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Wednesday, September 28, 2011

plitical dairy of seoni disst. of M.P.

पेंच परियोजना को लेकर पिछले बीस सालों से सियासी दांव पेंच तो चल रहें हैं लेकिन किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया

पेंच परियोजना को लेकर पिछले बीस सालों से सियासी दांवपेंच तो चल रहें हैं लेकिन किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया हैं।पूर्व केन्द्रीय मंत्री विमला वर्मा ने केिन्द्रीय एवं विस उपाध्यक्ष हरवंश सिह ने प्रदेश के सिंचायी मंत्री को पत्र लिखा हैं। प्रदेश महिला र्मोचे की अध्यक्ष एवं क्षेत्री विधायक नीता पटेरिया की चुप्पी चर्चित हैं। समूचे महाकौशल के विकास की जवाबदारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सिवनी के पूर्व विधायक नरेश दिवाकर को सौंपी हैं। जिसे महाकौशल क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी शिवराज ने नरेश को सौंपी हैं उसी क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण योजना के विनाश की जानकारी नरेश को दी या नहीं़? इंजीनियर प्रसन्न मालू के मित्र ट्रूबा इंजीनियरिंग के संचालक सुनील डंडीर ने निःशुल्क निर्धन छात्रों को श्क्षिा देने का प्रशंसनीय कार्य किया जा रहा है। जिले में इंकाई राजनीति का आलम यदि नहीं सुधरा तो आने वाले चुनावों में कांग्रेस की मिट्टी पलीत होने से कोई नहीं रोक सकता हैं। कांग्रेस को इन चुनावों से सबक लेकर हालात सुधारना चाहिये अन्यथा हुछ ही समय बाद होने वाले नगर पंचायत लखनादौन के चुनावों में भी जीतना मुश्किल हो जायेगा।

पेंच को लेकर फिर राजनैतिक पेंच शुरू-पेंच परियोजना को लेकर पिछले बीस सालों से सियासी दांवपेंच तो चल रहें हैं लेकिन किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया हैं। पिछले साल से पैसों की कमी नहीं होने से ऐसा लग रहा था कि अब इस काम में तेजी आयेगी। इस परियोजना के लिये सिंचाई विभाग ने एक कार्यपालन यंत्री कार्यालय तथा पांच सब डिवीजन भी हाल ही में खोले थे। लेकिन कानून एवं व्यवस्था एवं आंदोलन पर नियंत्रण ना कर पाने के कारण प्रदेश सरकार ने पेंच परियोजना को बंद करने का प्रस्ताव अनुशंसा के साथ केन्द्र सरकार को भेज दिया हैं। छिदवाड़ा और सिवनी जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने वाली इस योजना को बंद करने के प्रस्ताव से किसानों में आक्रोश फैल रहा हैं। इस योजना को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्माने लगी हैं। विस उपाध्यक्ष एवं जिले के इकलौते इंका विधायक हरवंश सिंह की चुप्पी को लेकर जब हमने सवाल उठाये तासे उन्होंने प्रदेश के सिंचाई मंत्री को एक पत्र लिखकर अखबारों में प्रकाशित कराया। राजनैतिक हल्कों में यह चर्चित है कि जिस प्रदेश सरकार ने अपनी अनुशंसा के साथ इसे बंद करने का प्रस्ताव केन्द्र की कांग्रेस सरकार के पास भेजा हैं उसे ही पत्र हरवंश सिंह ने क्यों लिखा? उन्हें कांग्रेस की केन्द्र सरकार से इस बारे में पहल करनी चाहिये थी। जिले की वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कु. विमला वर्मा,जिन्होंने इस जिले को विकास की कई बड़ी बड़ी सौगातें दी थी, ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री पवन बंसल को पत्र लिखकर प्रदेश सरकार के इस तुगलकी प्रस्ताव को स्वीकार ना करने का अनुरोध किया हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार को भी कठघरे में खड़ा करते हुये किसान आंदोलन को नियंत्रित ना कर पाने तथा ठेकेदारों को बाधा मुक्त साइट उपलब्ध ना कराने को लेकर भी आरोप लगाये हैं जिसके कारण योजना की लागत बढ़ रही हैं जिसे आधार बना कर प्रदेश सरकार इसे बंद करने का प्रस्ताव भेज रही हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी भाजपा की प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक नीता पटेरिया की चुप्पी राजनैतिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी हुयी हैं। लोगों में ता यह भी चर्चा है कि नतिा शिवराज अनबन के चलते क्षेत्र को यह खामियाजा भुगतना ही ना पड़ जाये।

