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Monday, August 24, 2015

अतिथि बनाकर बुलाने पर भी गौरी भाऊ से परहेज के चलते क्या सिवनी आने से  कतराते हैं सांसद बोध सिंह?
बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सांसद बोधसिंह भगत भी एक अलग ही मिजाज के आदमी है। यदि कोई किसी को अतिथि बनाकर बुलाता है तो ऐसा महसूस होता है कि उसे सम्मान दिया जा रहा है और उसका सीना गर्व से फूल जाता है। लेकिन सांसद भगत तो अपने ही क्षेत्र में अपनी ही पार्टी की सरकार के कार्यक्रमों में अतिथि बनाये जाने के बाद भी परहेज कर जाते हैं और शरीक नहीं होते हैं। जबकि जिले की बरघाट और सिवनी विस सीट से उन्हें लगभग 70 हजार वोटों की बढ़त मिली थी नहीं तो बालाघाट जिले के 6 विस क्षेत्रों से तो वे मात्र 20 हजार वोट की ही लीड ले पाये थे। भाजपायी हल्कों में चल रही चर्चाओं के अनुसार सांसद जी की गौरी भाऊ से पटती नहीं हैं इसलिये वे गोल मार जाते है। विगत 20 अगस्त को व्यापम घोटाले के विरोध में जबलपुर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में विशाल जेल भरो आंदोलन हुआ जिसमें लगभग 20 हजार गिरफ्तारी हुयी।सभी लोगों ने अपने अपने निजी प्रयास किये और अपने नेतृत्व में अपने समर्थकों को ले जाने का प्रयास किया। कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के सामने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराना ही नेताओं का लक्ष्य रहा। शिवराजसिंह चौहान ने जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात देने की घोषणा करके जनता की खूब तालियां बटोरीं थीं। लेकिन अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिवनी के भाग्य से मेडिकल कालेज छिन रहा है ।  
अतिथि बनने पर भी नहीं आते सांसद बोधसिंह-बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सांसद बोधसिंह भगत भी एक अलग ही मिजाज के आदमी है। यदि कोई किसी को अतिथि बनाकर बुलाता है तो ऐसा महसूस होता है कि उसे सम्मान दिया जा रहा है और उसका सीना गर्व से फूल जाता है। लेकिन सांसद भगत तो अपने ही क्षेत्र में अपनी ही पार्टी की सरकार के कार्यक्रमों में अतिथि बनाये जाने के बाद भी परहेज कर जाते हैं और शरीक नहीं होते हैं। जबकि जिन मतदाताओं ने उन्हें चुनकर सांसद बनाया है उनके प्रति तो उनके बहुत सारे कर्त्तव्य भी है लेकिन ना जाने क्यों वे सिवनी जिले से ना केवल मंुह चुराते है वरन यहां की समस्याओं के प्रति भी गंभीर नहीं है। जबकि जिले की बरघाट और सिवनी विस सीट से उन्हें लगभग 70 हजार वोटों की बढ़त मिली थी नहीं तो बालाघाट जिले के 6 विस क्षेत्रों से तो वे मात्र 20 हजार वोट की ही लीड ले पाये थे। भाजपायी हल्कों में चल रही चर्चाओं के अनुसार सांसद जी की गौरी भाऊ से पटती नहीं हैं इसलिये वे गोल मार जाते है। अब भाजपा के इन दो दिग्गज नेताओं की लड़ाई का खामियाजा जिले को भुगतना पड़ रहा है। अभी हाल ही में बरघाट में नगर पंचायत में लगभग सवा करोड़ रुपयों के कामों का भूमिपूजन प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन के द्वारा किया गया जिसमें सांसद बोधसिंह भगत और फग्गनसिंह कुलस्ते दोनों ही विशिष्ट अतिथि बनाये गये थे। इसी तरह 15 अगस्त को जिले के दलसागर तालाब में दलसागर महोत्सव आयोजित किया गया इसमें भी ओनों ही सांसद विशिष्ट अतिथि थे लेकिन दोनों ही कार्यक्रमों में सांसद कुलस्ते तो आये लेकिन बोधसिंह भगत ने हमेशा की तरह कन्नी काट लिया। जबकि बरघाट और सिवनी दोनों ही विधानसभा क्षेत्र कुलस्ते के संसदीय क्षेत्र में नहीं आते है। कार्यक्रमों से परहेज करें और चाहें तो जिले में बिल्कुज ना आये लेकिन कम से कम जिले की समस्याओं के प्रति तो जागरूक रहें तो वैसा भी नहीं है। फोर लेन के मामले में जरूर उनके एक दो बयान आये लेकिन वे भी सही नहीं निकले। रामटेक गोटेगांव नई रेल लाइन और छिंदवाड़ा नैनपुर के गेज परिवर्तन के संबंध में भी ना जाने क्यों भगत जी ने चुप्पी ही साध रखी है जबकि ये तीनों ही मांगें केन्द्र सरकार से संबंधित हैं और बिना उनके प्रयास किये पूरी भी नहीं होने वाली हैं। जिले के भाजपा के इकलौते विधायक कमल मर्सकोले और दोनों भाजपा सांसदों को इसं संबंध में कारगर पहल करना चाहिये ताकि जिले के लोगों को ये मूलभूत सुविधायें मिल सकें। 
