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Tuesday, April 3, 2012

Political Dairy of Seoni Disst. of M.P.


अजय विश्नोई ने शिवराज की जो सौगातें गिनायी उनमें हरवंश सिंह के विस उपाध्यक्ष पद को भी गिनाकर सवाल खड़ा कर दिया
पिछले कई दिनों से बनने का इंतजार कर रही बाहुबली सड़क के निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हो ही गया। घटिया सड़क निर्माण की शिकायत इंका ेनेता आशुतोष वर्मा ने की थी।प्रदेश सरकार द्वारा आदेश जारी होने के बाद भी आज तक वसूली की कार्यवाही ना तो नगरपालिका ने की हैं और ना ही जिला प्रशासन ने।नरेश ने प्राश्चित तो किा लेकिन किसी पाप के प्राश्चित के श्रेय लेने की मिसाल तो शायद बिरली ही देखने को मिलतीं हैं जो कि यहां देखने को मिली। आखिर प्रदेश सरकार ने जिले में गेहूं खरीदी के लिये संशोधित आदेश जारी कर ही दिये। हरवंश सिंह ने भी 45 क्वि. से अधिक खरीदी की मांग नहीं की थी लेकिन सरकार ने सिर्फ अधिकतम 40 क्वि. खरीदी के ही आदेश जारी किये जो कि पिछले साल से भी कम हैं। इस कमी के बावजूद भी जिले में किसानों के मसीहा कहलाने वाले इंका विधायक हरवंश सिंह ने तत्काल विज्ञप्ति जारी कर सरकार का आभार भी मान लिया। जबकि एक विपक्ष के विधायक होने के नाते उन्हें कम से कम खरीदी की मात्रा कम करने का विरोध तो करना ही था। कौन कहता है कि शिव की नगरी सिवनी को शिवराज ने कोई सौगात नहीं दी हैं? विकास की सौगात भले ही ना मिली हो लेकिन बकाक्ल अजय विश्नोयी जिले मे तीन लाल बाी और एक प्रदेश अध्यक्ष का पद देकर राजनैति महत्व तो बढ़ाया ही है। कांग्रेस के कोटे से विस उपाध्यक्ष  का पद कैसे शिवराज की सौगात है? यह समझना जरूरी है।   
प्राश्चित का भी श्रेय लेने की बनी मिसाल -हाल ही में पिछले कई दिनों से बनने का इंतजार कर रही बाहुबली सड़क के निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हो ही गया। प्रदेश सरकार के मंत्री अजय विश्नोई और प्रभारी मंत्री नाना भाऊ के साथ ही सांसद के.डी.देशमुख,मविप्रा के अध्यक्ष नरेश दिवाकर,विधायक नीता पटेरिया जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन और पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी की गरिमामय उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। अखबारों में इस भूमि पूजन के कार्यक्रम के विज्ञापन भी भाजपा की ओर से प्रकाशित कराये गये। जारी की गयी विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया कि ठेकेदार ने कम से कम पांच सल तक रोड़ सही सलामत रहने का भरोसा भी दिलाया हैं। सड़क बनाने का श्रेय भी मविप्रा के अध्यक्ष नरेश जी को दिया गया। भाजपा के विकास के प्रति समर्पित रहने की बात भी कही गयी। यह सब तो ठीक हैं लेंकिन इसका अतीत भी सभी जानते हैं। नगर की दुगनी लागत में बनने वाली सबसे घटिया सड़कों में एक सड़क यह भी रही हैं। इंका नेता आशुतोष वर्मा ने इसकी शिकायत सरकार से की थी। सड़क से लेकर सदन तक यह मामला गूंजा था। लंबे समय सरकार जांच में टाल मटोल करती रही लेकिन लगभग तीन साल बाद कार्यवाही हुयी और तत्कालीन नपा अध्यक्ष पार्वती जंघेला और देा सी.एम.ओ. पर तीन लाख से अधिक की वसूली प्रत्येक से किये जाने के आदेश जारी हुये। लेकिन वास्तव में सड़क बनाने वाले भाजपा नेताओं को तत्कालीन विधायक नरेश दिवाकर का संरक्षण प्राप्त था। प्रदेश सरकार द्वारा आदेश जारी होने के बाद भी आज तक वसूली की कार्यवाही ना तो नगरपालिका ने की हैं और ना ही जिला प्रशासन ने। और तो और भाजपा ने पावर्ती जंघेला को पुरुस्कृत कर महिला मोर्चे का अध्यक्ष बना दिया हैं। पालिका ने भी आज तक संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया हैं। एक तरह से देखा जाये तो तत्कालीन भाजपा विधायक नरेश ने मविप्रा के अध्यक्ष बनने के बाद पिछले पापों का प्राश्चित करने की कोशिश की हैं लेकिन अपने चहेतों को दंड़ ना दिलाकर नागरिको को हुयी परेशानी की अनदेखी भी की हैं। मविप्रा द्वारा स्वीकृत राशि पर्याप्त नहीं थी इसलिये इसी सड़क के लिये सांसद से भी दस लाख रुपये की राशि मांगी गयी। जिस घटिया सड़क को लोगों ने पांच साल तक भोगा हैं ता अब बनने वाली सड़क में यदि राशि कम हो तो सभी काम सादगी से होना चाहिये थे। लेकिन जिस ताम झाम से इसका भूमि पूजन किया गया उससे ऐसा तो नहीं