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Sunday, November 11, 2012


प्रजातंत्र में प्रविष्ट आसुरी शक्तियों को समूल नष्ट करने हर नारगरिक को बनना होगा राम
बुराइयों पर अच्छाइयों की, अधर्म पर धर्म की और आसुरी शक्तियों पर दैवीय शक्तियों की जीत का प्रतीक है दीपावली का त्यौहार। आततायी रावण का वध करके जब भगवान राम अयोध्या वापस आये थे तो अयोध्यावासियों ने घी के दिये जला कर भगवान राम का स्वागत किये थे। इसे ही दिवाली के रूप में मनाते हैं। हम हर साल रावण को जलाते तो जरूर है लेकिन देश में आसुरी शक्तियां नये नये रूप में पनपने लगतीं हैं। जब देश खुशहाल रहेगा तभी तो हम खुशहाल रहेंगें। आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी देश में भाषावाद,राष्ट्रवाद पर हावी होते क्षेत्रीयतावाद,गठबंधन की राजनीति के दुष्परिणाम, जातिवाद, भ्रष्टाचार जैसी आसुरी शक्तियां पैर पसारे हुये हैं। आज के युग में इन आसुरी शक्तियों को नष्ट करने भगवान श्री राम तो आने से रहे। पूरा देश जिन भगवान राम को मर्यादा पुरषोत्तम और अपना आदर्श मानते हैं आज तो उन्हीं पर तथा कथित राम भक्त ही अगुलियां उठाने से परहेज नहीं कर रहें हैं। इन आसुरी शक्तियों का विनाश हुये बिना राम राज्य की कल्पना करना बेमानी होगा।  इनके समूल नष्ट करने की अपेक्षा किसी सरकार या किसी राजनैतिक दल से करना भी निराश ही करेगा।प्रजातंत्र में आयी  इन आसुरी शक्तियों को नष्ट करने के लिये आज आवश्यक्ता है कि इस पर चिंतन मनन किया जाये। मेरे विचार से आज इस बात की जरूरत हैं कि देश का हर नागरिक जहां जो भी कर रहा हैं वह भगवान राम के आर्दश के अनुरूप करे।”स्वहित” के अलावा परिवार,समाज,प्रदेश और देश के हित का भी ख्याल रखे। पुराने सामाजिक मूल्यों को स्थापित करें। आधुनिकता और आर्थिक चकाचौंध से बाहर आयें। याने देश का हर नागरिक राम बने। और राम के आदर्शाें को आत्मससात करें। तभी विकराल रूप धारण कर चुकी इन आसुरी शक्तियों से छुटकारा पाया जा सकता हैं। भगवान राम देश और देश के हर नागरिक को ऐसी शक्ति प्रदान करें और प्रजातंत्र में आयी इन आसुरी शक्तियों का नाश हो, यही दीपावली के पावन पर्व पर हमारी शुभकामनायें हैं।  
आशुतोष वर्मा
मो. 9425174640

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