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Sunday, July 4, 2010

आरोप सिद्ध होने पर ही इस्तीफा दूंगा-हरवंश सिंह
. न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद से मेरा व मेरा पुत्र कोई लेना देना नहीं .
. सामाजिक राजनैतिक क्षति पहुंचाने रची गई एक सोची समझी साजिश.
सिवनी । न्याियक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी लखनादौन के समक्ष प्रस्तुत परिवाद में मुझ पर एवं मेरे पुत्र पर जो आरोप लगाये गये हैं वे पूर्णत: निराधार एवं सौ प्रतिशत झूठे हैं। यदि न्यायालय में दोष सिद्Ëा हो जाता है तो म्ौं विधानसभा उपाध्यक्ष पद से ही नहीं विधायक पद से भी इस्तीफा दे दूंगा।
प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष ठा. हरवंश सिंह ने यह घोषणा माननीय न्यायालय में उनके व उनके पुत्र के विरूद्Ëा प्रस्तुत परिवाद पर अपना स्पष्टीकरण देने आयोजित पत्रकार वाताZ में करते हुये कहा कि समाचार पत्र और इलेक्टिªॉनिक मीडिया में मेरे और मेरे पुत्र द्वारा जमीन खरीदी के मामले में उल्लेख करते हुये तरह तरह के समाचार प्रकाशित हो रहे हैंं इस सम्बंध में न्यायालय में प्रस्तुत अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपियों के आधार पर यह जानकारी देना चाहता हूं कि 18 जून को ग्राम आमाना निवासी मोह. शाह आत्मज इिम्तयाज खान ने माननीय न्यायालय श्री ए एस सिसोदिया न्याियक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी लखनादौन के समक्ष एक मिथ्या एवं आधारहीन परिवाद नियाज अली तथा मेरे एवं मेरे पुत्र रजनीश सिंह के विरूद्Ëा प्रस्तुत किया। परिवाद के आधार पर श्रीमान न्याियक दण्डाधिकारी द्वारा अन्वेषण का आदेश पुलिस थाना धनौरा को दियाग या और रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु 18 जून 2.1. की तिथि निर्धारित की गई, चूंकि माननीय न्याियक दण्डाधिकारी के द्वारा अन्वेषण के लिये जो परिवाद भेजा गया था उसमें घटना स्थल, घटना का समय एवं दिनांक इत्यादि का विवरण नहीं था कारण जिस दस्तावेज के सम्बंध में धोखा देना कहा गया था वह संलगन् नहीं था इसलिए विशिष्टियां एकत्र करने के लिये पुलिस ने प्रारंभिक जांच की। पुलिस की प्रारंभिक जांच एवं शिकायतकताZ के कथनों में यह पाया कि मोह. शाह और उनके भाई नियाज अली के साथ विवाद एवं मारपीट हुई है, परन्तु पुलिस जांच में मेरे और मेरे पुत्र रजनीश सिंह का इस अपराध में कहीं कोई समावेश होना नहीं पाया गया तथा चौकी प्रभारी सुनवारा के द्वारा 18 जुन 2.1. को न्यायालय के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
श्री सिंह ने बताया कि माननीय न्याियक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के द्वारा शिकायत कताZ मोह. शाह से शपथ पर लंबी पूछताछ की गई तथ्ज्ञा उसके कथन लिपिबद्Ëा किये गये। मोह शाह ने अपने शपथ पर दिये गये न्यायालयीन कथनों में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि उसके और अन्य सहखातेदारों के बीच जमीन का बंटवारा हो गया है और वह 5 एकड भूमि के अलग कब्जे में है, उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसने न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद मेंं किसी इकरारनामें का जिक्र नहीं किया है अपने बयान में उसने यह स्पष्ट किया है कि उसका विवाद उसके भाई नियाज अली से है न कि मुझसे या मेरे पुत्र रजनीश सिंह से है।
