लखनादौन नपं के चुनाव में किस पार्टी के किस बड़े नेता का हाथ किसकी पीठ पर आर्शीवाद देता दिख जाये?
तमाम पार्टियों और नेताओं के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके लखनादौन नगर पंचायत चुनाव में कई ऐसे राजनैतिक कारनामे हो चुके हैं जिनकी आशंका हम अपने इसी कालम में व्यक्त कर चुके थे। बड़े ही नाटकीय ढंग से इस चुनाव में अध्यक्ष पद के कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर हो गये हैं। जिले के चुनावी इतिहास में शायद यह पहला अवसर हैं जब देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी चुनावी मैदान से बाहर हैं। जिले के इकलौते कांग्रेस विधायक और विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह इस मामले में चुप्पी साधे हुये हैं। कांग्रेस द्वारा किये गये इस चमत्कार से भाजपा भी भौंचक रह गयी हैं। मुनमुन समर्थक उनके समर्थन में कई दलों के नेताओं का गुप्त समर्थन हासिल होने का दावा भी कर रहें हैं। ऐसे राजनैतिक हालात में लखनादौन नपं के चुनाव में किस पार्टी के किस बड़े नेता का हाथ किसकी पीठ पर आर्शीवाद देता दिख जाये? इसकी कल्पना करना भी मुश्किल हैं। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने प्रदेश के ऐसे एक दर्जन से अधिक चुनाव क्षेत्र चिन्हित किये हैं जहां से कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही हैं और ऐसे क्षेत्रों से युवा नेताओं को चुनाव लड़ने के लिये हरी झंड़ी दे दी गयी हैं और उन्हें तैयारी चालू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। ऐसे चिन्हित क्षेत्रों में सिवनी विस क्षेत्र भी शामिल हैं जहां से युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक राजा बघेल को हरी झंड़ी दी गयी हैं।
कांग्रेस के नाम रचा गया नया इतिहास-मुसाफिर पिछले पंद्रह दिनों से सियासी सफर से अलग रहा। अब एक बार फिर सियासी चर्चा करने जा रहा हैं। लेकिन अब तक बैनगंगा नदी से काफी पानी बह चुका है। तमाम पार्टियों और नेताओं के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके लखनादौन नगर पंचायत चुनाव में कई ऐसे राजनैतिक कारनामे हो चुके हैं जिनकी आशंका हम अपने इसी कालम में व्यक्त कर चुके थे। बड़े ही नाटकीय ढंग से इस चुनाव में अध्यक्ष पद के कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर हो गये हैं। जिले के चुनावी इतिहास में शायद यह पहला अवसर हैं जब देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी चुनावी मैदान से बाहर हैं। जिले के इकलौते कांग्रेस विधायक और विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह इस मामले में चुप्पी साधे हुये हैं। जबकि शुरू से ही यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि पूर्व अध्यक्ष दिनेश मुनमुन राय से अपनी राजनैतिक सांठ गांठ के चलते इस चुनाव में भी हरवंश सिंह उनके सहयोगी और संरक्षक की भूमिका में दिखेंगें लेकिन किसी को भी यह विश्वास नहीं था कि कांग्रेस चुनाव मैदान से ही बाहर हो जायेगी। हालांकि जिला कांग्रेस अध्यक्ष हीरा आसवानी ने कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी को नाम वापस लेने के कारण पार्टी से छः साल के लिये निष्कासित कर दिया हैं और कहा हैं कि मामले की जांच की जायेगी और फिर आगे कार्यवाही की जायेगी। लेकिन कौन और कब जांच करेगा? इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ हैं जबकि 5 जुलाई को चुनाव भी हो जायेंगें। मीडिया में यह भी प्रकाशित हुआ कि प्रदेश इंकाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह खुद लखनादौन दौरे पर इन चुनावों के लिये आये थे लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष पद एक प्रत्याशी भी नहीं खड़ा कर पायी। यहां यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि उक्त दोनों नेताओं के दौरे के समय भी इंका विधायक हरवंश सिंह मौजूद नहीं थे। पूरे प्रदेश में ऐसा कारनामा सिर्फ सिवनी जिले में ही हुआ हैं जहां की कमान पिछले पंद्रह सालों से इंका विधायक हरवंश सिंह के हाथों में हैं जो कि प्रदेश के एक कद्दावर नेता माने जाते हैं। अब इस कारनामें के बारे में प्रदेश नेतृत्व या आलाकमान उनसे कोई सवाल जवाब भी करेगा या नहीं? इसे लेकर इंकाई हल्कों में चर्चा जारी हैं क्योंकि हरवंश सिंह ने जब जब पार्टी को चुनाव में नुकसान पहुचाया हैं तब तब वे और भी अधिक ताकतवर होकर उभरे हैं। इसलिये यह कयास लगाये जा रहें हैं कि मिशन 2013 और 2014 को लक्ष्य बनाकर चल रही कांग्रेस क्या इस बार चुनावी मैदान से कांग्रेस के बाहर हो जाने का इतिहास बनाने पर उन्हें दंड़ित किया जायेगा या एक बार फिर पुरुस्कृत किया जायेगा?
