरोप प्रत्यारोपों के बाद अन्तत: सुजीत जैन का चयन जिला भाजपा अध्यक्ष के लिये कर लिया गया हैं। पूर्व विधायक नरेश दिवाकर और को आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष अशोक टेकाम के बीच मची धमासान ने दोनोें के दावों को कमजोर कर दिया। इसी बीच आदिवासी विधायक द्वय शशि ठाकुर और कमल मर्सकोले के नाम भी उछले तो जवाब में वर्तमान अध्यक्ष सुदर्शन बाझल को ही रिपीट करने की भी बात आयी। सिवनी विधायक नीता पटेरिया के नरेश विरोध ने भी रंग दिखाया। बीते कई दिनों से भाजपा के संगठन चुनावों की प्रक्रिया जारी थी। मंड़ल के चुनावों के बाद 3 अप्रेल को जिला भाजपा अध्यक्ष का चुनाव होना था। लगभग सभी भाजपा नेताओं को यह मालूम था कि यदि आम सहमति नहीं बनी तो प्रदेश के निर्देश पर ही निर्णय लिया जायेगा। इस पद के लिये प्रमुख रूप से नरेश दिवाकर और अशोक टेकाम के बीच कशमशकश चल रही थी। दोनों ही तरफ से दांव पेंच खेले जा रहे थे। आदिवासी नेता टेकाम को दरकिनार करने के लिये विधायक शशि ठाकुर और कमल मर्सकोले का नाम भी चलाया गया। जब आदिवासी वर्ग से ये नाम चले तो जवाब में निवर्तमान अध्यक्ष सुदर्शन बाझल को ही रिपीट करने का दांव भी फेंका गया। ऐसा नहीं था कि इन नामों को चलाने वाले उनके समर्थक थे वरन सामने वाले का दावा कमजोर करने के लिये ये नाम एक रणनीति के तहत आगे बढ़ाये जा रहे थे। इसी बीच जब ऐसा लगने लगा कि अशोक टेकाम का नाम कट गया हैं और नरेश दिवाकर अध्यक्ष बन सकते हैं तो सिवनी की विधायक नीता पटेरिया ने इसका तीखा विरोध किया। टिकिट मिलने से लेकर आज तक नरेश से हलाकान रहीं नीता को संगठन उनके हाथों जाते देखना नहीं सुहाया और उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी थी। इसी बीच अन्य कुछ दावेदारों ने दरेश और अशोक दोनों को छोड़कर पांच छ: नामों का पैनल आगे बढ़ाया तथा कहा कि इनमें से किसी को भी बना दो हमें आपत्ति नहीं हैं। इन नामों पर प्रदेश के नेताओं ने राय शुमारी की और यह निर्देशित किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन इस पद के लिये सुजीत जैन के नाम का प्रस्ताव रखेंगें और सर्वसम्मति से उनका निर्वाचन घोषित कर दिया जायेगा। भाजयुमो के महासचिव के रूप में अपना संगठनात्मक राजनैतिक सफर शुरू करने वाले सुजीत जैन नप में पार्षद तथा जल कर्म समिति के अध्यक्ष रहे। इसके साथ ही भाजपा के नगर मंड़ल के वे निर्वतमान अध्यक्ष भी थे। इस चुनाव में भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने सुजीत जैन के अनुभवी कंधों पर अपना विश्वास व्यक्त किया हैं और जिले की कमान उनके हाथों में सौंप दी हैं।

Monday, April 5, 2010

क्या डरे हरवंश और बने अनिल के बीच लुका छिपी का सियासी खेल चल रहा है
बीते दस सालों से चल रही थी नूरा कुश्ती या भावी नये राजनैतिक समीकरणों की तैयार हो रही हैं पृष्ठभूमि

