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Wednesday, February 23, 2011

plitical dairy of seoni disst. of M.P.

मैदान पर हाकी के हुनरऔर उदघाटन समारोह के मंच पर नेताओं के द्वारा मारे जा रहे पेनाल्टी स्ट्रोक्स भी कम चर्चित नहीं रहे


हाकी हमारे शहर का सबसे लोकप्रिय खेल हैं। इसलिये राजनेताओं ने भी इसे अपने सियासी खेल का एक हिस्सा बना लिया हैं। उदघाटन समारोह के दिन हाकी प्रेमी तो खेल देखने में मग्न थे लेकिन मंच नेताओं द्वारा लगाये जा रहें पेनाल्टी स्ट्रोक्स का आनंद तो मंच पर मौजूद चंद लोग ही ले पा रहे थे। हरवंश सिंह ने इस पर भी राहत महसूस की है कि पहली बार बिना चंदा दिये मुख्यअतिथि बनने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि यह जिले में पहला ऐसा बड़ा आयोजन हैं जिसमें कोई चंदा नहीं लिया गया। वैसे कुछ भी कहो इतना तो जरूर हैं कि हाकी के मैदान में खिलाड़ियों के दांव पेंच के साथ साथ मंच पर भी रोज नेताओं के दांव पेंच भी कम रोचक नहीं हैं। उप चुनावों में कांग्रेस की परंपरागत सीटो पर भाजपा की जीत का जश्न सिवनी में भी मना और कार्यकत्र्ताओं ने मीठा बांटकर ना केवल खुशियां मनायीं वरन जिला संगठन मंत्री त्यागी का आभार भी माना। बरघाट ब्लाक कांग्रेस द्वारा आहूत किसान आंदोलन में हरवंश सिंह की दहाड़ और सत्ता से अलग कर देने तक की चुनौती को लेकर तरह तरह की चर्चायें हो रहीं है। तत्कलीन भाजपा सांसद एवं वर्तमान विधायक नीता पटेरिया ने भले ही अपना राजनैतिक कद बढ़ा लिया हो और आज वे प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष बन गयीं हो लेकिन आज से लगभग तीन साल पहले हुये आमानाला कांड़ की जांच पूरी करवा कर अपनी ही सरकार में चालान पेश नहीं करा पायीं हैं।


हरवंश की शिवराज को दी गयी खुली चुनौती चर्चित-ब्लाक कांग्रेस कमेटी बरघाट के आव्हान पर किसानों की मांगों के समर्थन में म.प्र. विधानसभा और प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हरवंशसिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार और उसके मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के ऊपर तीखे आरोप लगाये। पाला से पीड़ित किसानों को मुआवजे वितरण में हो रहे विलंब और चीन्ह चीन्ह के मुआवजा देने का आरोप लगाते हुये इंका नेता सिंह ने भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों की आलोचना की हैं। अपने भाषण में उन्होंने यहां तक कहा कि मैं किसान का बेटा हूॅं और किसानों के लिये लड़ रहा हूं भले ही मुझे सत्ता से अलग कर दिया जाये। मैं शिवराज जैसा सिर्फ बोलने वाला किसान पुत्र या किसान नहीं हूॅं। उनके ऐसे तीखे आरोपों से राजनैतिक हल्कों में चर्चा चल उठी हैं कि किसी सोची समझी राजनैतिक रणनीति के तहत हरवंश ने यह लहजा अपनाया है।


