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Sunday, December 19, 2010

दो साल में दूसरी बार विकास के लियेयोजना बनाने की बात कह मंचासीन भाजपा नेताओं की तालियां बटोर ले गये शिवराज

हाल ही में लगभग दो साल बाद एक बार फिर जब जिले के विकास की बात उठी तो मुख्यमन्त्री जी ने फिर मंच से योजना बनाने के निर्देश देते हुये पैसे की कमी नहीं आने देने की बात कर दी। मंच पर बैठे भाजपा के उन तमाम नेताओं ने इस बार भी ताली बजाई जिन्होंने दो साल पहले पालेटेकनिक के मंच से ताली बजायी थी। प्रदेश भाजपा महिलामोर्चे की अध्यक्ष नीता पटेरिया पर मुख्यमन्त्री की पत्नी और उपाध्यक्ष साधना सिंह के भारी पड़ने के समाचार सुर्खियों में रहें। वैसे सामान्य तौर पर देखा जाये तो यह एक साधारण सी बात हैं।लेकिन भाजपा हमेशा अपने आप को सबसे अलग होने का दावा करती हैं जहां व्यक्ति नहीं संगठन और संगठन का पद ही सम्मान पाने का अधिकारी होता हैं। ऐसा लगता हैं कि सबसे अलग होने का भाजपा का दावा सत्ता सुन्दरी की चकाचौंध में कहीं गुम होकर रह गया हैं। एक तो वर्तमान में महेश मालू जिलाध्यक्ष हैं तो दूसरे हीरा आसवानी जिले के निर्वाचित अध्यक्ष हैं। महेश मालू अपना कार्यकाल समाप्त मान चुके हैं और हीरा आसवानी अपने कार्यकाल की अभी शुरुआत हुयी नहीं मानते हैं। शिवराज जी आपके राज में तो आडवानी जी की नसीहत के खिलाफ भ्रष्टाचारियों को सजा देने के बजाय संगठन में प्रदेशस्तर पर पद देकर नवाजा जा रहा हैं। डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन को अपनी ही सरकार से सर्वाजनिक मंच से बार बार एक ही मांग करनी पड़ रही हें और सरकार के मुखिया शिवराज सिंह हैं कि सभा में घोषणा करके तालियां तो बजवा लेते हैं लेकिन फिर नतीजा वही ढाक के तीन पात के समान ही रहता हैं। यह मांग हैं सिंचाई विभाग की कांचना मंड़ी जलाशय की जिससे क्षेत्र की लगभग 6 हजार एकड़ भूमि सिंचित होना हैं।

घोषणाओं से ही बहला जाते हैं शिव की नगरी को शिवराज -एक समय था जब मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान नगर के पालेटेकनिक कॉलेज के परिसर में आये थे। उनकी पत्नी साधना सिंह जी भी उनके साथ थीं। उस दौरान नगर विकास के लिये मांग उठी तो शिवराज सिंह ने मंच से शहर की सम्पूर्ण योंजना बनाने के लिये कलेक्टर को निर्देश दिये थे कि एक माहीने के अन्दर योजना बनाये सरकार एक मुश्त पैसा देगी। हाल ही में लगभग दो साल बाद एक बार फिर जब जिले के विकास की बात उठी तो मुख्यमन्त्री जी ने फिर मंच से योजना बनाने के निर्देश देते हुये पैसे की कमी नहीं आने देने की बात कर दी। उनकी पत्नी साधना जी इस बार भी साथ थीं। मंच पर बैठे भाजपा के उन तमाम नेताओं ने इस बार भी ताली बजाई जिन्होंने दो साल पहले पालेटेकनिक के मंच से ताली बजायी थी। ऐसी ही किसी आम सभा में शिव की नगरी सिवनी को शिवराज ने मेडिकल कॉलेज देने की घोषणा भी की थी। घोषणा के बाद जिला कलेक्टर ने जिले में इस हेतु एक कमेटी भी गठित की थी। लेकिन किसी ने भी आज तक इस बात की सुधि ही नहीं ली हैं कि उस मेडिकल कालेज का क्या हुआ र्षोर्षो वैसे भी शिवराज ने शिव की नगरी को हमेशा हताश ही किया हैं। ना तो अपने मन्त्रीमंड़ल में तीन तीन भाजपा विधायक होने के बाद भी किसी को मन्त्री बनाया,ना ही भौगोलिक और प्रशासनिक दृष्टि से उपयुक्त होने के बाद भी उसेसंभाग का दर्जा मिलने दिया, सिवनी लोक सभा और जिले की एक विधानसभा समाप्त हो गई, फोर लेन मामले में सभाओं में गरजने वाले शिवराज कमलनाथ और जयराम रमेश से बात करते वक्त उसे भूल जाते हैं। इतना सब कुछ करने बाद भी यदि जनता लोकसभा,चार में से तीन विधानसभा और नपा अध्यक्ष का चुनाव जिता देती हैं तो भला कुछ करने की जरूरत ही क्या हैंर्षोर्षो रहा सवाल भाजपा नेताओं का तो वे भी मंच पर घोषणा होने मात्र से ताली बजाकर सन्तुष्ट हो जाते ळें तो फिर चिन्ता करने की तो कोई बात ही नहीं रह जाती हैं ?

