आरती की थाली में रखे दो सौ रुपयेउठाने पर लेकर ऐसा बवाल मचा कि पूरे जिले की राजनीति में भू चाल आ गया
प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष एवं विधायक नीता पटेरिया ने अटल जी के जन्मदिन पर आयोजन रखा था। कार्यक्रम में भारतमाता की आरती उतारने और दीप प्रज्जवलित करने के बाद मुख्यअतिथि नाना भाऊ ने थाली में दो सौ रुपये रखे जो उनके पीछे चल रहीं आयोजक विधायक नीता पटेरिया ने उठाकर अपनी स्वेटर की जेब में रख लिये। इसके प्रसारित होते ही प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष विधायक नीता पटेरिया ने इसे एक पारिवारिक घटना के हास्य विनोद के क्षण बताया। नगर इंका अध्यक्ष इमरान पटेल ने नीता को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि अपने सांसद रहते हुये मैडम परसेन्टेज के नाम से मशहूर हो चुकी नीता पटेरिया ने पूजा की थाली से नोट उठाकर पुरोहित का हक छीन लिया। जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन ने कहा है कि जिनमें सत्य उजागर करने का साहस नहीं होता वे बदनाम करने की साजिश करतें हैं। जिला कांग्रेस ने सवाल उठाया कि यदि यह भाजपा का पारिवारिक कार्यक्रम था तो भाजपा को यह खुलासा भी करना चाहिये कि वीडियोग्राफी किसने करायी और उसमें छेड़छाड़ किसने की है?नेहरू युवक केन्द्र के कार्यक्रम का उदघाटन इंका विधायकहरवंश ने एवं समापनमविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकरद्वारा किया जाना भी राजनैतिक हल्कों में चर्चित हो गया हैं।
अटल जी के जन्म दिन पर आयोजित कार्यक्रम को लेकर मचा बवाल-क्रिसमस याने 25 दिसम्बर के दिन मिशन स्कूल मैदान में अटल जी जम्न दिन ऐसा मना कि उसकी सुर्खियां नये साल के आयोजन तक बनी रहीं।उल्लेखनीय है कि प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष एवं विधायक नीता पटेरिया ने अटल जी के जन्मदिन पर आयोजन रखा था। इसमें कार्यकर्त्ताओं के सम्मान और भोज के साथ ही 26 टेंकरों का भी वितरण किया गया था। आयोजन के मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री नाना भाऊ मोहाड़ थे।कार्यक्रम में भारतमाता की आरती उतारने और दीप प्रज्जवलित करने के बाद मुख्यअतिथि नाना भाऊ ने थाली में दो सौ रुपये रखे जो उनके पीछे चल रहीं आयोजक विधायक नीता पटेरिया ने उठाकर अपनी स्वेटर की जेब में रख लिये। यह सब एक पत्रकार में वीडियो कैमरे में कैद हो गया। एक दिन बाद से ही आग की तरह फैली यह खबर मीडिया की ऐसी सुर्खी बनी ना केवल पूरे प्रदेश वरन कई अन्य प्रदेशों में भी छा गयी। इसके प्रसारित होते ही प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष विधायक नीता पटेरिया ने इसे एक पारिवारिक घटना के हास्य विनोद के क्षण बताया और कहा कि जब नाना भाऊ ने यह रुपये रखे तब मैंने उनसे कहा कि मैं इस कार्यक्रम की आयोजक हूं अतः इन पर मेरा अधिकार बनता है और मैंने रुपये उठाकर अपनी जेब में रख लिये। उन्होंने यह भी कहा कि नाना भाऊ ने मुझसे कहा कि आप तो मेरी बड़ी बहन है ताई हैं। इतना कहने के बाद उन्होंने मेरे पैर भी पड़े। नीता पटेरिया ने यह भी कहा एक पारिवारिक घटना को समाचार बनाकर एक महिला का जिस तरह अपमान किया गया उससे मैं बहुत अधिक दुखी हॅूं। इस घटना पर विज्ञप्ति जारी करते हुये नगर इंका अध्यक्ष इमरान पटेल ने नीता को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि अपने सांसद रहते हुये मैडम परसेन्टेज के नाम से मशहूर हो