सिवनी। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अनिल चौरसिया के सम्मान समारोह के चचेेZ राजनैतिक गलियारों में हैं। दस साल से एक दूसरे के धुर विरोधी रहे हरवंश सिंह और अनिल चौरसिया द्वारा मंच पर की गई हरकतें और एक दूसरे की तारीफों के पुल बांधने को विश्लेषक ऐसा मान रहें हैं कि डरे हरवंश और बने अनिल के बीच आंख मिचोंली का खेल जारी हैं। मंच से जिला इंकाध्यक्ष महेश मालू द्वारा दिया गया भाषण भी चर्चा का केन्द्र बन रहा हैं। पिछले विस चुनाव में पुराने समूचे केवलारी विस क्षेत्र से भाजपा से मात खाने वाले हरवंश सिंह पुरजोर विरोध और पूरी ताम झाम और पैसा झोंकने के बाद भी अनिल चौरसिया की जीत को रोक नहीं पाये थे। जिला इंका द्वारा घोषित प्रत्याशी सुधीर जैन ना केवल चुनाव हार गये थे वरन तीसरे नंबंर पर चले गये थो अपने आप को हरवंश सिंह के दरबार के नौ रत्नों में से एक मानने वाले सुधीर जैन की हार और जिस अनिल चौरसिया से वो हारे उसे ही हरवंश सिंह द्वारा जिला पंचायत का उपाध्यक्ष बनवा देना सियासी हल्कों में एक पहेली ही बना हुआ हैं।हमने पूर्व में ही यह प्रकाशित किया था कि कांग्रेस में विद्रोह को रोक पाने में असफल हरवंश सिंह ने जिपं चुनाव में योग्यता का अपना पुराना पैमाना बदल दिया था और मोहन चन्देल और अनिल चौरसिया को अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिये चयन किया था। वरना योग्यता और अनुभव की कमी पहली जिला पंचायत से लेकर आज तक कभी भी नहीं थी। यहां यह उल्लेखनीय है कि जब ओला पीड़ित क्षेत्र धनोरा में हरवंश सिंह दौरे पर गये थे तो उन्होंने उपाध्यक्ष अनिल चौरसिया का नाम भी छपवाया था। जिपं अध्यक्ष मोहन चन्देल एवं सदस्य बशीर खॉन अनिल को लेने गये थे लेकिन अनिल ने कन्नी काट ली थी। इसके साथ ही अन्य स्थानों पर हरवंश विरोध भी बन्द नहीं हुआ था। ऐसी ही टालमटोल एकाध बार हो गई थी। जबकि जीतने के बाद अनिल चौरसिया पूर्व केन्द्रीय मन्त्री विमला वर्मा के निवास जाकर ना केवल उनका आशीZवाद लिया था वरन अखबारों में उनकी तारीफ के साथ फोटो भी छपवाये थे। बताया जाता हैं कि शह और मात के इस खेल ने ही अनिल चौरसिया के क्षेत्र में ही उनके पुराने राजनैतिक प्रतिद्वन्दी रेहान पटेल के द्वारा उनका सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें हरवंश सिंह मुख्य अतिथि और सांसदबसोरी सिंह विशिष्ठ अतिथि थे। जिला इंकाध्यक्ष महेश मालू भी मंच पर थे। इस अवसर पर महेश मालू का दिया हुआ भाषण भी कोई कम रोचक नहीं था। उन्होंने अनिल की जन सेवा की तारीफ करते हुये कहा कि इसीलिये वे कोई भी चुनाव लड़तें हैं तो जीतते ही हैं। ऐसे में यह प्रश्न स्वभाविक हो जाता हें कि जब जिला इंकाध्यक्ष यह सच्चायी जानते थे तो जिला पंचायत के चुनाव में अनिल को इंका समर्थित प्रत्याशी क्यों नहीं घोषित किया थार्षोर्षो इंका अध्यक्ष के भाषण के बाद जो राजनैतिक नौटंकी मंच पर हरवंश सिंह और अनिल चौरसिया ने की उसे मौजूद लोग देखते ही रह गये। जहां एक तरफ हरवंश सिंह ने अनिल को अनुभवी और जुझारू नेता बताया तो वहीं अनिल ने भी क्षेत्र को पिछले 16 सालों से हरवंश जैसे जनसेवक के मिलने की सराहना कर डाली। मंच पर नेताओं की राजनैतिक तमाशे बाजी जारी थी तो वहीं दूसरी ओर