कमलनाथ के नेतृत्व में हुआ जंगी प्रर्दशनःजिले में बजी अपनी अपनी ढपली -विगत 20 अगस्त को व्यापम घोटाले के विरोध में जबलपुर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में विशाल जेल भरो आंदोलन हुआ जिसमें लगभग 20 हजार लोगों ने अपनी गिरफ्तारी दी। इस आंदोलन में जिले के कांग्रेस नेताओं ने भी अलग अलग ग्रुप में अपनी भागीदारी की है। केवलारी के इंका विधायक रजनीश सिंह के नेतृत्व में स्व. हरवंश सिंह के समर्थकों ने अपनी गिरफ्तारी दी। इसमें जिला कांग्रेस अध्यक्ष हीरा आसवानी,राजा बघेल, असलम भाई और मोहन चंदेल सहित कई नेता शामिल थे। जबकि एक अलग ग्रुप के रूप में सिवनी विस के पूर्व प्रत्याशी राजकुमार पप्पू खुराना के नेतृत्व में उनके समर्थकों ने भी हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि व्यापम घोटाले की सी.बी.आई. जांच के बाद प्रदेश में यह पहला विशाल आंदोलन था जिसकी अगुवायी पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ ने की है। कांग्रेस की आक्रामक नीति के चलते ऐसे और भी आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। वेस्े तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जबलपुर संभाग के अन्य जिलों में इसमें शामिल होने के लिये कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किये थे। ऐसा दावा जिले के कांग्रेस के पदाधिकारियों का था। वैसे भी जिले में कांग्रेस या कांग्रेस के नेताओं के द्वारा कोई ऐसे संगठित प्रयास नहीं किये गये कि जिले के ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें पहुंच सकें। सभी लोगों ने अपने अपने निजी प्रयास किये और अपने नेतृत्व में अपने समर्थकों को ले जाने का प्रयास किया। ब्लाक कांग्रेस के लेवल पर भी कोई प्रयास नहीं हुये। कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के सामने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराना ही नेताओं का लक्ष्य रहा। इसीलिये सभी नेता अपनी अपनी ढपली बजाते देखे गये।
क्या मुख्यमंत्री को अपनी ही जुबान की कद्र नहीं हैं? -कई साल पहले सविनी के मिशन स्कूल की सभा में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात देने की घोषणा करके जनता की खूब तालियां बटोरीं थीं। बीच में प्रदेश सरकार ने सदन और प्रेस कॉंफ्रेंस में दावा किया था कि केन्द्र सरकार को छिंदवाड़ा और शिवपुरी नहीं वरन मूल प्रस्ताव के अनुरुप सिवनी और सतना के प्रस्ताव भेजे गये हैं। फिर भाजपा नेताओं ने दावा किया कि यहां पीपीडी मोड का कॉलेज खुलेगा। जेकिन पीपीडी मोड के कालेजों के समय भी सरकार ने सिवनी का प्रस्ताव लंबित रख दिया और ऐसा अखबारों से पता चला है कि केन्द्र सरकार द्वारा पोषित मेडिकल कालेजों की सूची में भी पूर्व की ही भांति छिंदवाड़ा और शिवपुरी का प्रस्ताव भेज दिया गया है। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिवनी के भाग्य से मेडिकल कालेज छिन रहा है जबकि मेडिकल कालेज के हिसाब से 80 के दशक में ही कु. विमला वर्मा के समय सरकारी अस्पताल खुल चुका था। भाजपा और उसके जनप्रतिनिधि शायद जिले के हितों का इसलिये ध्यान नहीं रखने के आदी हो गये हैं कि बिना कुछ दिये वे चुनाव जीत जाते हैं तो फिर भला कुछ देने से क्या फायदा। रहा सवाल विपक्ष याने कांग्रेस के विधायकों रजनीश सिंह और योगेन्द्र सिंह का तो सिवनी मुख्यालय उनके क्षेत्र में नहीं आता है तो वे भी रुचि लेते नहीं दिखते है।वैसे तो एक कहावत है कि झूठ बोले कौव्वा काटे यह चरितार्थ होती है या नहीं और मुख्यमंत्री को कौव्वा काटता है कि नहीं?“मुसाफिर”   
दर्पण झूठ ना बोले सिवनी
24 अगस्त 2015 से साभार

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