चुकी नीता पटेरिया ने पूजा की थाली से नोट उठाकर पुरोहित का हक छीन लिया। इमरान पटेल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा से भी सवाल पूछ डाला कि क्या वे नीता पटेरिया से त्यागपत्र लेने का साहस दिखायेंगें। नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने भी एक बयान जारी कर इसे भाजपा का असली चेहरा बताया और कहा कि भाजपा की महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष की इस करनी से उसकी सुचिता की पोल खुल गयी हैं। अखबारों में यह भी प्रकाशित हुआ कि जब मामला प्रदेष स्तर पर पहुंच गया तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा ने नीता पटेरिया का ढ़ाढ़स बंधातें हुये यह कहा कि आप निष्ंिचत रहे राजनैतिक जीवन में तो यह सब होते रहता हैं।नगर इंकाध्यक्ष के बयान पर संज्ञान लेते हुये जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन ने कहा है कि जिनमें सत्य उजागर करने का साहस नहीं होता वे बदनाम करने की साजिश करतें हैं। मुद्दा विहीन कांग्रेस निराधार मामले में नीता पटेरिया को बदनाम कर रहीं हैं। किसी पार्टी के निजी कार्यक्रम में टीका टिप्पणी करना और उनके मामलों दखल देना गलत है लेकिन कांग्रेस ऐसा कर रही हैं। जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन की विज्ञप्ति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये जिला इंकाध्यक्ष हीरा आसवानी और सिवनी विस क्षेत्र के पूर्व इंका प्रत्याशीगण आशुतोश वर्मा,राजकुमार पप्पू खुराना एवं प्रसन्न माले तथा पूर्व मंड़ी अध्यक्ष दिलीप बघेल के संयुक्त नामों से जारी विज्ञप्ति में भाजपा और नीता पटेरिया पर कई आरोप चस्पा किये। कांग्रेस की इस विज्ञप्ति में यह भी सवाल उठाया गया कि हास्य विनोद यदि किया गया तो आखिर किसके साथ? भारतमाता के या जिन अटल जी का जन्मदिन मना रहें थे उनके साथ। यह भी कहा गया कि यह मामला भाजपा की अंर्तकलह का मामला है जिसमें भाजपा कांग्रेस को जबरन लपेट रही हैं। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि यदि यह भाजपा का पारिवारिक कार्यक्रम था तो भाजपा को यह खुलासा भी करना चाहिये कि वीडियोग्राफी किसने करायी और उसमें छेड़छाड़ किसने की है? इसके जवाबमें नगर भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी ने कहा कि कांग्रेस अपने नेताजिन्हें श्रीमान 420 का खिताब मिल चुका है वे अपने ऊपर लगे 420 के आरोपों सहित अन्यआरोपों सेकैसे बरी हुये? जिले की राजनीति में टेंकरों और जन्मदिन का है ना यह विचित्र संयोग। लेकिन दोनों में फर्क इतना है कि हरवंश सिंह ने खुद के जन्मदिन पर यह कारनामा किया था लेकिन नीता पटेरिया ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर यह सौगात बांटी हैं। लेकिन दोनों ही कार्यक्रमों में एक बात की समानता यह भी हैं कि दोनों ही नेताओं ने सौगात बांटने के लिये विधायक निधि का ही उपयोग किया हैं। अब यह सही है या गलत? यह तो जनता जनार्दन ही तय करेगी। नीता समर्थक भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि जिसने आयोजन में स्वयं लाखों रुपये खर्च किये हों वो भला दो सौ रुपये चुरायेगा क्या? मामला हंसी मजाक का ही था जिसे जबरन विघ्नसंतोषी नेताओं ने तूल दे दिया। भाजपायी दबी जुबान से यह कहने में भी कोई संकोच नहीं कर रहें है कि भाजपा के ही एक गुट विशेष के लोगों ने इसे तूल दिया हैं।