विकास की जवाबदारी देने वाले नरेश को विनाश की बात बतायी या नहीं शिवराज ने?-समूचे महाकौशल के विकास की जवाबदारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सिवनी के पूर्व विधायक नरेश दिवाकर को सौंपी हैं। महाकौशल क्षेत्र में ही वह सिवनी विस क्षेत्र भी आता हैं जहां से नरेश दस साल तक विधायक रहें हैं एवं एक बार फिर विधायक बनने का सपना संजोये हुये हैं। इस विधान सभा क्षेत्र के लिये पेंच एक जीवन दायनी परियोजना हैं। जिले में सबसे अधिक लाभ इसी विस क्षेत्र के किसानों को मिलने वाला हैं। अब इस योजना को शिवराज सरकार ने बंद करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेज दिया हैं। नरेश ने भी विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री से मिलकर हल निकालने की बात कही है। सियासी हल्कों में यह चर्चा जोरों पर है कि जिसे महाकौशल क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी शिवराज ने नरेश को सौंपी हैं उसी क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण योजना के विनाश की जानकारी नरेश को दी या नहीं़? नरेश के प्राधिकरण के अध्यक्ष बनने के बाद विकास जो कुछ होगा वह तो भविष्य के गर्त में हैं लेकिन यदि प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद करने का प्रस्ताव वापस नही लिया तो विनाश की शुरुआत तो हो ही जायेगी।

प्रसन्न मालू की प्रशंसनीय पहल-सिवनी विस क्षेत्र के पूर्व इंका प्रत्याशी एवं इंका नेता प्रसन्न मालू के कार्य का पशंसा हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि इंजीनियर प्रसन्न मालू के मित्र ट्रूबा इंजीनियरिंग के संचालक सुनील डंडीर ने निःशुल्क निर्धन छात्रों को श्क्षिा देने का प्रशंसनीय निर्णय लिया था। इससे जिले के 18 छात्रों को इंजीनियर बनने का अवसर मिला हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इस काम की जिनती भी तारीफ की जाये वह कम हैं। जिले के विभिन्न तबकों में इस काम की तारीफ भी की जा रही हैं। लेकिन अब जरूरत इस बात की भी पड़ सकती है कि प्रसन्न मालू को छात्रों के चयन करने में सावधानी बरतनी चाहिये। ऐसा ना हो कि इस सुविधा का लाभ लेने के लिये लोग जेक लगवाने लगे और अपात्र छात्र पात्र छात्रों का हक मारने लगे। किसी भी निर्धन लेकिन प्रतिभाशाली छात्र को पैसे के आभाव में उच्च तकनीकी शिक्षा से वंचित रह जाना र्दुभाग्य पूर्ण होता हैं। उन्हें यह अवसर दिलाना मानवता के हिसाब से से एक अच्छा काम है जो कि किया जा रहा हैं। आज के दौर में किसी राजनैतिक व्यक्ति द्वारा ऐसे सामाजिक काम करते देखा जाना एक मुश्किल काम ही होता हैं।इसलिये प्रसन्न मालू को एक बार फिर बधायी और शुभकामनायें।

