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Monday, February 13, 2012

Political Dairy of Seoni Disst. of M.P.


खेत के सवाल का जवाब खलिहान से देने की आदी हो चुकी भाजपा अब लोगों में मजाक का विषय बनते जा रही है
जिला कांग्रेस की पहली बैठक में कांग्रेस का भवन बनाने का संकल्प लिया गया। यह भी एक संयोग है या कुछ और कि उस वक्त हरवंश सिंह ने अपने पुत्र रजनीश सिंह को कांग्रेस सेवादल का अध्यक्ष बवनाया था और अभी जिला इंका का महामंत्री बनाया गया हैं। इन दिनों कुछ मुद्दों पर इंका और भाजपा केबीच विज्ञप्ति युद्ध चल रहा हैं। इस युद्ध में होता यह है कि मुद्दा तो दर किनार रह जाता हैं और अपने अपने नेता को पाक साफ बताते हुये दूसरे के सिर पर ठीकरा फोड़ने का काम अपने कर्त्तव्यों से इतिश्री कर लेते हैं। इन दिनों भाजपा खेत का जवाब खलिहान से देने के लिये मशहूर होते जा रही है। सही आरोपों के जवाब में चुप रह जाना तो समझ में आता हैं लेकिन उस पर बकवास भरे जवाब देकर अपने आप को तीसमारखां मान लेना समझ से परे हैं। प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा ने जिले में अपने अपने संगठन की कमान अपेक्षाकृत युवा हाथों में सौंपी हैं। भाजपा ने सुजीत जैन और इंका ने हीरा आसवानी को जिले का अध्यक्ष बनाया ा हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष सुजीत जैन वरिष्ट और कनिष्ट भाजपा नेताओं के बीच फंसें दिखायी देते हैं। जबकि इंका में संगठन के काम में ना तो वरिष्ट चलते हैं और ना ही कनिष्ट। यहां तो केवल घनिष्ट चलतें हैं  और वो भी हरवंश सिंह के। नपं लखनादौन और मंड़ी चुनावों में दोनों की मिशन 2013 के पहले अग्नि परीक्षा हो जावेगी।
रजनीश की ताजपोशी के बाद भवन का संकल्प एक बार फिर लिया गया-बीते पंद्रह सालों बिन हरवंश सब सून की तर्ज पर चलने की आदी हो गयी है जिले में कांग्रेस। पिछले जनवरी माह में जिले की कांग्रेस कमेटी की बैठक रखी गयी थी लेकिन जिले के इकलौते इंका विधायक हरवंश सिंह के उपलब्ध ना होने के कारण वह स्थगित कर दी गयी थी। यह बैठक 11 फरवरी को संपन्न हुयी। इस पहली बैठक में जिला कांग्रेस का भवन बनाने का संकल्प लिया गया। हालांकि निवर्तमान अध्यक्ष महेश मालू  भी कांग्रेस भवन बनाने की पहल करना चाहते थे लेकिन ना जाने क्यों वे अपने कार्यकाल में शुरूआत नहीं कर सके। अब एक बार फिर यह पहल प्रारंभ की गयी है। हालांकि आज से दस साल पहले भवन बनाने की बात शुरू हुयी थी। उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसका भूमि पूजन उसी दिन किया था जिस दिन तत्कालीन मंड़ी अध्यक्ष दिलीप बघेल के कार्यकाल में मंड़ी की आधारशिला रखी थी। मंड़ी तो सालों पहले बन गयी लेकिन कांग्रेस भवन में एक ईंट तक नहीं जुड़ पायी। यह भी एक संयोग है या कुछ और कि उस वक्त हरवंश सिंह ने अपने पुत्र रजनीश सिंह को कांग्रेस सेवादल का अध्यक्ष बवनाया था। तब सेवादल के सभी शिवरों में कांग्रेस भवन का एक माडल कार्यकर्त्ताओं को दिखाया गया था। उस वक्त हरवंश सिंह प्रदेश के एक ताकतवर मंत्री थे। अब एक बार फिर भवन बनाने की पहल हुयी हैं और अभी नवगठित जिला इंका में रजनीशसिंह को महामंत्री बनाया गया हैं। राजनैतिक विश्लेषकों  का ऐसा मानना है कि कांग्रेस में रजनीश की ताजपोशी और कांग्रेस भवन की बात में चोली दामन का साथ हैं। चाहे बात जो भी हो लेकिन जिले के कांग्रेसजनों की यह तीव्र इच्छा हैं कि जिले में कांग्रेस का अपना भवन हो। यह इच्छा उस समय से और तीव्र हो गयी हैं जब सालों बाद जमीन मिलने के बाद भी जिला भाजपा का भवन तो लगभग बन कर तैयार है। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है जिला इंका को भवन के लिये जमीन जो तत्कालीन अध्यक्ष हाजी मोहीत खॉन के कार्यकाल में ही मिल गयी थी। लेकिन यदि आज भी देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर कांग्रेस का भवन बन जाये तो यह एक प्रशंसनीय बात ही होगी लेकिन यदि जैसा खेल 2003 के विस चुनाव के पहले खेला गया था वैसा ही यदि 2013 के चुनाव के पहले खेला जा रहा हैं तो यह एक दुर्भाग्य पूर्ण बात ही होगी। मुसाफिर की तो यही कामना है कि कांग्रेा का भी अपना भवन जल्दी बन ही जाये।