हरवंश द्वारा उदघाटन एवं नरेश द्वारा समापन किया जाना चर्चित-भारत शासन के मानव संसाधन विभाग के अंर्तगत आने वाले नेहरू युवक केन्द्र का एक कार्यक्रम राजनैतिक हल्कों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ इंका विधायक और विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने किया जबकि समापन महाकौशल विकास प्राधिकरण के कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष नरेश दिवाकर ने किया। सालों से दोनों नेताओं के बीच नूरा कुश्ती के आरोप इंका और भाजपा दोनों ही पार्टियों में चर्चित रहें हैं। फिर ऐसे में केन्द्र सरकार के एक विभाग द्वारा भाजपा नेता नरेश दिवाकर को समापन समारोह में मुख्य अतिथि बनाना खास चर्चित हो गया हैं। चर्चा का एक मुख्य कारण यह भी है कि अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में सिवनी ब्लाक के एक भवन का लोकार्पण हरवंश सिंह ने किया और प्रदेश की भाजपा सरकार के नुमांइदों ने संबंधित पंचायत सचिव को दंड़ित कर डाला। ऐसे में यह सवाल उठना स्वभाविक हैं कि हरवंश समर्थक इंका नेता जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह चंदेल को भी समापन समारोह में मुख्य अतिथि बना सकने को विकल्प रहते हुये भाजपा नेता नरेश दिवाकर का चयन क्यों किया गया?
और अंत में-मातृ भाषा गौरव जागरण के कार्यक्रम में अंग्रेजी भाषा से परहेज कर मातृ भाषा का उपयोग करने की सीख देने वाली संस्था द्वारा जारी की गयी विज्ञप्ति में जारी करने वाले ने स्वयं अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये थे। आखिर इसे ही तो कहते हैं कि पर उपदेश सहज बहुतेरे।
राम के नाम पर वोट बटोरने वाली भाजपा के नेता नरेश दिवाकर द्वारा माता सीता के वनवास पर सुनाया मेसेज चर्चित
विधायक नीता पटेरिया,मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर और पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी तीनों ही भाजपा नेता हैं। सभी शहर के विकास के लिये गंभीर और प्रयासरत हैं। लेकिन नीता और नरेश पालिका को ऐजेन्सी बनाने सें कतराते हैं। महाकौशल विकास प्राधिकरण के कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष नरेश दिवाकर द्वारा पी.जी. कालेज के कार्यक्रम में सीता के वनवास को लेकर सुनाया गया एक एस.एम.एस. सुर्खियों में छाया हुआ हैं। मेसेज सुनाने के पहले नरेश ने यह भी कहा था कि हर कविता या दोहे का कोई ना कोई मतलब होता हैं। ब्राम्हण समाज की युवा शाखाा की ओर से इसे अपमानजनक बताते हुये मांग की गयी कि नरेश सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। नरेश ने माफी ना मांग कर ठेस पहुंची हो तो खेद व्याक्त किया हैं। भाजपा तो राम का नाम लेकर दो सीटों से देश की सत्ता तक पहुंच गयी। भाजपा भातीय संस्कृति की ध्वज वाहक बनने का दावा करती हैं और उसके वरिष्ठ नेता सीता के वनवास और उनके त्याग का मजाक उड़ाने वाले मेसेज पढ़कर सुनाते हैं। इस मामले में सवाल यह उठता है कि अभी तो प्रदेश सरकार से वन विभाग का प्रस्ताव ही केन्द्र सरकार को नहीं भेजा गया हैं। यह बात मुख्यमंत्री को इस प्रतिनिधि मंड़ल नेबतायी ही नहीं या बताने का साहस नहीं जुटा पायी।वैसे भी मुख्यमंत्री पिछले दो साल में चौथी बार ऐसा आश्वासन देकर गये हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहा हैं।