छात्र संघ चुनावों में कांग्रेस की हुयी मिट्टी पलीत -जिले के कालेजों में हुये छात्र संघों के चुनाव कांग्रेस के लिये फिर निराशा जनक ही रहें हैं। जिला मुख्यालय के सबसे बड़े पी.जी. कालेज में कांग्रेस को समता मंच से हार का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर जिले के इकलौते इंका विधायक हरवंश सिंह के विस क्षेत्र के मुख्यालय के केवलारी कालेज में कांग्रेस को भाजपा से मात खानी पड़ी हैं। हालांकि केवलारी क्षेत्र के हरवंश सिंह के गृह ब्लाक छपारा और सिवनी के डी.पी.चर्तुवेदी कॉलेज में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया हैं। जिले के कई कॉलेजों में तो कांग्रेस अपने नामांकन पत्र भी दाखिल नहीं कर पायी। बरघाट में विरोध स्वरूप इंका समर्थक छात्रों ने शिवराज सिंह का पुतला भी फंूक डाला है।इन चुनाव परिणामों को लेकर इंकाइयों में यह चर्चा जोरों पर हैं कि आखिर यह चुनाव कांग्रेस क्यों हारी? कुछ इंकाइयों का दावा है कि छात्रसंघ चुनावों की बागडोर संभाहलने वाले हरवंश समर्थक युवा नेता आजकल उच्च स्तरीय इंकाई राजनीति में व्यस्त हो गयें हैं इस कारण इन चुनावों मेें कांग्रेस की यह गत बन गयी हैं। धन बल और सत्ता बल के भरोसेे चुनाव जीतने के आदी हो चुके इन इंका नेताओं को इस बार इस कमी ने ही चुनावों में पराजय का सामना करने को मजबूर कर दिया। हालांकि हाल ही में जिला एन.एस.यू.आई. की कमान छात्र नेता अंशुल अवस्थी को सौंपी गयी थी लेकिन वे कम समयमें पुराने हालात बदल सकने में नाकाम रहें। छात्र राजनीति में भी कोई विकल्प तैयार नहीं करने की रणनीति ने कांग्रेस को धराशायी करा दिया हें। जिले में इंकाई राजनीति का आलम यदि नहीं सुधरा तो आने वाले चुनावों में कांग्रेस की मिट्टी पलीत होने से कोई नहीं रोक सकता हैं। कांग्रेस को इन चुनावों से सबक लेकर हालात सुधारना चाहिये अन्यथा हुछ ही समय बाद होने वाले नगर पंचायत लखनादौन के चुनावों में भी जीतना मुश्किल हो जायेगा।







पेंच योजना बंद करने के पहले जन प्रतिनिधियों को क्या विश्वास में नहीं लिया शिवराज ने?

सिवनी। छिदवाड़ा और सिवनी जिले के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण सिचायी एवं विद्युत परियोजना पेंच को बंद करने का प्रस्ताव लेने के पहले प्रदेश सरकार के मुख्यिा शिवराजसिंह चौहान ने जनप्रतिनिधियों को विश्वास में नहीं लिया? यह यक्ष प्रश्न आज लोगों के बीच उठ खड़ा हुआ है।

छिंदवाड़ा जिले के सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ,प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन,विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह,बालाघाट सिवनी क्षेत्र के सांसद के.डी.देशमुख,प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष एवं विधायक नीता पटेरिया,महाकौशल विकास प्राधिकरण के केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष नरेश दिवाकर और दोनों जिलों के विधायक गण जैसे महत्वपूर्ण और कद्दावर जन प्रतिनिधियों को विश्वास में लिये बिना ही प्रदेश सरकार ने पेंच परियोजना को बंद करने का निर्णय आखिर कैसे ले लिया? और यदि विश्वास में लेने के बाद यह निर्णय लिया गया हैं तो फिर सरकार और जन प्रतिनिधियाों दोनों से ही क्या यह अपेक्षा नहीं की जाना चाहिये कि वे इस बात का खुलासा करें? इन सवालों का खुलासा जल्दी ही होना चाहिये अन्यथा किसानों के जिस आंदोलन से बचने के लिये सरकार इसे बंद कर रही हैं उससे कहीं बड़ा आंदोलन वे किसान भी कर सकते हें जो इस योजना से लाभान्वित होने वाले हैं।

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