भाजपा के नेताओं ने कसी कमर-कांग्रेस द्वारा किये गये इस चमत्कार से भाजपा भी भौंचक रह गयी हैं।जिला भाजपा ने अपने उम्मीदवार तो तय कर ही लिये थे लेकिन बहुत पहले से ही जिले के कई वरिष्ठ नेताओं सहित जनप्रतिनिधियों को भी प्रभार सौंप दिया हैं।सांसद फगग्नसिंह कुलस्ते, प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री अरविंद मैनन और अध्यक्ष प्रभात झा भी दौरा कर चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दौरा यहां नहीं हो रहा हैं। पूर्व नपं अध्यक्ष मुनमुन राय अपनी माताजी के पक्ष में अपने समय में किये गये विकास कार्यों को मुद्दा बना रहें हैं। इसके अलावा उनके समर्थन में कई दलों के नेताओं का गुप्त समर्थन हासिल होने का दावा भी उनके समर्थक कर रहें हैं। राजनैतिक हल्कों में जारी चर्चाओं के अनुसार इसका प्रमुख कारण सिवनी विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मुनमुन राय का चुनाव लड़ते समय की राजनैतिक परिस्थितियां बतायी जा रहीं हैं। उल्लेखनीय हैं कि 2008 के विस चुनाव में भाजपा ने अपने दो बार के विधायक रहने वाले सिटिंग विधायक नरेश दिवाकर की टिकिट काट कर सांसद नीता पटेरिया को उम्मीदवार बनाया था। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी कई दावेदारों के दावों को खारिज कर प्रसन्न मालू को अंतिम समय में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था। ऐसे हालात में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले मुनमुन राय को दोनों ही पार्टियों के असंतुष्टों का सहयोग मिला था और कई नामधारी छोटे और बड़े इंका तथा भाजपा के नेताओं ने अपने हाथों में अपनी अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह छोड़कर कप बसी थाम ली थी जो कि मुनमुन राय का चुनाव चिन्ह थी। ऐसे राजनैतिक हालात में लखनादौन नपं के चुनाव में किस पार्टी के किस बड़े नेता का हाथ किसकी पीठ पर आर्शीवाद देता दिख जाये? इसकी कल्पना करना भी मुश्किल हैं। जहां तक पार्टियों के समर्पित कार्यकर्त्ताओं का सवाल हैं तो कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्त्ताओं में तो इस बात का आक्रोश हैं कि एक राजनैतिक नूरा कुश्ती के चलते अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ही मैदान से हट गये हैं। भाजपा का समर्पित कार्यकर्त्ता तो जिताने में लगा हुआ हैं लेकिन उसके मन में भी यही आशंका है कि मिशन 2013 के विस चुनावों को लेकर अभी से कोई फिक्सिंग जिले के बड़े नेताओं की ना हो जाये। रहा सवाल क्षेत्रीय भाजपा विधायक शशि ठाकुर का तो उनके लिये यह चुनाव जीतना अत्यंत आवश्यक हैं क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र से भाजपा करीब 23 हजार वोटों से हार गयी थी। वैसे यह बात भी बिल्कुल सही हैं कि यदि भाजपा जीतती हैं तो सेहरा बांधने के लिये कई सिर हाजिर हैं और यदि हार जाती हैं तो ठीकरा फोड़ने कि लिये शशि ठाकुर का सिर तो हाजिर ही हैं।
राहुल गांधी ने हरी झंड़ी दी राजा बघेल को?- स्थानीय अखबारों में प्रकाशित समाचार के अनुसार कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने ऐसे 12 चुनाव क्षेत्र चिन्हित किये हैं जहां से कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही हैं और ऐसे क्षेत्रों से युवा नेताओं को चुनाव लड़ने के लिये हरी झंड़ी दे दी गयी हैं और उन्हें तैयारी चालू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। समाचार में उल्लेख किया गया हैं कि ऐसे चिन्हित क्षेत्रों में सिवनी विस क्षेत्र भी शामिल हैं जहां से युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक राजा बघेल को हरी झंड़ी दी गयी हैं। इस समाचार में राहुल गांधी के साथ एक फोटो भी प्रकाशित हुआ है जिसमें राजा बघेल भी दिखायी दे रहें हैं। यह समाचार प्रदेश के एक प्रतिष्ठित अखबार के हवाले से प्रकाशि किया गया हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले पांच चुनावों से बरघाट एवं सिवनी विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस चुनाव हार रही हैं। सन 1977 में भी सिवनी विस क्षेत्र से जीतने वाली कांग्रेस की हार की शुरुआत 1990 में हुयी थी जब कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हरवंश सिंह चुनाव हारे थे। इसके बाद 93 और 98 के चुनाव में आशुतोष वर्मा, 2003 में राजकुमार पप्पू खुराना और 2008 के चुनाव में प्रसन्न मालू कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव हारे थे। मिशन 2013 में ऐसे क्षेत्रों को फतह करने की कांग्रेस की रणनीति और उन पर युवा प्रत्याशी को हरी झंड़ी देने की योजना पर इंकाइयों में अलग अलग किस्म की चर्चायें चल रही हैं।
“मुसाफिर”
दर्पण झूठ ना बोले से साभार
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