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Monday, July 5, 2010

मीडिया को मिस गाइड किया हरवंश ने ?
सिवनी। आमानाला जमीन घोटाले में अपना पक्ष रखने के लिये विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह द्वारा बुलायी गई प्रेस वार्ता और वितरित किये गये दस्तावेज इन दिनों मीडिया में चर्चा का विषय बने हुये हैं कि हरवंश सिंह ने मीडिया को मिसगाइड किया हैं। प्रेस कांफ्रेंस में इंका विधायक द्वारा बांटे गये दस्तावेजों भ्रामक बताया जा रहा हैं। उन्होंने अपना पक्ष जो लिखित में रखा हैं उसमें भले ही इस बात का उल्लेख हो कि कोर्ट ने शपथ पूर्वक लिये गये परिवादी के कथ को निरस्त कर दिया हैं लेकिन उनकी पूरी सफायी उसी बयान के आधार पर दी गई हैं। हालांकि परिवादी ने हरवंश सिंह द्वारा उल्लेखित किये गये तथ्यों के अलावा भी बहुत कुछ बोला हैं जो हरवंश सिंह द्वारा पेश की गई सफायी की धज्जियां उठा देता हैं। परिवादी ने बयान में तीसरे पेज की कंड़िका 7 में यह भी कहा हैं कि Þमैंने अभियुक्त हरवंश सिंह और रजनीश सिंह को कभी नहीं देखा।मैंने अभियुक्त हरवंश सिंह और रजनीश सिंह को सामाजिक सम्मेलन में देखा हैं।मेरी अभियुक्तगणों से कभी व्यक्तिगत बात या बैठक नहीं हुयी। मेरी हरी महाराज ने टेलीफोन पर अभियुक्त क्रमांक 2 रजनीश सिंह से बात करायी थी। मेरी बात हरी महाराज ने लखनादौन न्यायालय के प्रांगण में मोबाइल से बात करायी थी। हरी महाराज ने फोन लगाकर मुझे कहा था कि रजनीश सिंह से बात कर लो उसी आधार पर बता रहा हूंं कि मेरी रजनीश सिंह से बात हुयी हैं।ß यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि हरी महाराज ना केवल विवादास्प्द जमीन का खरीददार हैं वरन हरी महाराज का भाई भी है जो कि हरवंश सिह के यहां काम करता हैं। परिवादी ने पेज क्र. 4 की कंड़िका 8 में यह भी बोला हैं कि,Þरजनीश सिंह ने मुझसे कहा था कि बैठकर फैसला कर लेते हैेंं। रजनीश सिंह ने मुझसे कहा था कि अन्य सभी सह खातेदारों के बैठकर बात कर लो। ऐसा करते करते लगभग तीन माह गुजर गये।किन्तु कोई भी सह खातेदार ने मेरे साथ बैठक नहीं की। ß परिवादी से खरीददार के भाई के मार्फत रजनीश सिंह की यह बातचीत तथा मूामला निपटा लेने की बात कहना क्या यह प्रमाणित नहीं करता हैं कि इस जमीन के सौदे और उसमें चल रहें विवादों से हरवंश सिंह और उनके परिवार का गहरा सम्बंध हैं। विवादास्यद जमीन का खरीददार हरवंश सिंह के यहां कार्यरत कर्मचारी का भाई हैं। हरवंश सिंह का कर्मचारी विवाद सुलझाने के लिये रजनीश सिंह से परिवादी की बात कराता हैं। रजनीश मामला निपटा देने का आश्वासन देते हैं। परिवादी तीन माह तक रास्ता देखता है। फिर परिवादी का नाश्ता करने बर्रा जाना अपने आप में ही बहुत कुछ कह जाता हैं। ऐसी परिस्थिति में हरवंश सिंह का यह दावा करना कि उनका या उनके परिवा का इस मामले में कोई लेना देना नहीं हैंर्षोर्षो समझ से परे हैं। इन्हीं सब तथ्यों को लेकर मीडिया में इन दिनो यह चर्चा हो रही हैं कि हरवंश सिंह ने मीडिया को मिस गाइड किया हैं।
इन सवालों के जवाब देगा कौन?
1 क्या फरियादी ने अपने बयान में यह नहीं कहा है कि उसकी फोन पर हरी महाराज ने रजनीश से बात करायी थी और रजनीश ने सभी खातेदारों को साथ बिठाल कर मामला निपटा देने की बात कही थी?
2 क्या तीन महीने तक रजनीश के मामला ना निपटा पाने के बाद परिवादी ने परिवाद पेश किया हैं?
3 क्या परिवादी ने जब हरवंश सिंह के यहां नाश्ता किया था तो इस सौदे या केस के बारे में कोई बात नहीं हुयी थी?
4 क्या विवादास्पद जमीन खरीदने वाला हरवंश सिंह के स्टाफ के कर्मचारी का रिश्तेदार हैं?
5 क्या चार लाख रूपये से अधिक की जमीन खरीदने की आर्थिक स्थिति क्रेता रविनारायण शर्मा की है?
6 क्या हरवंश सिंह ने मीडिया को गुमराह करने के लिये फरियादी के उस बयान की प्रति बांटी हैं जिस बयान को कोर्ट खुद निरस्त कर चुकी हैं?
7 क्या इस तथ्य को छिपाने के लिये ही हरवंश सिंह ने 18 जून की कोर्ट की आर्डर शीट की कापी प्रेस को नहीं दी जिसमें यह उल्लेख हैं कि कोर्ट फरियादी के बयान को निरस्त करती हैं?
8 हरवंश सिंह ने कहा कि धारा 156(3) में अपराध पजीबद्ध करने के बाद जांच हो पाती हैं तो क्या बिना अपराध दर्ज किये सुनवारा चौकी प्रभारी द्वारा कोर्ट में दिया गया प्रतिवेदन अमान्य है?
9 भाजपा के राज में चौकी प्रभारी द्वारा नियम विपरीत प्रतिवेदन किसके प्रभाव में दिया गया जिसमें हरवंश सिंह एवं रजनीश सिंह को निर्दोष बताया गया है?
10 क्या हरवंश सिंह का यह कहना कोर्ट की अवमानना नहीं हैं कि,Þइस तरह मैं यह कह सकता हूं कि मेरे विरुद्ध विपक्ष द्वारा साजिश की गई है और मुझे राजनीतिक रूप से क्षति पहुचाने के उद्देश्य से मिथ्या कानूनी कार्यवाही करायी गई हैं।ß

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