लगता कि नेताओं ने अतीत से कोई सबक सीखा हैं। यह भी एक ओपन सरीक्रेट हैं ऐसे भूमि पूजन और लोकार्पण के ाकर्यक्रम अंततः ठेकेदार के ही मत्थे पर पड़े हैं क्योंकि ऐस्टीमेट में तो इनका प्रावधान होता नहीं हैं। यह भी सच है कि ठेकेदार अपनी जेब से तो पैसा कार्यक्रम में लगायेगा नही ऐसे में पैसे कम होने की बात सामने आने के बाद भी श्रेय लेने के लिये पत्थर,समारोह और विज्ञापनों से नेता परहेज नहीं कर पाये तो भला बाकी बातों में क्या परहेज कर पायेंगें? किसी पाप के प्राश्चित के श्रेय लेने की मिसाल तो शायद बिरली ही देखने को मिलतीं हैं जो कि यहां देखने को मिली।
और हो गये गेहूं खरीदी के संशोधित आदेश-आखिर प्रदेश सरकार ने जिले में गेहूं खरीदी के लिये संशोधित आदेश जारी कर ही दिये। इस आदेश के अनुसार असिंचिंत में 16 क्वि. एवं सिंचित में 40 क्वि. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सरकार खरीदी करेगी। जबकि पिछले साल सरकार ने प्रति हेक्टेयर 25 से 45 क्वि. गेहूं खरीदी की थी जिसमें सिंचिंत और असिंचित का कोई फर्क नहीं था। इस साल अच्छी फसल को देखते हुये जिले के कांग्रेसी तथा भाजपा नेताओं ने पुरजोर मांग की थी कि सरकार 16 क्वि. के आदेश को संशोधित करें और ख्ये आदेश जारी करें। हालांकि जिले के इकलौते इंका विधायक हरवंश सिंह ने भी 45 क्वि. से अधिक खरीदी की मांग नहीं की थी लेकिन सरकार ने सिर्फ अधिकतम 40 क्वि. खरीदी के ही आदेश जारी किये जो कि पिछले साल से भी कम हैं। वैसे वित्त आयोग के अध्यक्ष और केवलारी क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन ने भी आश्वस्त कराया था कि पिछले वर्ष जैसी ही खरीदी की जायेगी। लेकिन केबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त डॉ. बिसेन और हरवंश सिंह दोनों ही नेता किसानों को राहत नहीं दिलवा पाये ब्लकि प्रदेश की शिवराज सरकार ने पिछले साल की तुलना में पांच क्वि. प्रति हेक्टेयर कम कर दिया। इस कमी के बावजूद भी जिले में किसानों के मसीहा कहलाने वाले इंका विधायक हरवंश सिंह ने तत्काल विज्ञप्ति जारी कर सरकार का आभार भी मान लिया। जबकि एक विपक्ष के विधायक होने के नाते उन्हें कम से कम खरीदी की मात्रा कम करने का विरोध तो करना ही था। श्रेय लेने की होड़ में जिले के विशेषकर केवलारी क्षेत्र के गेहूं उत्पादक किसानों का इस साल नुकसान होना तय हैं क्योंकि पिछले साल 45 क्वि. की दर से खरीदी करने पर भी पूरा गेहूं नहीं खरीदा जा सका था। 
शिवराज की सौगातें गिनायी विश्नोयी ने-कौन कहता है कि शिव की नगरी सिवनी को शिवराज ने कोई सौगात नहीं दी हैं?ये बात अलग हैं कि इंजीनियरिंग,मेडिकल और एग्रीकल्चर कालेज ना खुला हो,दहाड़ने के बाद भी जिले के फोर लेन की समस्या ना निपटी हो,,पेंच सिचायी परियोजना ना बनी हो और संभाग मुख्यालय भी ना मिला हो लेकिन शिवराज ने जिले को सौगातें तो दी हैं।इन सौगातों का खुलासा प्रदेश सरकार के मंत्री अजय विश्नोयी ने एक सार्वजनिक समारोह में किया हैं। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि विस उपाध्यक्ष मविप्रा के अध्यक्ष और प्रदेश वित्त आयोग के अध्यक्ष का पद देकर शिवराज ने जिले को तीन तीन लालबत्ती और प्रदेश महिला मोर्चे के अघ्यक्ष का पद दिया हैं। वैसे तो विस उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस के कोटे का है जिस पर हरवंश सिंह विराजमान हैं तो फिर यह जिले को शिवराज की सौगात कैसे हो गयी? वैसे अजय विश्नोयी जी की बात को यदि नेता प्रति पक्ष अजय सिंह की बात से जोड़ कर देखा जाये तो विश्नोयी सही भी हो सकते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि भोपाल की कार्यकर्त्ताओं की विशाल सभा में अजय सिंह ने कहा था कि हम प्रदेश में कांग्रेस की सरकार तो बना लेगें बशर्ते ठा. हरवंश सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को सहयोग करना बंद कर दें। इंका और भाजपा दोनों ही पार्टियोंके जिम्मेदार अजय यदि एक ही बात कह रहें हैं तो भला उसपर अविश्वास भी कैसे किया जा सकता है। अजय विश्नोयी के इस कथन पर उपस्थित एक नागरिक का यह कथन एक दम सटीक लगा कि ये चारों शिवराज की तीसरी पारी खेलने के लिये उपयोगी तो हो सकते हैं लेकिन इससे जिले को क्या मिलने वाला हैं।  


             

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