शिकायतकताZ मोह शाह के अनुसार उसका वाद विवाद एवं लडाई झगडा व मारपीट उसके भाई नियाज अली के साथ हुआ था जिसकी रिपोर्ट मोह शाह द्वारा पुलिस चौकी सुनवारा में दजZ की गई। मोह शाह ने अपने न्यायालयीन कथनों में यह भी स्पष्ट किया है कि मुझसे व मेरे पुत्र रजनीश से कभी भी उसकी कोई व्यक्तिगत बातचीत नहीं हुई और न कभी भी म्ौंने और मेरे पुत्र ने उसे कभी भी कोई धमकी दी है उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसने मेरे और मेरे पुत्र के विरूद्Ëा कोई पुलिस रिपोर्ट नहीं की है। मोह शाह के बयान के अनुसार म्ौंने और मेरे पुत्र रजनीश सिंह ने मोह शाह को छोड उसके अन्य सह खातेदारों से न तो कोई इकरारनामा लिखाया है और न ही कोई भूमि का विक्रय पत्र लिखवाया है।
शिकायतकताZ मोह शाह के न्यायालय में दिये गये कथनों से स्पष्ट है कि हमारे द्वारा कोई विक्रय पत्र इकरारनामा या कोई भी रसीद नहीं लिखाई गई है और नही हमने कोई सौदा किया है जब कोई रजिस्ट्री इकरारनामा या रसीद ही अिस्तत्व में नहीं है तो धोखा देने का कोई प्रÜान् ही उत्पé नहीं होता है और यदि जन सामान्य के पास एैसा कोई दस्तावेज या कोई मौखिक साक्ष्य उपलब्ध हो तो वह उसे प्रकट कर सकता है। पूर्व में पुलिस द्वारा की गई विवेचना और मोह शाह के न्यायालयीन कथनों से स्पष्ट है कि मेरे विरूद्Ëा विपक्ष द्वारा सिाजश की गई है और मेरे विरूद्Ëा राजनैतिक रूप से क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से मिथ्या कानूनी कार्यवाही कराई गई है। म्ौंने और मेरे पुत्र ने मोह शाह को न तो कोई धोखा दिया है और न ही उनको कभी डराया धमकाया गया है जो जमीन की खरीदी बिक्री बताई जा रही है उससे भी मेरा और मेरे परिवार का कोई लेना देना नहीं है उक्त परिवाद के तथ्य मिथ्या व झूठे हैं मेरे और मेरे पुत्र के विरूद्Ëा विरोधियों द्वारा तोड मरोडकर मिथ्या तथ्य आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करने का हमेशा की तरह किया गया कुित्सत प्रयास है जिससे कि मेरी राजनैतिक एवं सामाजिक छवि धूमिक की जा सके।
पुलिस ने न्यायालय के द्वारा दिये गये आदेश 18 मई 2.1. के परिपालन में प्रारंभिक जांच की और इस जांच में पुलिस ने यह पाया कि मेरे और मेरे पुत्र रजनीश के विरूद्Ëा कोई अपराध नहीं बनता है तथा नियाज अली के विरूद्Ëा प्रथम दृष्टया अपराध पाये जाने पर पुलिस ने नियाज अली के विरूद्Ëा अपराध पंजीबद्Ëा किया तथा न्यायालय में 18 जून 2.1. को अन्तिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया इस प्रतिवेदन के अवलोकन के उपरान्त माननीय न्यायालय द्वारा शिकायतकताZ मोह शाह को सुना गया और उसके कथन लेखबद्Ëा किये गये इस प्रक्रम में माननीय न्यायालय ने यह पाया कि अन्तिम प्रतिवेदन न्यायालय के आदेशानुसार नहीं है इसलिये उन्होंने मोह शाह के कथन निरस्त कर पुलिस थाना धनौरा को सभी आरोपियों के विरूद्Ëा प्राथमिकी दजZ कर अन्वेषण उपरान्त प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिये गये तब मुझे समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ कि पुलिस ने न्यायालयीन आदेश के परिपालन में मेरे और मेरे पुत्र के विरूद्Ëा प्रकरण पंजीबद्Ëा कर विवेचना में लिया है। विदित हो कि परिवाद प्रकरणों में पुलिस को जो अपराध दजZ कर अन्वेषण के आदेश दिये जाते हैं उसके पूर्व माननीय न्यायालय द्वारा कोई जांच नही ंकी जाती है बल्कि अपराध पंजीबद्Ëा होने के बाद पुलिस द्वारा विवेचना की जाती है और पुलिस थाना धनौरा ने इस न्यायालयीन आदेश के परिपालन में ही अपराध पंजीबद्Ëा कर अन्वेषण प्रारंभ किया गया है। अन्वेषण में जो भी तथ्य आवेंगे उनके अनुसार पुलिस को न्यायालय में आरोप पत्र खारिजी अथवा खात्मा प्रस्तुत करना होगा। मेरे और मेरे पुत्र के विरूद्Ëा जो तथ्य अभी तक आये हैं उनसे स्पष्ट है कि हम लोग पूर्णत: निर्दोष हैं।