पिछले दिनों को याद कर इस नौटंकी का भविष्य तलाश रहे थे। जिपं चुनाव में बनी हरवंश अनिल युति से आगे किसको कितना लाभ मिलेगा यह तो भविष्य की गर्त में हें लेकिन इतना जरूर हैं कि बिना किसी मेहनत के अनिल चौरसिया एक बार फिर इंका नेता कहलाने लगें हें और जिला इंकाध्यक्ष उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ने लगें हैं जो पालिका चुनाव तक उनका नाम सुनकर ही बिचकने लगते थे। सियासी हल्कों में लोग यही कह रहें हें कि डरे हरवंश और बने अनिल के बीच क्या लुका छिपी का खेल चल रहा हैर्षोर्षो क्या पिछले दस सालों से दोनों के बीच नूरा कुश्ती चल रही थीर्षोर्षो या फिर आज की नौटंकी कल के किसी नये राजनैतिक समीकरण की पृष्ठभूमि तैयार कर रही हैंर्षोर्षो

Sunday, April 4, 2010

सोनिया की विश्वस्त उर्मिला सिंह के सम्मान समारोह से हरवंश समर्थक जिला इंका की अनुपस्थिति चर्चित
भाजपा के संगठन चुनावों में संघ के मठाधीशों ने मचायी धूम-
जिला भाजपा के चुनावों को लेकर भाजपायी ही यह चर्चा करने लगें हैं कि अब तो अपनी पार्टी में भी कांग्रेस की तर्ज पर चुनाव होने लगे हैं। जिले में भाजपा के 17 मंड़ल हें जिनमें से 13 मंड़लों के अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों की बमुश्किल घोषणा हो पायी हैं। शेष मंड़लों की घोषणा जिले के चुनावों के बाद होने की ही संभावना हैं। इस बार सबसे मजेदार बात यह रही कि एक भी मंड़ल के चुनाव अधिकारी चुनाव परिणामों की घोषणा नहीं कर पायें हैं। जिले के संगठन मन्त्री से साफ निर्देश थे कि सर्व सम्मति बने तो ठीक नहीं तो सारे उम्मीदवारों के नाम लेकर आ जाओं उनकी घोषणा यहीं से की जायेगी। इस तरह चूंकि 13 मंड़लों का गठन हो गया था इसलिये जिले के चुनाव संपन्न कराना भी जरूरी हो गया था। लेकिन निर्देश वही के वहीे थे। अखबारों में इन चुनावों को लेकर समाचार भी छपे लेकिन भाजपा के कर्णधारों के कानों में जूं तक नहीं रेंगीं। अधिकांश मंड़लों के चुनावों से कार्यकत्ताZओं में असन्तोष व्याप्त हैं। राजनीति के जानकारों का मानना हैं कि संघ का भाजपा पर नियन्त्रण तो शुरू से ही रहता हें लेकिन भाजपा कभी भी संघ की इतनी अधिक बंधक नहीं दिखी जितनी कि इस बार दिखायी दे रही हैं। संघ के जिले के झंड़बरदारों के बिना मंड़लों की और प्रदेश के झंड़ाबरदारों के बिना जिले में किसी भी भाजपा नेता का कुछ भी बन पाना सम्भव नहीं हैं।
जिला इंका की अनुपस्थिति ने चर्चित बना दिया उर्मिला सिंह के कार्यक्रम को -
हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल बन कर पहली बार सिवनी आयी महामहिम उर्मिला सिंह का प्रवास कई मायनों में चर्चित रहा। प्रशासनिक हल्कों में भी इस बात की चर्चा रही कि राज्यपाल के कार्यक्रम की शासकीय विज्ञप्ति तक जारी नहीं हुयी। प्रदेश की सीमा पर उनकी आगवानी के लिये प्रोटोकाल अधिकारी के अलावा अन्य किसी का भी उपस्थित ना रहना चर्चा में रहा।