पालिका को ऐजेन्सी बनाने से परहेज किया नीता नरेश ने-विधायक नीता पटेरिया,मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर और पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी तीनों ही भाजपा नेता हैं। सभी शहर के विकास के लिये गंभीर और प्रयासरत हैं। विधायक नीता पटेरिया ने नगर पालिका को विधायक निधि से पांच टेंकर दिये। मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर ने शहर की सबसे अधिक बहुचर्चित घटिया सड़क,एस.पी.बंगले से सर्किट हाउस, बनाने के लिये तीस लाख रु. दिये लेकिन दोनों ने ही नगर पालिका को ऐजेन्सी बनाने से परहेज किया। जबकि पालिका में भी भाजपा का ही अध्यक्ष हैं। भाजपाइयों में चर्चित हैं कि ये दोनों ही नेता पालिका के भ्रष्टाचार से डरे हुये हैं। जबकि यदि देखा जाये तो भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के आरोप आज भला किस पर नहीं लग रहें हैं।
नरेश द्वारा सीता माता को लेकर सुनाये गये मेसेज से मचा बवाल-भाजपा नेताओं की हरकतें इन दिनों राजनैतिक हल्कों में सुर्खियों में बनीं हुयी हैं। अभी विधायक नीता पटेरिया के आरती की थाली से रुपये उठाने की घटना की चर्चा खत्म भी नहीं हुयी थी कि महाकौशल विकास प्राधिकरण के कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष नरेश दिवाकर द्वारा पी.जी. कालेज के कार्यक्रम में सीता के वनवास को लेकर सुनाया गया एक एस.एम.एस. सुर्खियों में छाया हुआ हैं। अपने भाषण के अंत में उन्होंने जा कहा उसका अक्षरशः उल्लेख हम कर कर रहें हैं। दिवकार ने कहा कि,“एनुवल डे का कार्यक्रम हैं। चार लाइनें मुझे याद आ रहीं हैं। यदि आप सबकी अनुमति हो तो वो चार लाइनें सुनाकर अपनी बात को विराम दूंगा। याद आ गयी मुझे। जितने भी कवितायें और दोहे होते हैं उसके पीछे कोई ना कोई मतलब होता हैं। मुझे आज एक एस.एम.एस. आया वो एस.एम.एस. इच्छा हुयी आपको पढ़कर सुना दूॅं। सीता के वनवास जाने में बहुत बड़ी सीख है। सीता मां वनवास गयीं थी। सीता के वनवास जाने में बहुत बड़ी सीख हैं। घर में जब तीन तीन सास हों तो जंगल ही ठीक है।बहुत बहुत धन्यवाद।“ इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में आने के बाद मामला चर्चित हो गया हैं। ब्राम्हण समाज की युवा शाखा की ओर से इसे अपमानजनक बताते हुये मांग की गयी कि नरेश सार्वजनिक रूप से माफी मांगें नहीं तो आंदोलन किया जायेगा। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि सीता माता को भारतीय समाज एक आदर्श मानता हैं और उन पर ऐसा घटिया जोक सुनाना निंदनीय हैं। कुछ अखबारों में प्रकाशित इस विज्ञप्ति के साथ ही नरेश दिवाकर का तो खेद व्यक्त करता हूं के शीर्षक से समाचार भी छपा कि मैंने भगवान राम और सीता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की गयी वरन मेरे द्वारा मोबाइल में आये एक एस.एम.एस. विद्यार्थियों को सुनाया गया था। मेरे द्वारा उक्त मेसेज का उललेख करने से किसी को भी कोई ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिये खेद व्यक्त करता हॅूं। मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम और माता सीता सभी के लिये वंदनीय हैं। उनके बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता हूॅं। दस साल तक विधायक रहने वाले और आज कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त एक वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता से ऐसी उम्मीद तो कतई नहीं की जा सकती कि वो मोबाइल पर आये एक ऐसे मेसेज को पढ़कर विद्यार्थियों को सुनाये। संघ की पृष्ठ भूमि वाले दिवाकर ने इसी आधार पर बहुत कुछ हासिल किया हैं। भाजपा तो राम का नाम लेकर दो सीटों से देश की सत्ता तक पहुंच गयी। भाजपा के कार्यकर्त्ताओं का गला यह नारा लगा लगा कर फट जाता है कि कसम राम की खाते हैं हम मंदिर वहीं बनायेंगें। भाजपा भातीय संस्कृति की ध्वज वाहक बनने का दावा करती हैं और उसके वरिष्ठ नेता सीता के वनवास और उनके त्याग का मजाक उड़ाने वाले मेसेज पढ़कर सुनाते हैं। मेसेज सुनाने के पहले नरेश ने यह भी कहा था कि हर कविता या दोहे का कोई ना कोई मतलब होता हैं। इस दोहे का मतलब तो यही निकलता हैं कि सीता माता तीन सासों से परेशान होकर ही जंगल गयीं थीं। इस बार यह मेसेज मीडिया में आने और बा्रम्हण समाज द्वारा विरोध के कारण नरेश ने खेद तो व्यक्त कर दिया पर साथ्र ही यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने यह मेसेज पढ़कर सुनाया था। लेकिन माफी तब भी नहीं मांगी। यहां एक बात यह भी उल्लेखनीय हैं नरेश दिवाकर ने एम.एल.बी.गर्ल्स स्कूल के वार्षिक उत्सव में 28 नवम्बर को यही मेसेज पढ़कर विद्यालय की छात्राओं को सुनाया था। लेकिन तब वहां मीडिया ना होने के कारण मामला छिपा रहा तो नरेश ने चुप्पी साधी रही। अभी भी यदि यह मीडिया में ना आता तो आगे और कई कार्यक्रमों में वे ये मेसेज शायद सुनाते रहते। वैसे भी मोबाइल पर आने वाले मेसेज के बारे में तो कुछ कहना ही बेकार है। कई तो इतने गंदे मेसेज भी आते हैं कि उन्हें तुरंत मिटाने मे ही भलाई रहती हैं। किसी युवा नेता से तो ऐसे लड़कपन की उम्मीद भी की जा सकती है लेकिन नरेश दिवाकर जैसें एक वरिष्ठ एवं परिपक्व भाजपा नेता द्वारा यह मेसेज सुनाया जाना कहां तक उचित है? साथ ही एक सवाल यह भी उठ खड़ा होता है कि माता सीता का अपमान करने वाली भाजपा और उसके नेता भला राम भक्त कैसे हो सकतें हैं?
फोर लेन के लिये चौथी बार शिवराज के दिया आश्वासन-जिला भाजपा का एक प्रतिनिधि मंड़ल मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर और जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के निर्देश पर छिंदवाड़ा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिला। भाजपा नेताओं ने जिले की फोर लेन मामले में उनसे चर्चा की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय भू तल परिवहन मंत्री जोशी से मिलकर शीघ्र ही समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया। इस मामले में सवाल यह उठता है कि अभी तो प्रदेश सरकार से वन विभाग का प्रस्ताव ही केन्द्र सरकार को नहीं भेजा गया हैं। यह बात मुख्यमंत्री को इस प्रतिनिधि मंड़ल नेबतायी ही नहीं या बताने का साहस नहीं जुटा पायी।वैसे भी मुख्यमंत्री पिछले दो साल में चौथी बार ऐसा आश्वासन देकर गये हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहा हैं। फोर लेन को लेकर पिछले कुछ महीनों से और भी कई मंेचों से प्रयास जारी हो गये हैं। ऐसा लगता है कि फोर लेन के मामले का जल्द ही कोई निपटारा होने जा रहा हैं इसलिये अब श्रेय लेने चक्कर में हर कोई प्रयास करते दिखना चाह रहा हैं ताकि सेहरा उसके सिर पर बंध सके। जबकि आज जरूरत इसबात की है कि पिछली बार तरह इस बार भी प्रदेश वाइल्ड लाइफ बोर्ड से कोई नकारात्मक कमेंट ना जाये। इसके लिये संयुक्त प्रयास किये जाने चाहिये। प्रदेश सरकार से जब प्रस्ताव केन्द्र सरकार कासे चला जायेगा तब वहां से प्रयास कर जल्दी ही काम शुरू कराने की काशिश की जाना चाहिये। अन्यथा सब कुछ राजनीति का एक खेल बन कर ही हर जायेगा।