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Monday, October 1, 2012


शिवनगरी का आखिर किस मंुह से जनदर्शन करते या जनता को दर्शन देते शिवराज 
एक भी घोषणा नहीं हुयी थी पूरीः अन्य जिलों की तरह पूरे पेज के विज्ञापन में क्या छपता?
सिवनी। पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगभग तीन सप्ताह तक जनदर्शन का कार्यक्रम रखा था। इसके तहत हर जिले में जब वो जाते  थे तो जन संपर्क विभाग द्वारा स्थानीय एवं क्षेंत्रीय अखबारों में पूरे पूरे पेज के विज्ञापन प्रकाशित कराये जाते थे जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा जिले में की गयी घोषणाओं और उनके पूरे होने का जिक्र होता था। बताया जाता हैं कि इसके लिये जिला प्रशासन से घोषणाओं के बारे में पूरी जानकारी संकलित की जाती थी। 
शिवराज सिंह चौहाने ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले में सात बार यात्रायें की हैं। इस दौरान उन्होंने छोटी बड़ी  कई घोषणाये करके  ना केवल जनता की वरन मंच पर बैठे जनप्रतिनिधियों की भी खूब तालियां बटोरी थी। इनमें प्रमुख मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग एवं कृषि महाविद्यालय,फोर लेन,पेंच का पानी सिवनी लाने,सिवनी को प्रदेश का सबसे सुंदर शहर बनाने,दलसागर को ऐसा सजायेंगें कि मेहमान गर्व कर सकें,नरसिंग कॉलेज खोेलने,केवलारी और छपारा को नगर पंचायत का दर्जा देने,पलारी को उप तहसील बनाने, कान्हीवाड़ा को पूर्ण तहसील एवं विकास खंड़ बनाने और कांचना मंड़ी जलाशय के लिये 2008 में 36 करोड़ रु. स्वीकृत करने सहित अन्य कई छोटी घोषणाये भी शामिल हैं। 
उक्त घोषणाओं में सिर्फ दलसागर तालाब के मामले में जरूर कुछ काम हुआ हैं वह भी केन्द्र सरकार की बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत हुआ हैं। शेष सभी घोषणायें सिर्फ घोषणायें ही बन कर रह गयीं हैं।
लेकिन इसके लिये सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं वरन जिले के वे जन प्रतिनिधि भी दोषी हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र के लिये होने वाली घोषणाओं पर ताली तो खूब बजायी लेकिन मुख्यमंत्री के पीछे नहीं पड़े कि उन्हें पूरा किया जायें। ऐसे हालात में शिवराज शिव की नगरी सिवनी में जनदर्शन करने या जनता को दर्शन देने के लिये भला कैसे और किस मुंह से आ सकते थे?

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