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Monday, December 12, 2011

plitical dairy of seoni disst. of M.P.

शिवराज और सरकार के खिलाफ विरोध करने की अनुमति प्रशासन दे देता है लेकिन हरवंश सिंह का विरोध करने की अनुमति नहीं दी जाती है?

नोट फार वोट कांड़ में जमानत पर रिहा हुये भाजपा के वरिष्ठ राष्ट्रीय आदिवासी नेता फगग्नसिंह कुलस्ते ने अपने संसदीय क्षेत्र मंड़ला से आदिवासी सम्मान यात्रा प्रारंभ की है।यह भी चर्चित है कि गोटेगांव और केवलारी विस क्षेत्र से कांग्रेस के नर्मदा प्रजापति और हरवंश सिंह विधायक हैं लेकिन पिछले लोस चुनाव में चुनाव हारने वाले कुलस्ते इन दोनों ही सीटों से चुनाव जीते थे। कुलस्ते ने कांग्रेस और राष्ट्रीय नेतृत्व पर जम हर निशाने साधे लेकिनइस पर कांग्रेस की चुप्पी चर्चा में हैं। पिछले कुछ दिनों से नगर भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी के तीखे तीर इंका नेता हरवंश सिंह पर चल रहे हैं। उन्हें जवाब देने की कमान नगर इंका अध्यक्ष इमरान पटेल ने थाम रखी हैं। बसपा ने जिला मुख्यालय पर बाबा साहब अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर विशाल आयोजन कर अपनी चुनावी तैयारियों की शुरुआत कर दी हैं।प्रदेश अध्यक्ष मौर्य ने इंका और भाजपापर निशाना साधते हुये कहा कि दोनों की करनी एक ही है। गौगपा ने इंका विधायक हरवंश सिंह का जन्मदिन एक शासकीय आयोजन के रूप में शासकीय धन खर्च किये जाने की जांच की मांग मुख्यमंत्री से की है। एक अत्यंत गंभीर आरोप यह भी लगाया है कि मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ तो थाने के अंदर भी विरोध करने की अनुमति प्रशासन दे देता है लेकिन हरवंश सिंह का विरोध करने के लिये केवलारी विस क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाती हैं।

जिले में कुलस्ते की आदिवासी सम्मान यात्रा चर्चित-नोट फार वोट कांड़ में जमानत पर रिहा हुये भाजपा के वरिष्ठ राष्ट्रीय आदिवासी नेता फगग्नसिंह कुलस्ते ने अपने संसदीय क्षेत्र मंड़ला से आदिवासी सम्मान यात्रा प्रारंभ की है। नये मंड़ला संसदीय क्षत्र में नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव एवं सिवनी जिले की लखनादौन एवं केवलारी विस सीट के अलावा मंड़ला जिले की पांचः विस सीटें आती हैं। यह भी एक आश्चर्यजनक तथ्य है कि गोटेगांव और केवलारी विस क्षेत्र से कांग्रेस के नर्मदा प्रजापति और हरवंश सिंह विधायक हैं लेकिन पिछले लोस चुनाव में चुनाव हारने वाले कुलस्ते इन दोनों ही सीटों से चुनाव जीते थे। जिले की लखनादौन विस सीट से कुलस्ते को भारी मतों से हारना पड़ा था। इसके साथ ही वे अपने गृह जिले मंड़ला की पांचों विस सीटों से भी चुनाव हार गये थे। गोटेगांव के बाद कुलस्ते की यात्रा ने लखनादौन एवं केवलारी क्षेत्र में आयोजित सम्मान समारोहों में हिस्सा लिया। कुलस्ते ने कांग्रेस और उसके राष्ट्रीय नेतृत्व को कठघरे मे खड़ा करते हुयें कई आरोप लगाये और कहा कि कांग्रेस आदिवासी और दलितों को बिकाऊ समझती हैं। हमें समय आने पर बता देना है कि हम बिकाऊ नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के लिये कांग्रेस ने हमें प्रलोभन दिया और जब हमने ादन में उसे उजागर किया तो हमें ही जेल में डालकर सरकार ने प्रजातंत्र का अपमान किया हैं। जिसका बदला हम लेकर रहेंगें। इन सब आरोपों पर कोंग्रेस की चुप्पी भी कम रहस्यमय नहीं हें। वैसे भी पूर्व में यह आरोप लगते रहें हैं कि हरवंश और कुलस्ते के बीच परिसीमन के समय से ही नूरा कुश्ती चलती रही हैं। जिला भाजपा द्वारा जिले में आयोजन की भारी तैयारियां की गयी थी। उनके इस आयोजन में जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन, विधायक नीता पटेरिया, शशि ठाकुर,कमल मर्सकोले, मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर,पूर्व मंत्री डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन,सहकारी बैंक के अध्यक्ष अशोक टेकाम सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुये। भाजपा के सभी नेताओं ने संप्रग सरकार और कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे और उसे प्रजातंत्र का हत्यारा बताया और यह भी कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार को हर जगह बढ़ावा दे रही हैं। कुछ जगह जनता और आदिवासियो की नगण्य उपस्थिति भी अखबारों की सुर्खी बनी रहीं हैं। राजनैतिक क्षेत्रों में यह भी चर्चित रहा कि जिला भाजपा का इस आयोजन के दौरान फील्ड मेनेजमेंट से कहीं अच्छा मीडिया मेनेजमेंट रहा हैं। सियासी गलियारों में यह चर्चित है कि आदिवसी सम्मान यात्रा में जिले के आदिवासी विस क्षेत्र बरघाट और आदिवासी बाहुल्य वाली सिवनी विस क्षेत्र के आदिवासी इलाकों में कुलस्ते ने अपना कार्यक्रम क्यों नहीं रखा? भाजपा के आदिवासी नेता कुलस्ते ने अपने संसदीय क्षेत्र तक ही इस अभियान को सीमित रखा इसे लेकर तरह तरह की चर्चायें जारी हैं।