नीता पर साधना भारी: सबसे अलग दिखने का भाजपायी दावा खोखला साबित हुआ -बीते दिनों भोपाल से प्रकाशित एक समाचार सिवनी के राजनैतिक हल्कों में काफी चर्चित रहा। सिवनी की विधायक नीता पटेरिया प्रदेशभाजपा की महिला मोर्चे की अध्यक्ष हैं और मुख्यमन्त्री की पत्नी साधना सिंह उपाध्यक्ष हैं। समाचार का सार यह था कि जहां देखो वहां हर राजनैतिक कार्यक्रमों नीता पर साधना भारी पड़ रहीं हैं। वैसे सामान्य तौर पर देखा जाये तो यह एक साधारण सी बात हैं और इसका कोई समाचार भी नहीं बनता क्योंकि आजकल ऐसा ही हो रहा हैं। लेकिन भाजपा हमेशा अपने आप को सबसे अलग होने का दावा करती हैं जहां व्यक्ति नहीं संगठन और संगठन का पद ही सम्मान पाने का अधिकारी होता हैं। लेकिन एक महिला संगठन में प्रदेश प्रमुख की यह गत देखकर तो ऐसा लगता हैं कि सबसे अलग होने का भाजपा का दावा सत्ता सुन्दरी की चकाचौंध में कहीं गुम होकर रह गया हैं।

जिले में कांग्रेस के हाल बेहाल तो क्या बदहाल हो गये हैं-जिले में कांग्रेस के हाल भी बेहाल हैं। ऐसी अजीब स्थिति शायद पहले कभी नहीं रहीं। एक तो वर्तमान में महेश मालू जिलाध्यक्ष हैं तो दूसरे हीरा आसवानी जिले के निर्वाचित अध्यक्ष हैं।हीरा आसवानी का अधिकृत घोषणा अभी तक नहीं हुई हैं।महेश मालू अपना कार्यकाल समाप्त मान चुके हैं और हीरा आसवानी अपने कार्यकाल की अभी शुरुआत हुयी नहीं मानते हैं। ऐसे में कांग्रेस कौन चलायेर्षोर्षो यह एक यक्ष प्रश्न सामने खड़ा हो गया हैं। जिस जिले में आजादी से लेकर कांग्रेस की सरकार रहते तक हमेशा मन्त्री रहें हों यदि उस जिले में कांग्रेस को अपने दिवंगत नेताओं की जयन्तियां और पुण्यतिथियां मनाने के लिये जगह ना मिले या आफिस खोलने की गुहार करना पड़े तो इससे शर्मनाक बात भला और क्या हो सकती हैंर्षोर्षो

शिवराज के राज में पदों से नवाजा जा रहा हैं भ्रष्टाचारियों को-भाजपा के शीर्ष नेता आडवानी ने भोपाल में गौरव दिवस पर मुख्यमन्त्री को सीख दी थी कि भ्रष्टाचार से समझोता नहीं करना। बस क्या था फिर शिवाराज भी अपने सभी भाषणों में भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ने की बात कहते दिखते हैं। नये तो जब पकड़ें जायेंगें तब छोड़ने या ना छोड़ने का सवाल पैदा होगा लेकिन शिवाराजजी यह तोबता दें कि जो पुराने पकड़े जा चुके हैं और जिन पर आरोप भी सिद्ध हो चुके हैं उन्हें आपकी सरकार कब दंड़ित करेगी। एक छोटा सा उदाहरण तो सिवनी शहर का ही हैं। दुगनी कीमत पर घटिया सड़के बनाने का आरोप इंका नेता आशुतोष वर्मा ने लगाया था। जिनमें से एक एस.पी.बंगले से राकेशपाल के पंप तक की भी हैं।नपा के कागजों में तो यह ठेका सुखदेव पटेल ने लिया था लेकिन यह सभी जानते हैं कि इसका काम भाजपा नेता पवन बंसल और समीर अग्रवाल ने बनायी थी। कई जाचों मेंआरोप प्रमाणितभी हो गये हैं। सरकार ने नपा अध्यक्ष,उपाध्यक्षऔर सी.ण्म.ओ. को तथा जिला कलेक्टर के यहां से पार्षदों को नोटिस भी जारी किये गये। लेकिन लगभग तीन साल बीत जाने के बाद भी नतीजा सिफर ही हैं। यह भी एक ओपन सीक्रेट हैं कि इन भाजपा नेताओं को पहले तत्कालीन भाजपा विधायक नरेशदिवाकर तथा पालिका अध्यक्ष पार्वती जंघेंला का संरक्षण प्राप्त था तो आज भी इन्हें भाजपा विधायक नीता पटेरिया और पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी का संरक्षण प्राप्त हैं। और तो और पवन बंसल तो राजेश त्रिवेदी के साथ युवा मोर्चे की प्रदेश कार्यकारिणी में भी शामिल हो गये हैं। शिवराज जी आपके राज में तो आडवानी जी की नसीहत के खिलाफ भ्रष्टाचारियों को सजा देने के बजाय संगठन में प्रदेश स्तर पर पद देकर नवाजा जा रहा हैं।

शिवराज के रज में पदों से नवाजा जारहा हैं भ्रष्टाचारियों को-बरघाट विस क्षेत्रसेचार बार विधायक और भाजपा सरकार में तीन विभाग के मन्त्री रहे डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन को अपनी ही सरकार से सर्वाजनिक मंच से बार बार एक ही मांग करनी पड़ रही हें और सरकार के मुखिया शिवराज सिंह हैं कि सभा में घोषणा करके तालियां तो बजवा लेते हैं लेकिन फिर नतीजा वही ढाक के तीन पात के समान ही रहता हैं। यह मांग हैं सिंचाई विभाग की कांचना मंड़ी जलाशय की जिससे क्षेत्र की लगभग 6 हजार एकड़ भूमि सिंचित होना हैं। इस बार भी सुकतरा में शिवराज सिंह ने मंच से यह घोषणा कर दी हैं कि इस योजना में जितना भी पैसा लगना हैं वह एक मुश्त इस साल के बजट में रख दिया जायेगा। अब देखना यह हैं कि डॉ. बिसेन को अगली बार फिर मांग करनी पड़ती है या नहीं?

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