महामहिम राज्पाल जैसे संवैधानिक पद के लिये निर्धारित प्रोटोकाल क्या हैर्षोर्षोइसकी बहुत अधिक जानकारी हो सकता हैं कि चर्चा करने वालों को ना हो लेकिन यह तो एक निZविवाद सत्य हैं कि श्रीमती उर्मिला सिंह इस जिले की बेटी हैं और प्रदेश की वरिष्ठ आदिवासी नेता रहीं हैं। इसलिये उनके राज्यपाल बनने से निश्चित रूप से जिला और प्रदेश दोनों ही गौरवािन्वत हुये हैं। पद की शपथ ग्रहण करने के बाद उनके प्रदेश में पहले प्रवेश पर यदि हम उनकी प्रशासकीय और राजनैतिक रूप से आगवानी कर लेते तो कोई दोष तो देता नहीं वरन तारीफ ही की जाती कि सभी के द्वारा जोरदार आगवानी की गई। जिले की सीमा खवासा से लेकर सिवनी शहर तक और फिर अगले तीन दिनो तक राज्यपाल का जिले वासियों ने दिल खोलकर स्वागत किया। जिला मुख्यालय में लालकिला लॉन में मुख्य अभिनन्दन समारोह रखा गया था। इसके लिये एक आयोजन समिति गठित की गई थी। इस आयोजन समिति में जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन चन्देल सहित आशुतोष वर्मा, राजकुमार पप्पू खुराना,प्रसन्न मालू, संजय भारद्वाज,जकी अनवर,प्रदीप राय सहित अन्य लोग शामिल थे। अधिकांश कांग्रेसियो वाली इस समिति से अन्य दलों ने तो परहेज नहीं किया लेकिन जिला इंका के अध्यक्ष सहित अधिकांश पदाधिकारियों ने राज्यपाल जी के सम्मान समारोह से परहेज किया।जबकि विधानसभा के उपाध्यक्ष एवं जिले के इकलौते इंका विधायक ठा. हरवंश सिंह समारोह में उपस्थित थे। राजनैतिक हल्कों में इस बात को लेकर यह चर्चा व्याप्त है कि हरवंश सिंह की मर्जी के बिना एक इंच भी ना हिलने वाली जिला इंका उनके समारोह में आने के बाद भी क्यों नहीं आयीर्षोर्षो जिला इंका के शामिल ना होने के कारणों के लोग अलग अलग कयास लगा रहें हैं। इसके अलावा जिला भापा के अध्यक्ष सुदर्शन बाझल,पूर्व मन्त्री डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर भाकपा सचिव हजारी लाल हेड़ाऊ,माकपा के सोहन क्रीड़े,भाजपा के पूर्व नपा अध्यक्ष प्रमोद कुमार जैन, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष वेद सिंह ठाकुर सहित कई अन्य राजनीतिज्ञ समारोह मे उपस्थित थे। उनके अलावा पचास सेअधिक सामाजिक,व्यापारिक,शासकीय कर्मचारी संगठन,जातीय एवं खेल संगठनों ने इस समारोह में महामहिम का सम्मान किया।जिला पंचायत,जनपद पंचायतों और नगर पालिका के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भी सम्मान किया था। इसीलिये जिला इंकाध्यक्ष महेश मालू की अनुपस्थिति को समारोह में उपस्थित लोगों के अलावा प्रेस ने भी नोट किया और यह अखबारों में सुखीZ भी बना। वैसे भी जिले की राजनीति की जरा भी जानकारी रखने वाले लोग इस बात से भी भलीभंाति वाकिफ हैं कि जब हरवंश सिंह और उर्मिला सिंह दिग्गी के मन्त्रीमंड़ल में साथ थे तब भी हरवंश सिंह को वे फूटी आंख नहीं सुहाती थीं। और तो और 2003 के विस चुनाव में उर्मिला सिंह की हार का जवाबदार भी उन्हें माना जा रहा था। लेकिन उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की विश्वासपात्र बन उर्मिला सिंह ने सबसे पहले कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य फिर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद अब हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल बनीं हैं। उसके बाद भी जिला इंका की यह अनदेखी राजनैतिक हल्कों में चर्चा का विषय बनी हुयी हैं।