अपने अपने नेता को पाक साफ बता इतिश्री कर लेते है इंकाई और भाजपायी -इन दिनों कुछ मुद्दों पर इंका और भाजपा केबीच विज्ञप्ति युद्ध चल रहा हैं। इस युद्ध में होता यह है कि मुद्दा तो दर किनार रह जाता हैं और अपने अपने नेता को पाक साफ बताते हुये दूसरे के सिर पर ठीकरा फोड़ने का काम कर अपने कर्त्तव्यों से इतिश्री कर लेते हैं और जनहित का मामला जस का तस छूट जाता हैं। एक बात और है कि विज्ञप्तिवीर और छपास के रोगी होने का आरोप भी जो लगाते है वे खुद ये भूल जाते हैं इस क्षेत्र में तो वे खुद परमवीर चक्र लेने के अधिकारी हैं। प्रदेश के सत्तारूढ़ दल भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का यह रवैया किसी भी कीमत पर उचित नहीं कहा जा सकता हैं। जिले के विेकास और लंबित योजनाओं पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाना तो ठीक है लेकिन इसके हल के लिये भी ठोस प्रयास करना चाहिये। अन्यथा हालात तो जस के तस रह जायेंगें भले ही नेताओं की छवि चमक या बिगड़ जाये।
अपने अपने नेता को पाक साफ बता इतिश्री कर लेते है इंकाई और भाजपायी -इन दिनों भाजपा खेत का जवाब खलिहान से देने के लिये मशहूर होते जा रही है। कई बार आंकड़ों और तथ्यों की जानकारी के आभाव में भाजपा मजाक का विषय बन जाती हैं। सही आरोपों के जवाब में चुप रह जाना तो समझ में आता हैं लेकिन उस पर बकवास भरे जवाब दकर अपने आप को तीसमारखां मान लेना समझ से परे हैं। पूछे गये सवालों पर जवाब ना होने के कारण भाजपा मामले को कहीं ओर घुमाने में विश्वास करने लगी हैं। इस कारण भले ही सवाल जवाब का सिलसिला तो चलते रहता है लेकिन आम लोगों के बीच में भाजपा मजाक का पात्र बन कर रह जाती हैं। जिले में कई गुटों में बंटी भाजपा का नेतृत्व इस कारनामे पर अंकुश लगाने में भी सफल नहीं हो पा रहा हैं।
वरिष्ट,कनिष्ट और घनिष्ट चर्चित हैं इंका और भाजपा में-प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा ने जिले में अपने अपने संगठन की कमान अपेक्षाकृत युवा हाथों में सौंपी हैं। पहले भाजपा ने संगठन चुनावों में युवा सुजीत जैन को जिले का अध्यक्ष निर्वाचित किया और उसके बाद कांग्रेस ने भी हीरा आसवानी के रूप में युवा नेतृत्व दिया। लेकिन भाजपा और और इंका में एक फर्क दिखायी दे रहा हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष सुजीत जैन वरिष्ट और कनिष्ट भाजपा नेताओं के बीच फंसें दिखायी देते हैं। उनसे उम्रदराज नेता पार्टी में अपनी मनमानी करते देखे जा सकते हैं। कोई चाचा तो बड़े भाई के रूप में हमेशा हावी होने की कोशिश करते रहतें हैं। जबकि इंका में संगठन के काम में ना तो वरिष्ट चलते हैं और ना ही कनिष्ट। यहां तो केवल घनिष्ट चलतें हैं और वे भी जिले के इकलौते इंका विधायक हरवंश सिंह के। इसलिये इंकाध्यक्ष हीरा आसवानी अपेक्षाकृत रूप से अधिक सुविधाजनक स्थिति में हैं। उन्हें जो कुछ भी देखना हैं वह केवल घनिष्टता । और सभी विस उपाध्यक्ष हरवंशसिंह के घनिष्ट हैं दूसरे किसी अन्य नेता के हैं ही नहीं। जबकि भाजपा के संगठन की कमेटी में ही कई वरिष्ट नेताओं का सीधा और प्रभावशाली दखल हैं। इस सबकें चलते अब राजनैतिक विश्लेषकों की नजर होने वाले लखनादौन नगर पंचायत और जिले के मंड़ी चुनावों पर लगी हुयी हैं। भाजपा में इन दिनों जिले के नाम पर नरेश दिवाकर, डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन एवं इंद्रेश गजभियेके पास लाल बत्ती हैं तो कांग्रेस के पाले में इंका विधायक हरवंश सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन चंदेल के पास लाल बत्ती हैं। वहीं विधायक नीता पटेरिया भी प्रदेश महिला मोर्चे के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं। इंका और भाजपा की कमान संभालने वाले जिले के तमाम नेताओं के लिये मिशन 2013 से पहले  के पहले यह एक मिनी परीक्षा रहेगी और इस पर ही आगे के परिणाम निर्भर करेंगें।            

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