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Monday, July 12, 2010

कार्यकारिणी में केवलारी की उपेक्षा राजनैतिक संकेत हैं कि भाजपा की जीतने के लिये कोई रणनीति नहीं
आजकल ऐसा भी होता हैं। पहले अखबारों में यह छपता हैं कि प्रभारी मन्त्री फलां स्कूल में बच्चों के साथ मध्यान्ह भोजन करेंगें फिर यह छपता हैं कि प्रभारी मन्त्री ने बच्चों के साथ फलां स्कूल में मध्यान्ह भोजन किया और उसकी प्रशंसा की। हमारी मन्त्री जी से अपेक्षा हैं कि अगले प्रोग्राम में वे फिर यही आयोजन रखें लेकिन स्कूल का नाम ऐन वक्त पर बतायें और फिर देखें कि आपके प्रभार के जिले में नौनिहालों को कैसा भोजन मिल रहा हैं। जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन ने प्रदेशाध्यक्ष के अनुमोदन के बाद इस सूची को जारी कर दिया हैं। संख्या के हिसाब से जारी यह कार्यकारिणी हैं तो जम्बो जेट लेकिन इसे सन्तुलित नहीं माना जा रहा हैं। भाजपायी हल्कों में इस कार्यकारिणी को क्षेत्रीय एवं जातीय समीकरण के हिसाब से असन्तुलित माना जा रहा हैं। आदिवासी वर्ग में दो,हरिजन में 1 नेता को ही पदाधिकारी बनाया गया हैं जबकि अल्पसंख्यक वर्ग से एक भी पदाधिकारी ना बनाया जाना इन वर्गों के प्रति भाजपा की मांसिकता को ही उजागर करता हैं। बहुचर्चित जमीन घोटाले में गेन्द एक बार फिर पुलिस के पाले में आ गई हैं। कोर्ट ने एक बार फिर निर्देश देकर पिछली पेशी में सभी अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करने एवं प्रतिवेदन कोर्ट में देने के लिये 20 जुलाई की पेशी दे दी थी।
मन्त्री जी का चर्चित मध्यान्ह भोजन-
आजकल ऐसा भी होता हैं। पहले अखबारों में यह छपता हैं कि प्रभारी मन्त्री फलां स्कूल में बच्चों के साथ मध्यान्ह भोजन करेंगें फिर यह छपता हैं कि प्रभारी मन्त्री ने बच्चों के साथ फलां स्कूल में मध्यान्ह भोजन किया और उसकी प्रशंसा की। होता पहले भी यही था लेकिन स्कूल का नाम पता नहीं होता था। वह मन्त्री जी अचानक तय करके प्रशासन को बताते थे कि आज वे फलां स्कूल में बच्चों के साथ भोजन करेंगें और जब अचानक वहां जाकर भोजन करते थे तो यह पता चलता था कि बच्चों को कैसा भोजन परोसा जा रहा हैं। लेकिन पहले से पता होने पर सब कुछ प्रायोजित हो जाता हैं। हमारा यह कहने का आशय बिल्कुल भी नहीं हैं कि साल भर बच्चों को घटिया भोजन ही परोसा जाता हैं। लेकिन चेकिग करने का यह तरीका तो बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हैं। ऐसा ही इस बार प्रभारी मन्त्री के भ्रमण के दौरान हुआ। अखबारों में समाचार छपा कि मन्त्री जी बच्चों के साथ आमाझिरिया स्कूल में मध्यान्ह भोजन करेंगें। मन्त्री जी ने लाव लश्कर के साथ जाकर वहां भोजन भी किया। उसका भी समाचार प्रकाशित हुआ और मामला खत्म हो गया। हमारी मन्त्री जी से अपेक्षा हैं कि अगले प्रोग्राम में वे फिर यही आयोजन रखें लेकिन स्कूल का नाम ऐन वक्त पर बतायें और फिर देखें कि आपके प्रभार के जिले में नौनिहालों को कैसा भोजन मिल रहा हैं।
भाजपा कार्य.:जम्बोजेट पर बेलेंस नहीं-
जिले की बहुप्रतीक्षित भाजपा कार्यकारिणी की घोषणा अन्तत: हो ही गई। जिला भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन ने प्रदेशाध्यक्ष के अनुमोदन के बाद इस सूची को जारी कर दिया हैं। संख्या के हिसाब से जारी यह कार्यकारिणी हैं तो जम्बो जेट लेकिन इसे सन्तुलित नहीं माना जा रहा हैं। भाजपायी हल्कों में इस कार्यकारिणी को क्षेत्रीय एवं जातीय समीकरण के हिसाब से असन्तुलित माना जा रहा हैं। इसके चयन का आधार योग्यता या वरिष्ठता ना होकर नेताओं के समर्थकों के हिसाब से किया गया हैं। इससे नेता भले ही सन्तुष्ट हो जाये लेकिन जमीनी तौर असन्तोष के स्वर सुनायी देने लगे हैं। चूंकि भाजपा के अधिकांश नेताओं का रहना सिवनी नगर में ही हो रहा हैं इसलिये इसमें नगर की भरमार हैं। लगभग 150 नेताओं की घोषित कार्यकारिणी में 63 शहर के नेता शामिल हैं। अध्यक्ष सहित 8 उपाध्यक्षों में से 2,तीन महामन्त्रियों में से 1, मन्त्रियों में 7 में से 2, कोषाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी के अलावा 71 कार्यकारिणी सदस्यों में से 33 तथा आमन्त्रित सदस्यों में 59 में से 21 नेता शहर के रहने वाले हैं। मुस्लिमों की संख्या भी अगुलियों में गिनने लायक हैं।