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Wednesday, December 22, 2010

शिवराज का डंपर कांड़

फिर से मुद्दा बनाने के पहले कांग्रेस की हरवंश कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने क्या जरूरी नहीं?

राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा कांग्रेस नेः न्याय रैली के बाद कई मौकों पर हरवंश के बगलगीर दिखी शिवराज सरकारःजांच में हरवंश ने शिवराज को दोषी पाया या नहीं?ः जांच रिपोर्ट का खुलासा अब तक क्यों नही?

सिवनी । कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के डंपर कांड़ को एक बार फिर उछाल कर दिल्ली पहुचा दिया हैं। कांग्रेस आला कमान ने इस मामले की जांच के लिये प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं इंकर विधायक हरवंश सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। राजनैतिक हल्कों में इस कांड़ को फिर से मुद्दा बनाने के पहले हरवंश कमेटी की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग उठ रही हैं। हालांकि इस कमेटी के गठन के बाद कई मामलों में शिवराज सरकार हरवंश सिंह की बगलगीर बन कर खड़ी दिखी हैं और आज वे विधानसभा उपाध्यक्ष के संवैधानिक पद पर हैं।

कुछ साल पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और उनकी पत्नी साधना सिंह डंपर खरीदी के मामले में विवाद में उलझ गये थे। मामले ने इतना अधिक तूल पकड़ा कि प्रदेश के लोकायुक्त के यहां अपराध पंजीबद्ध होकर जांच में ले लिया गया था। हालात यह हैं कि यह मामला आज भी जांच में हैं और न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया जा सका हैं। इस पर यह आरोपित किया जा रहा हैं कि मुख्यमंत्री का मामला होने के कारण जांच में विलंब हो रहा हैं।

इस प्रकरण की जांच के लिये कांग्रेस आला कमान एक जांच कमेटी बनायी थी। इस कमेटी का अध्यक्ष सिवनी जिले के केवलारी क्षेत्र के इंका विधायक और प्रदेश इंका के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह को बनाया गया था। उस दौरान अखबारों में यह समाचार प्रमुखता से छपा था कि सोनिया गांधी ने एक महत्वपूर्ण कार्य उन्हें सौंपा हैं। प्रदेश में इस समिति की अगुवायी में आंदोलन भी हुये। हरवंश सिंह के गृहनगर में भी इंका नेता राजकुमार खुराना के एक डंपर पर सवार होकर इंकाइयों ने औपचारिकता पूरी कर ली थी।

लेकिन कुछ ही समय बाद आमानाला सिंचाई परियोलना के लोर्कापण को लेकर तत्कालीन भाजपा सांसद नीता पटेरिया की गाड़ी पर किये गये पथराव और उनके ड्रायवर और पुत्र पर किये गये हमले को लेकर बंड़ोल थाने में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर हरवंश सिंह सहित कुछ अन्य इंकाइयों के विरुद्ध जान से मारने के प्रयास जैसे संगीन अपराध की धारा 307 सहित कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज हो गया। इसके विरोध मेंहरवंश सिंह ने जबलपुर संभाग के इंकाइयों को इकट्ठा कर जंगी प्रदर्शन किया था जिसमे बीसों हजार लोगों ने भाग लिया था। वैसे तो इस रैली का नाम न्याय रैली रखा गया था लेकिन बताया जाता हें कि कांग्रेस आला कमान के सामने हरवंश सिंह ने इसे शिवराज के डंपर कांड़ के विरोध में किया गया संभागीय प्रर्दशन बताया था।

इस प्रदर्शन के बाद ना तो आज तक शिवराज सरकार ने कोर्ट में इसमामले में चालान पेश किया हैं और ना ही खात्मा लगाया हें। लोगों का मानना हैं कि सरकार ने हरवंश सिंह को यह अवसर उपलब्ध कराया हैं कि इस आधार पर वे उच्च न्यायालय से अपने आप को दोष मुक्त करा लें। ऐसा भी विदित हुआ हें कि उन्होंने इस हेतु हाई कोर्ट में मामला पेश भी कर दिया हैं। इसी तरह एक अन्य ग्राम आमानाला के जमीन घोटाले में भी कोर्ट के दो दो बार आदेश दिये जाने के आद भी धोखाधड़ी का मामला हरवंश सिंह और उनके पुत्र रजनीश सिंह के खिलाफ दर्ज नहीं किया था। कोर्ट की फटकार के बाद बमुश्किल पुलिस ने मामला दर्ज किया था। बीते दिनो में ऐसे ही कई अवसर आयें हैं जब प्रदेश की शिवराज सरकार हरवंश सिंह के बगलगीर बन कर खड़ी नजर आयी हैं। और तो और 2008 का चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह के दूसरे कार्यकाल में हरवंश सिंह विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर सर्व सम्मति से निर्वाचित हो चुके हैं।