निन्दा अकेले आदित्यकुमार की ही क्यों क्या शेष प्रशंसा के पात्र हैं-
कभी किसी की आंख का तारा होने वाले ही आज आंख की किरकिरी बन गया हैं।ऐसा ही नजारा नगर पालिका की बजट मीटिंग में देखने को मिला जब संस्था के सर्वोच्च तकनीकी अधिकारी सहायक यन्त्री डी. आदित्य कुमार के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव लाया गया जो कि पास भी हो गया। वैसे तो आदित्य कुमार सम्मान करने लायक थे ही नहीं तो उन्हें सालों मिला।निर्माण कार्यों में घपले और बनाये गये कीर्तिमानों के प्रणेता ये ही थे। पैसे के लिये उस परिषद में क्या कुछ नहीं हुआर्षोर्षो ऐसा भी हुआ जिसका उल्लेख भी सार्वजनिक रूप से नहीं किया जा सकता। लेकिन जो कुछ आया क्या वो सभी आदित्यकुमार ही हजम कर गये। क्या शासन से नोटिस पाने वानी तत्कालीन अध्यक्ष पार्वती जंघेला,उपाध्यक्ष सन्तोष पंजवानी और सी.एम.ओ. मकबूल खॉन जवाबदार नहीं हैं। एक घड़ी उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश को देखते हुये खॉन को अनग भी कर दिया जाये तो क्या ये दोनों भी आदित्य कुमार के समान ही निन्दा के पात्र नहीं हैंर्षोर्षो यदि नहीं हैं तो क्या पालिका इनका नागरिक अभिनन्दन करेगीर्षोर्षो उपाध्यक्ष राजिक अकील द्वारा इस सम्बंध में उठायी गई आपत्ति और अन्य जिम्मेदार लोगों को भी शामिल करने की बात सुनी ही नहीं गई। ऐसा सब क्यों हुआ और कौन कराना चाहता हैंर्षोर्षोइसका खुलासा आज नहीं तो कभी तो होगा ही।नव निर्वाचित उत्साही एवं युवा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी को इन सब मामलों की गहरायी तक जाना जरूरी है अन्यथा पिछली पालिका के पापों के छींटों से वे बच नहीं सकेगें।

political dairy of Seoni dist.of m.p.

सोनिया की विश्वस्त उर्मिला सिंह के सम्मान समारोह से हरवंश समर्थक जिला इंका की अनुपस्थिति चर्चित
भाजपा के संगठन चुनावों में संघ के मठाधीशों ने मचायी धूम-
जिला भाजपा के चुनावों को लेकर भाजपायी ही यह चर्चा करने लगें हैं कि अब तो अपनी पार्टी में भी कांग्रेस की तर्ज पर चुनाव होने लगे हैं। जिले में भाजपा के 17 मंड़ल हें जिनमें से 13 मंड़लों के अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों की बमुश्किल घोषणा हो पायी हैं। शेष मंड़लों की घोषणा जिले के चुनावों के बाद होने की ही संभावना हैं। इस बार सबसे मजेदार बात यह रही कि एक भी मंड़ल के चुनाव अधिकारी चुनाव परिणामों की घोषणा नहीं कर पायें हैं। जिले के संगठन मन्त्री से साफ निर्देश थे कि सर्व सम्मति बने तो ठीक नहीं तो सारे उम्मीदवारों के नाम लेकर आ जाओं उनकी घोषणा यहीं से की जायेगी। इस तरह चूंकि 13 मंड़लों का गठन हो गया था इसलिये जिले के चुनाव संपन्न कराना भी जरूरी हो गया था। लेकिन निर्देश वही के वहीे थे। अखबारों में इन चुनावों को लेकर समाचार भी छपे लेकिन भाजपा के कर्णधारों के कानों में जूं तक नहीं रेंगीं। अधिकांश मंड़लों के चुनावों से कार्यकत्ताZओं में असन्तोष व्याप्त हैं। राजनीति के जानकारों का मानना हैं कि संघ का भाजपा पर नियन्त्रण तो शुरू से ही रहता हें लेकिन भाजपा कभी भी संघ की इतनी अधिक बंधक नहीं दिखी जितनी कि इस बार दिखायी दे रही हैं। संघ के जिले के झंड़बरदारों के बिना मंड़लों की और प्रदेश के झंड़ाबरदारों के बिना जिले में किसी भी भाजपा नेता का कुछ भी बन पाना सम्भव नहीं हैं।
जिला इंका की अनुपस्थिति ने चर्चित बना दिया उर्मिला सिंह के कार्यक्रम को -
हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल बन कर पहली बार सिवनी आयी महामहिम उर्मिला सिंह का प्रवास कई मायनों में चर्चित रहा। प्रशासनिक हल्कों में भी इस बात की चर्चा रही कि राज्यपाल के कार्यक्रम की शासकीय विज्ञप्ति तक जारी नहीं हुयी। प्रदेश की सीमा पर उनकी आगवानी के लिये प्रोटोकाल अधिकारी के अलावा अन्य किसी का भी उपस्थित ना रहना चर्चा में रहा।महामहिम राज्पाल जैसे संवैधानिक पद के लिये निर्धारित प्रोटोकाल क्या हैर्षोर्षोइसकी बहुत अधिक जानकारी हो सकता हैं कि चर्चा करने वालों को ना हो लेकिन यह तो एक निZविवाद सत्य हैं कि श्रीमती उर्मिला सिंह इस जिले की बेटी हैं और प्रदेश की वरिष्ठ आदिवासी नेता रहीं हैं। इसलिये उनके राज्यपाल बनने से निश्चित रूप से जिला और प्रदेश दोनों ही गौरवािन्वत हुये हैं। पद की शपथ ग्रहण करने के बाद उनके प्रदेश में पहले प्रवेश पर यदि हम उनकी प्रशासकीय और राजनैतिक रूप से आगवानी कर लेते तो कोई दोष तो देता नहीं वरन तारीफ ही की जाती कि सभी के द्वारा जोरदार आगवानी की गई। जिले की सीमा खवासा से लेकर सिवनी शहर तक और फिर अगले तीन दिनो तक राज्यपाल का जिले वासियों ने दिल खोलकर स्वागत किया। जिला मुख्यालय में लालकिला लॉन में मुख्य अभिनन्दन समारोह रखा गया था। इसके लिये एक आयोजन समिति गठित की गई थी। इस आयोजन समिति में जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन चन्देल सहित आशुतोष वर्मा, राजकुमार पप्पू खुराना,प्रसन्न मालू, संजय भारद्वाज,जकी अनवर,प्रदीप राय सहित अन्य लोग शामिल थे। अधिकांश कांग्रेसियो वाली इस समिति से अन्य दलों ने तो परहेज नहीं किया लेकिन जिला इंका के अध्यक्ष सहित अधिकांश पदाधिकारियों ने राज्यपाल जी के सम्मान समारोह से परहेज किया।जबकि विधानसभा के उपाध्यक्ष एवं जिले के इकलौते इंका विधायक ठा. हरवंश सिंह समारोह में उपस्थित थे। राजनैतिक हल्कों में इस बात को लेकर यह चर्चा व्याप्त है कि हरवंश सिंह की मर्जी के बिना एक इंच भी ना हिलने वाली जिला इंका उनके समारोह में आने के बाद भी क्यों नहीं आयीर्षोर्षो जिला इंका के शामिल ना होने के कारणों के लोग अलग अलग कयास लगा रहें हैं। इसके अलावा जिला भापा के अध्यक्ष सुदर्शन बाझल,पूर्व मन्त्री डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर भाकपा सचिव हजारी लाल हेड़ाऊ,माकपा के सोहन क्रीड़े,भाजपा के पूर्व नपा अध्यक्ष प्रमोद कुमार जैन, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष वेद सिंह ठाकुर सहित कई अन्य राजनीतिज्ञ समारोह मे उपस्थित थे। उनके अलावा पचास सेअधिक सामाजिक,व्यापारिक,शासकीय कर्मचारी संगठन,जातीय एवं खेल संगठनों ने इस समारोह में महामहिम का सम्मान किया।