भाजपा के वोट बैंक मानी जाने वाली जातियों को भी उचित अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया हैं। जिले के विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से भी कार्यकारिणी असन्तुलित ही नज़र आ रही हैं। जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ केंवलारी क्षेत्र में भाजपाप हारी थी जहां से विस उपाध्यक्ष हरवंश सिह लगातार चौथी बार जीते हैं। इस कार्यकेारिणी से भी ऐसा राजनैतिक सन्देश नहीं जा रहा हें कि भाजपा इस क्षेत्र से चुनाव जीतने की कोई गम्भीर रणनीति बना रही हैं। केवलारी क्षेत्र के महामन्त्री रहे डॉ. प्रमोद राय को भी सिर्फ कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया हैं। किसी नये नेता को भी महामन्त्री बनाया गया होता तो बात कुछ और होती। भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर हरवंश से सांठ गांठ के आरोप लगाते रहें हैं। पर इस सबसे भाजपा नेताओं की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता हैं। तभी तो नव घोषित कार्यकारिणी में केवलारी क्षे से 1 उपध्यक्ष,3 मन्त्री सहित कुल 29 नेता शामिल किये गये हैं। जबकि सबसे अधिक सिवनी विस के नेताओं का ही बोलबाला हैं। लगातार पांच बार से जीतने वाले इस क्षेत्र से भाजपा ने 2 उपाध्यक्ष,1 महामन्त्री,3 मन्त्री सहित कुल 72 नेताओं को लिया गया हैं। वैसे भी आग्रामी विस चुनाव लड़ने का सपना भी सबसे अधिक इसी क्षेत्र से भाजपा नेता पाले हुए हैं क्योंकि इस क्षेत्र से पिछले चुनाव में भाजपा ने अपने विधायक नरेश दिवाकर की टिकिट काट कर एक मिसाल पेश कर दी हैं। इसलिये नेताओं की आस अभी से बढ़ी दिखायी दे रही हैं इसी का परिणाम यह हैं कि इस क्षेत्र के अपने समर्थकों को हर भाजपा नेता ने कार्यकारिणी में शामिल करवाया हैं।पांच बार से जीतने वाले बरघाट विस क्षेत्र से भी भाजपा ने 2 उपाध्यक्ष, 2 महामन्त्री सहित 20 नेताओं को शामिल किया हैं जबकि दो बार से लगातार जीतने वाले लखनादौन विस क्षेत्र से भाजप की कार्यकारिणी में 3 उपध्यक्ष, 2 मन्त्री सहित 28 नेताओं को शामिल किया गया हैं। पदाधिकारियों के रूप में
आदिवासी,हरजिन एवं अल्पसेंख्यक वर्ग की उपेक्षा भी दिखायी दे रही हैं। आदिवासी वर्ग में दो,हरिजन में 1 नेता को ही पदाधिकारी बनाया गया हैं जबकि अल्पसंख्यक वर्ग से एक भी पदाधिकारी ना बनाया जाना इन वर्गों के प्रति भाजपा की मांसिकता को ही उजागर करता हैं। भाजपा की यह कार्यकारिणी युवा ऊर्जावान नेतृत्व से तो लबालब भरी हैं लेकिन इन सारी विसंगतियों के साथ भारी गुटबाजी के रहते हुये संगठनात्मक गतिविधियों को चलाना अध्यक्ष सुजीत जैन के लिये चुनोती ही साबित होगी।
जमीन घोटाले में गेन्द एक बार फिर पुलिस के पाले में -
बहुचर्चित जमीन घोटाले में गेन्द एक बार फिर पुलिस के पाले में आ गई हैं। कोर्ट ने एक बार फिर निर्देश देकर पिछली पेशी में सभी अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करने एवं प्रतिवेदन कोर्ट में देने के लिये 20 जुलाई की पेशी दे दी थी। पेशी बढ़ने के बाद पुलिस ने उसी दिन विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह एवं उनके पुत्र रजनीश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करके दूसरे ही दिन कोर्ट में जांच करने की अनुमति का आवेदन लगाकर अनुमति ले ली हैं। इस तरह इस मामले में गेन्द एक बार फिर पुलिस के पाले में आ गई हैं। जनचर्चा में अब यही हैं कि कैसी पुलिस जांच होगी और क्या मामला बनेगा इसे लेकर अटकलें लगायी जा रहीं हैं। यह भी चर्चा है कि कोर्ट के निर्देश और मेन्डेटरी प्रावधान हाने के बाद भी जिस चौकी प्रभारी ने मामला दर्ज नहीं किया था उसके खिलाफ इस संवेदनशील मामलें में भी कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की गई हैं और वह अभी भी वहीं चौकी प्रभारी हैं।इसके बाद हरवंश सिंह ने पत्रकार वार्ता में जो प्रेस विज्ञप्ति बांटी हैं उसमें यह लिखा हुआ हैं कि,Þअन्वेषण में जो भी तथ्य आवेंगें उनके अनुसार पुलिस को न्यायालय में आरोप पत्र खारिजी अथवा खात्मा प्रस्तुत करना होगा।ß उनका यह कथन इस बात का प्रमाण हैं कि खारिजी या खात्मे केे लिये वे जांच शुरू होने से पहले ही आश्वस्त हैं। ऐसा क्यों हैं यह तो वे स्वयं ही जानते होंगें। वैसे भी अभी तक पूर्व में हरवंश सिंह पर धोखा धड़ी के जो दो आरोप उन पर लगे थे उनमें वे किसी भी मामले में कोर्ट द्वारा दोष मुक्त नहीं हो पाये थे। एक मामला फरियादी की मौत के कारण खत्म हो गया था और एक मामले का पता ही नहीं हैं कि वह कहां गया?

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