डंपर कांड़ के लिये कांग्रेस द्वारा गठित हरवंश कमेटी ने इस मामले में शिवराज सिंह और उनकी पत्नी को दोषी पाया हैं या नहीं? उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट आला कमान को सौंपी हैं या नहीं? यह जांच अभी पूरी हुयी भी हैं या नहीं? इन तमाम प्रश्नों का कोंई खुलासा नहीं हुआ हैं।

हाल ही में प्रदेश कांग्रेस ने अपने सांसदों और विधायकों के साथ राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंप कर इसकी सी.बी.आई. जांच कराने की मांग की हैं।सियासी हल्कों में चर्चा हैं कि इसके पहले हरवंश सिंह कमेटी की रिपोर्ट सामने आना चाहिये ताकि यह उजागर हो सके कि कांग्रेस की इस समिति ने मुख्यमंत्री को दोषी पाया भी हैं या नहीं?





क्या केवलारी के आदिवासियों को हरवंश के भरोसे छोड़ दिया है शिवराज ने?

सिवनी। प्रदेश व्यापी अपनी वनवासी सम्मान यात्रा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान का जिले में आगमन हुआ। आपने लखनादौन विस क्षेत्र के घंसौर ब्लाक के केदारपुर तथा लखनादौन विकास खंड़ मुख्यालय तथा बरघाट विस क्षेत्र के ग्राम सुकतरा का दौरा किया और आदिवासी भाइयों के भले के लिये कई घोषणायें भी की हैं। लेकिन केवलारी विस क्षेत्र के आदिवासियों कर कोई भी सुध नहीं ली हैं। जबकि इस क्षेत्र में भी घनौरार एवं छपारा आदिवासी विकाखंड़ तथा सिवनी और केवलारी विकाखंड़ के कई आदिवासी इलाके आते हैं जहां की सुध लेना शिवराज ने जरूरी नहीं समझा जबहिक पड़ोसी जिले छिंदवाड़ाके सामान्य विस क्षेत्र के खांमरपानी के आदिवासियों के द्वार पर बाकायदा दस्तक दी हैं। भाजपायी और इंकाई हल्कों में जब इस बात की चर्चा चली तो दोनो ही तरफ से यह कहने में किसी ने संकोच नहीं दिखाया कि केवलारी के आदिवासियों को विस उपाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय इंका विधायक हरवंश सिंह के भरोसे छोड़ दिया हैं शिवराज ने।



चुनाव में जनता ने और अब शिवराज ने भी अनाथ छोड़ दिया केवलारी के भजपाइयों को

सिवनी। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान से केवलारी विस क्षेत्र के भाजपाइयों के एक जत्थे ने मुलाकात कर यह रोना रोया कि उनकी बात कोई भी अधिकारी नहीं सुनते हैं ब्लकि सभी इंका विधायक हरवंश सिंह की बात सुनते हैं और उन्हें ही तव्वजो देते हैं। इस पर शिवराज ने कहा कि मैने तो आप लोगों से भाजपा को जिताने की बात की थी लेकिन आपने जिताया नहीं। अब हरवंश सिंह विधानसभा के उपाध्यक्ष बन गये हें तो सब उनकी बात तो सुनेंगें ही। यह टका सा जवाब सुनकर सभी भाजपायी भौंचक रह गये। पहले तो जनताने और कुछ भाजपा नेताओं ने उन्हें अनाथ छोड़ दिया और सरकार बनने पर प्रदेश के मुखिया ने भी उन्हें अनाथ छोड़ दिया हैं।

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