इंका भाजपा का विज्ञप्ति युद्ध शवाब पर -पिछले कुछ दिनों से नगर भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी के तीखे तीर इंका नेता हरवंश सिंह पर चल रहे हैं। उन्हें जवाब देने की कमान नगर इंका अध्यक्ष इमरान पटेल ने थाम रखी हैं। जहां एक ओर प्रेम तिवारी हरवंश सिंह की कारगुजारियों पर आक्रमण कर रहें हैं तो दूसरी ओर इमरान पटेल ने नीता पटेरिया पर निशाना साधना शुरू कर दिया हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि भाजपायी गुटबाजी में प्रेम तिवारी विधायक नीता पटेरिया के खेमें के माने जाते हैं। इसीलिये नगर इंकाध्यक्ष ने नीता को कठघरे में खड़ा करने की योजना बना रखी हैं। इस विज्ञप्ति युद्ध में आरोपों के पूरे जवाब देने के बजाय सुविधानुसार जवाब देने और अपनी ओर से सवाल भी दागने से भी कोई नहीं चूक रहा हैं।

बसपा ने भी दी जिले में राजनैतिक दस्तक -बसपा ने जिला मुख्यालय पर बाबा साहब अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर विशाल आयोजन कर अपनी चुनावी तैयारियों की शुरुआत कर दी हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आई.एस.मौर्य ने इस विशाल आम सभा में कांग्रेस और भाजपा को जम कर कोसा और कहा कि इन दोनों दलों की करनी में कोई फर्क नहीं हें। दोनों ही दलों की सरकारों ने दलितों को छला है और अपनी तिजोरियां भरी हैं। बहन मायावती ने जब इन वर्गों के उत्थान के लिये कड़ी मेहनत शुरूकी है तो वे दोनों दलों की आंखों में खटकने लगी हैं। हमें आदिवासियों और दलितों के उत्थान के लिये उनके शैक्षणि,आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिये काम करना हें तभी बाबा साहेब का सपना साकार होगा।

शिवराज के खिलाफ तो आंदोलन कर सकते हो पर हरवंश के खिलाफ नहीं -गौगपा ने विस उपाध्यक्ष और केवलारी के इंका विधायक हरवंश सिंह का जन्मदिन एक शासकीय आयोजन के रूप में आयोजित किये जाने और शासकीय धन खर्च किये जाने की जांच की मांग मुख्यमंत्री से की हें। गौगपा ने इसके अलावा 12 अन्य बिन्दुओं पर भी जांच की मांग की हैं। गौगपा के प्रवक्ता विवेक डहेरिया ने प्रेस को विज्ञप्ति जारी कर यह आरोप लगाये थे कि छपारा जनपद पंचायत के सी.ओ. ने इंका विधायक हरवंश सिंह का जन्म दिन पर शासकीय आयोजन किया और शासकीय धनराशि खर्च की है जो कि अनुचित हैं। इस अवसर पर विधायक निधि से पंचायतों को बांटे गये टंेकरो पर से लिखे हुये इस वाक्य को मिटाने की मांग की है जिसमें यह लिखा हुआ है कि हरवंश सिंह के जन्म दिन पर ये टेंकर दिये गये हैं। गौगपा प्रवक्ता ने एक अत्यंत गंभीर आरोप यह भी लगाया है कि मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ तो थाने के अंदर भी विरोध करने की अनुमति प्रशासन दे देता है लेकिन इंका विधायक हरवंश सिंह का विरोध करने के लिये केवलारी विस क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाती हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और इंका विधायक हरवंश के बीच सांठ गांठ के आरोप इंका और भाजपा में तो लगते ही रहें हैं लेकिन अब गौगपा ने भी इसी ओर इशारा करते हुये प्रशासन और सरकार को कठघरें में खडा़ किया है। लेकिन कहीं भी और कोई भी ऐसे आरोप लगाते रहें लेकिन उससे किसी को भी फर्क नहीं पड़ता हैं। सियासत सियासत के तरीके से चलती जिसमें आरोप लगाने से आज कल कुछ नहीं होता क्योंकि नूरा कुश्ती नेताओं की सुविधा के हिसाब से होती हैं इसमें पार्टियों का ख्याल रखना जरूरी नहीं होता हैं।

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