श्री सिंह ने बताया कि मामला अभी न्यायालयीन प्रक्रिया में है और मुझे सम्मानीय न्यायालय और न्यायालयीन प्रक्रिया पर पूर्ण रूपेण विÜवास है भविष्य में आम जनता के समक्ष इस प्रकरण की सारी सच्चाई सामने आ जायेगी। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों के लोग मुझसे जो त्यागपत्र की मांग कर रहे हैं उसका एक मात्र उद्देश्य मुझे बदनाम करना और बयानबाजी कर अपने आप को सुर्खियों में लाना है। यदि न्यायालय द्वारा मुझे दोषी करार दिया जाता है तो म्ौं घोषणा करता हूं कि म्ौं ना केवल विधानसभा के उपाध्यक्ष पद वरन विधायक पद से भी इस्तीफा दे दूंगा। म्ौंने कभी कोई एैसा काम नहीं किया जिससे जिले को नीचा देखना पडा हो मेरे 42 साल के राजनैतिक व सामाजिक जीवन में विभिé पदों पर रहते हुये म्ौंने जो भी काम किया उससे जिले का नाम ऊंचा ही हुआ है।
आलाकमान को आशु ने किया ईमेल
सिवनी। प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के वरिष्ठ इंका नेता आशुतोष वमाZ ने ईमेल के मार्फत अ भा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी वी के हरिप्रसाद एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी को आमानाला जमीन घोटाले के सम्बंध में सभी तथ्यों की जानकारी भेजी है साथ ही आज इस संंबंध में 420 का प्रकरण दर्ज होने के बाद पत्रकार वाताZ लेने सिवनी आये इंका विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष ठा.हरवंश सिंह के आगमन पर उनके स्वागत में जिस तरह से जगह-जगह आतिशबाजी ढोल धमाका और फूल मालाओं का प्रदर्शन किया गया उसकी भी जानकारी भेजते हुये आग्रह किया है कि पार्टी हित में आवश्यक कार्यवाही व उचित निर्देश जारी करें ताकि पार्टी की छवि पर कभी कोई विपरीत प्रभाव ना पड सके।
होशियार कौन स्वागत करने या कराने वाले?
सिवनी। कोर्ट के आदेश पर धारा 420 के आरोपी बन कर पहली बार नगर में प्रवेश कर पत्रकार वार्ता को संबोधित करने आये इंका विधायक हरवंश सिंह का बाजे गाजे ढ़ोल धमाके फूलमालाओं और आतिशबाजी से किया गया स्वागत राजनैतिक हल्कों में चर्चित हैं। हरवंश समर्थक कांग्रेसियों ने ना केवल स्वागत किया वरन बड़े चाव से प्रदेश इंका के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने स्वागत कराया भी हैं।राजनैतिक क्षेत्रों में चटखारों के साथ इस सवाल का जवाब खोजा जा रहा हें कि स्वागत करने की योजना बनाकर स्वागत करने वाले ज्यादा होशियार हैं या स्वागत कराने वाले वरिष्ठ इंका नेता हरवंशर्षोर्षोइस सवाल का जवाब तो कुछ दिनों बाद ही मिलेगा या समझ मे आयेगा।
इन सवालों के जवाब देगा कौन?
1 क्या विवादास्पद जमीन खरीदने वाला हरवंश सिंह के स्टाफ के कर्मचारी का रिश्तेदार हैं?
2 क्या चार लाख रूपये से अधिक की जमीन खरीदने की आर्थिक स्थिति क्रेता रविनारायण शर्मा की है?
3 क्या हरवंश सिंह ने मीडिया को गुमराह करने के लिये फरियादी के उस बयान की प्रति बांटी हैं जिस बयान को कोर्ट खुद निरस्त कर चुकी हैं?