जिला पंचायत,जनपद पंचायतों और नगर पालिका के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भी सम्मान किया था। इसीलिये जिला इंकाध्यक्ष महेश मालू की अनुपस्थिति को समारोह में उपस्थित लोगों के अलावा प्रेस ने भी नोट किया और यह अखबारों में सुखीZ भी बना। वैसे भी जिले की राजनीति की जरा भी जानकारी रखने वाले लोग इस बात से भी भलीभंाति वाकिफ हैं कि जब हरवंश सिंह और उर्मिला सिंह दिग्गी के मन्त्रीमंड़ल में साथ थे तब भी हरवंश सिंह को वे फूटी आंख नहीं सुहाती थीं। और तो और 2003 के विस चुनाव में उर्मिला सिंह की हार का जवाबदार भी उन्हें माना जा रहा था। लेकिन उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की विश्वासपात्र बन उर्मिला सिंह ने सबसे पहले कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य फिर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद अब हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल बनीं हैं। उसके बाद भी जिला इंका की यह अनदेखी राजनैतिक हल्कों में चर्चा का विषय बनी हुयी हैं।
निन्दा अकेले आदित्यकुमार की ही क्यों क्या शेष प्रशंसा के पात्र हैं-
कभी किसी की आंख का तारा होने वाले ही आज आंख की किरकिरी बन गया हैं।ऐसा ही नजारा नगर पालिका की बजट मीटिंग में देखने को मिला जब संस्था के सर्वोच्च तकनीकी अधिकारी सहायक यन्त्री डी. आदित्य कुमार के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव लाया गया जो कि पास भी हो गया। वैसे तो आदित्य कुमार सम्मान करने लायक थे ही नहीं तो उन्हें सालों मिला।निर्माण कार्यों में घपले और बनाये गये कीर्तिमानों के प्रणेता ये ही थे। पैसे के लिये उस परिषद में क्या कुछ नहीं हुआर्षोर्षो ऐसा भी हुआ जिसका उल्लेख भी सार्वजनिक रूप से नहीं किया जा सकता। लेकिन जो कुछ आया क्या वो सभी आदित्यकुमार ही हजम कर गये। क्या शासन से नोटिस पाने वानी तत्कालीन अध्यक्ष पार्वती जंघेला,उपाध्यक्ष सन्तोष पंजवानी और सी.एम.ओ. मकबूल खॉन जवाबदार नहीं हैं। एक घड़ी उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश को देखते हुये खॉन को अनग भी कर दिया जाये तो क्या ये दोनों भी आदित्य कुमार के समान ही निन्दा के पात्र नहीं हैंर्षोर्षो यदि नहीं हैं तो क्या पालिका इनका नागरिक अभिनन्दन करेगीर्षोर्षो उपाध्यक्ष राजिक अकील द्वारा इस सम्बंध में उठायी गई आपत्ति और अन्य जिम्मेदार लोगों को भी शामिल करने की बात सुनी ही नहीं गई। ऐसा सब क्यों हुआ और कौन कराना चाहता हैंर्षोर्षोइसका खुलासा आज नहीं तो कभी तो होगा ही।नव निर्वाचित उत्साही एवं युवा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी को इन सब मामलों की गहरायी तक जाना जरूरी है अन्यथा पिछली पालिका के पापों के छींटों से वे बच नहीं सकेगें।