मैदान के साथ साथ मंच पर भी मारे जा रहें थेैं पेनाल्टी स्ट्रोक्स-हाकी हमारे शहर का सबसे लोकप्रिय खेल हैं। इसलिये राजनेताओं ने भी इसे अपने सियासी खेल का एक हिस्सा बना लिया हैं। वर्तमान में नगर पालिका गोल्डकप आल इंड़िया हाकी टूर्नामेंट चल रहा। हाकी प्रेमी जनता को अच्छा खेल इेखने को मिल रहा हैं लेकिन नेता गण भी मंच पर अपना खेल दिखाने से नहीं चूक रहें हैं। उदघाटन समारोह के दिन हाकी प्रेमी तो खेल देखने में मग्न थे लेकिन मंच नेताओं द्वारा लगाये जा रहें पेनाल्टी स्ट्रोक्स का आनंद तो मंच पर मौजूद चंद लोग ही ले पा रहे थे। पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी ने अपने बाजू में बैठे इंका विधायक हरवंश सिंह से पूछा कि चाचा कैसा कार्यक्रम लगा तो हरवंश ने कहा कि बहुत अच्छा हैं। तुम तो बहुत अच्छे नेता हो हमारे साथ आ जाओ तो और अच्छा बना देंगें। इस पर राजेश ने कहा कि मैं तो आपके साथ हूं। इस पर हरवंश ने यह कह कर विराम लगा दिया कि अभी आधे साथ हो। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि पालिका चुनाव में हरवंश सिंह और उनके समर्थकों पर ना केवल भीतरघात के आरोप लगे थे वरन उनके कुछ समर्थकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी हुयी थी। इसके बाद भी हाथ आये मौके को राजेश भला कहां चूकने देने वाले थे उन्होंने लगे हाथ यह भी कह डाला कि चाचा जरा राजिक वगैरह को तो समझाओ वो जब देखो तब लोकायुक्त या कहीं कहीं शिकायत करते रहता हैं। इस पर अनुभवी हरवंश सिंह ने पेनाल्टी स्ट्रोक मारते हुये नसीहत दी कि अकेले अकेले मलाई खाने से थोड़ी ना सब कुछ ठीक ठाक रहता है मिल बांट कर खाओ तो सब ठीक हो जायेगा। वैसे भी इस मामले में हरवंश सिंह का नजरिया हमेशा से साफ रहा हैं। तभी तो जब वे गृह मंत्री बन कर आये थे तो गांधी चैक में अपने स्वागत समारोह में उन्होंने खुले आम यह कहा था कि “रामई की चिड़िया,रामई का खेत।खाओ री चिड़िया,भर भर पेट“। आपस में हो रही चर्चाओं को यहीं विराम नहीं मिला। युवा पालिका अध्यक्ष राजेश नेहरवंश से यह भी कह डाला कि चाचा जरा मेरी तारीफ कर देना तो विधायक नीता पटेरिया को चीटा लग जायेगा तो तत्काल ही हरवंश ने सहमति दे दी और भाषण में खुल कर तारीफ कर डाली और इस पर भी राहत महसूस की है कि पहली बार बिना चंदा दिये मुख्यअतिथि बनने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि यह जिले में पहला ऐसा बड़ा आयोजन हैं जिसमें कोई चंदा नहीं लिया गया। वैसे कुछ भी कहो इतना तो जरूर हैं कि हाकी के मैदान में खिलाड़ियों के दांव पेंच के साथ साथ मंच पर भी रोज नेताओं के दांव पेंच भी कम रोचक नहीं हैं।


उपचुनाव में भाजपा की जीत जश्न सिवनी में भी मना-प्रदेश की कांग्रेस की दो परंपरागत सीटों को उप चुनाव में अपने खाते में डालने के बाद भाजपा के हौसले बहुत बुलंद हैं। प्रदेश में इन दिनो विपक्ष नाम की कोई चीज कहीं नहीं दिख रही हैं। कांग्रेस में प्रदेश से लेकर जिले तक अनिश्चितता का का वातावरण बना हुआ है। उप चुनावकी जीत पर जिले में भी खाुशी का माहैल दिखायी दिया। भाजपा के नगर अध्यक्ष प्रेम तिवारी के नेतृत्व में मिठाइयां बांटी गयीं और खुशियां मनायी गयीं। जिले के संगठन मंत्री संतोष त्यागी का भी आभार माना गया जिन्हें प्रदेश संगठन ने इन चुनावों में लगया था। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता और केन्द्रीय मंत्री ज्यातिरादित्य सिंधिंया ने सार्वजनिक रूप से इन चुनाव परिणामों के बाद यह कहा है कि कांग्रेस को इस मामले में आत्मावलोकन करना चाहिये।


नीता पटेरिया अभी तक पेश नही ंकरा पायीं हैं आमानाला कांड़ का चालान-तत्कलीन भाजपा सांसद एवं वर्तमान विधायक नीता पटेरिया ने भले ही अपना राजनैतिक कद बढ़ा लिया हो और आज वे प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष बन गयीं हो लेकिन आज से लगभग तीन साल पहले हुये आमानाला कांड़ की जांच पूरी करवा कर अपनी ही सरकार में चालान पेश नहीं करा पायीं हैं। इस मामले में उन्होनें जिल की पूरी भाजपा के साथ बंड़ोल थाने का घेराव कराया था और इंका विधायक हरवंश सिंह के साथही कुछ अन्य कांग्रेसियांे के खिलाफ धारा 307 सहित कई गंभीर अपराधों में केस पंजीबद्ध कराया था। लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी ना तो पुलिस अपनी पूरी तफशीश कर पायी हैं,ना ही अदालत में चालान पेश कर पायी हैं और ना ही खारिजी। इससे ऐसा लगता है कि या तो कोई अपराध ना बनने के बाद भी पुलिस ने दवाब मे प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया और अब कुछ ना कर पा रही हैं या फिर दवाब बनाने वाली ताकतें ही निष्क्रिय हो गयीं हैं। केस दर्ज होने के बाद से बहुत सा पानी बैनगंगा के पुल के नीचे से बह चुका हैं। विधानसभा के ना केवल टिकिट बट चुके हैं वरन तत्कालीन सांसद नीता पटेरिया भाजपा की टिकिट पाकर अब विधायक भी बन चुकीं हैं। सार्वजनिक मंचों पर साथ ना दिखने की बात भी अब खत्म हो चुकी हैं। यह सब देख कर लोग अब यह कयास भी लगाने लगें हैं कि आमानाला जमीन घोटाले में फरियादी द्वारा मेरा विवाद विवाद शेष नहीं है कहने से मुक्ति पाने वाले हरवंश सिंह अब जल्दी ही दूसरे आमानालाकांड़ से भी मुक्ति पा सकतें हैं।

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