4 क्या इस तथ्य को छिपाने के लिये ही हरवंश सिंह ने 18 जून की कोर्ट की आर्डर शीट की कापी प्रेस को नहीं दी जिसमें यह उल्लेख हैं कि कोर्ट फरियादी के बयान को निरस्त करती हैं?
5 हरवंश सिंह ने कहा कि धारा 156(3) में अपराध पजीबद्ध करने के बाद जांच हो पाती हैं तो क्या बिना अपराध दर्ज किये सुनवारा चौकी प्रभारी द्वारा कोर्ट में दिया गया प्रतिवेदन अमान्य है?
6 भाजपा के राज में चौकी प्रभारी द्वारा नियम विपरीत प्रतिवेदन किसके प्रभाव में दिया गया जिसमें हरवंश सिंह एवं रजनीश सिंह को निर्दोष बताया गया है?
7 क्या हरवंश सिंह का यह कहना कोर्ट की अवमानना नहीं हैं कि,Þइस तरह मैं यह कह सकता हूं कि मेरे विरुद्ध विपक्ष द्वारा साजिश की गई है और मुझे राजनीतिक रूप से क्षति पहुचाने के उद्देश्य से मिथ्या कानूनी कार्यवाही करायी गई हैं।ß

मालगुजार ने खैरात में फकीर को दी थी जमीनभोपाल। बहुचर्चित आमानाला जमीन घोटाले में विवादित जमीन के बारे में बताया जाता हैं कि यह जमीन अंजनिया के मालगुजार मरहूम जनाब फेलकूस मोहम्मद खॉन ने विक्रेता के पूर्वजों को, जो कि फकीर थे, खैरात में जमीन दी थी। अपनी मेहनत के कमा कर उन फकीरों ने मालगुजार से कुछ और जमीन बाद में खरीदी थी। मालगुजार द्वारा खैरात में फकीर को दी गई जमीन बिक्री के विवाद में जिले के इकलौते इंका विधायक ठा. हरवंश सिंह का नाम आने से लोगों के बीच तरह तरह की चर्चायें व्याप्त हैं।धारा 420 का पहला आरोप नहीं हैं हरवंश सिंह परभोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हरवंश पर धोखा दने के आरोप लगने का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। आज से 26 साल पहले पिछड़े वर्ग की एक विधवा महिला ने अपने वकील हरवंश सिंह पर जमीन हड़प लेेने का अरोप लगाते धारा 420 के तहम परिवाद पत्र प्रस्तुत किया था।सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाओं ने बकोड़ा सिवनी सहकारी समिति के आदिवासियों को डीजल पंप सप्लायी ना कर धोखा दने के आरोप को सही पाते था सिवनी को फर्म के पार्टनर हरवंश सिहं के विरुद्ध धारा 420 का मामला दर्ज कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री सुन्दरलाल पटवा ने झूठे शपथपत्र देकर प्रदेश के जिन मन्त्रियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगयाी थी उनमें भी हरवंश सिंह शामिल थे। माननीय उच्च न्यायालय ने भी सरकार को जांच कर कार्यवाही रिने के निर्देश दिये थे।इंका विधायक हरवंश सिंह के विरुद्ध वर्तमान धोखाधड़ी का मामला न्यायलय के निर्देश पर कायम किया गया हैं।बाजार मूल्य से आधी कीमत पर खरीदी गई हैं जमीनभोपाल। घंसौर तहसील के ग्राम आमानाला पटवारी हल्का नंबंर 54/41 की 10.47 हेक्टेयर याने लगभग 21 एकड़ विवादित जमीन की रजिस्ट्री सादक सिवनी निवासी रवि नारायण शर्मा के नाम हुयी हें। उन्होंने यह जमीन विक्रेता नियाज अली एवं अन्य से 4 लाख 50 हजार रुपये में खरीदी हैं। इस जमीन का बैनामा 21 जनवरी 2010 को लखनादौन में हुआ हैं। इस जमीन का कलेक्टर द्वारा निर्धारित कीमत 9 लाख 24 हजार रुपये है। बाजारू कीमत से लगभग आधी कीमत पर एक अनजान व्यक्ति शर्मा के नाम जमीन के बैनाम को हो जाने से तरह तरह की चर्चाओ में एक चर्चा यह भी हें कि कहीं यह बेनामी सौदा तो नहीं हैं।

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