भीमगढ़ जलावर्धन योजना
भाजपा इंका की नूरा कुश्ती का खामियाजा भोगा शहर ने
1 करोड़ 25 लाख रुपये की राशि बिजली बिल में समायोजित : थम गया हैं विकास का पहिया : 13 करोड़ बिजली का बिल बाकी : राजेश,नीता,के.डी.,शिवराज कुछ करेंगें या मूक दर्शक बन देखेंगें तमाशा
जिले के लिये वरदान मानकर बनायी गई भीमगढ़ जलावर्धन योजना अब अभिशाप बन गई हैं। योजना के निर्माण में हुये भारी भ्रष्टाचार के कारण यह योजना तकनीकी स्वीकृति के अनुसार काम नहीं कर रही हैं। इसीलिये इस योजना को बिजली का बिल 13 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया हैं। इंका भाजपा की नूरा कुश्ती के कारण आज तक इस योजना की जांच नहीं हो पायी। प्रदेश की भाजपा सरकार ने नगर विकास के लिये मिलने वाली 1 करोड़ 25 लाख रुपये की राशि काटकर बिजली के बिल भुगतान में समायोजित कर ली हैं। इसका खामियाजा पूरा शहर भुगतेगा। क्या रोड़ शो करके भाजपा को जिताने आये शिवराज शहर के लोगों को राहत दिलायेंगेंर्षोर्षो यह सवाल राजनैतिक गलियारों में गूंज रहा हैं।
यहां यह उल्लेखनीय हैं कि शहर की सन 2021 तक की अनुमानित 1 लाख 20 हजार आबादी को दोनों समय में 12 एम.एल.डी. पाने देने के लिये बनायी गई थी। इस परियोजना के संचालन में तकनीकी स्वीकृति के अनुसार शहर को दोनो समय 12 एम.एल.डी. पानी देने पर 57 लाख यूनिटों की खपत होनी चाहिये। इसमें शहर की चारों टंकिया, जिनकी कुल क्षमता 5.40 एम.एल.डी. हैं, को 22 घंटों में दो बार भरना चाहिये था। लेकिन हर व्यक्ति यह बात जानता हैं कि आज तक एक बार भी टंकिया ओनों टाइम नहीं भरी जा सकीं वरन 20 घंटें में बमुश्किल एक बार ही टंकिया भर जा रही हैं। इसके बावजूद भी आधा पानी मिलने पर पर दो गुना बिजली का बिल आ रहा हैं। यही राशि बढ़कर आज 13 करोड़ से भी अधिक हो गई हैं।
शहर के लिये वरदान मान कर बनासयी इस जलावर्धन योजना को बनाने में ऐसा भ्रष्टाचार हुआ कि बनते से ही यह योजना वरदान के बजाय अभिशाप बन गई हैं। यह योजना कांग्रेस शासन काल में पी.एच.ई.मन्त्री हरवंश सिंह के कार्यकाल में पूरी हुयी थी। जिसमें हुये भ्रष्टाचार को लेकर एक भाजपा नेता ने दुगाZ मंड़प में झांकी भी लगायी थी।योजना को बनवाने का श्रेय लेने वाले नेता तो भागीरथ बन गये लेकिन भ्रष्टाचार के नंगे नाच ने गंगा को ही कर्जदार बना डाला हैं। इसकी जांच के लिये कई जतन किये गये लेकिन जांच नहीं हो पायी। इंका नेता आशुतोष वर्मा ने कांग्रेस शासनकाल में पोस्टकार्ड अभियान चलाया। इसी दौरान उनके अनुरोध पर पालिका के अध्यक्ष विजय चौरसिया के कार्यकाल में 22 पार्षदों की मांग पर परिषद की अभियाचित बैठक दिनांक 6 फरवरी 2003 को परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके राज्य शासन से मांग की थी कि इस योजना की जांच की जाये कि आधा पानी मिलने पर भी दुगना बिजली का बिल कैसे आ रहा हैंर्षोर्षो इसके बाद भाजपा शासनकाल में जिला भाजपा अध्यक्ष वेदसिंह ठाकुर ने भी इस परियोजना की जांच की मांग की थी। लेकिन इस परियोजना में भ्रष्टाचार करने वालों की जड़े इतनी गहरी थीं कि कोई भी आज तक जांच नहीं करा पाया हैं। भाजपा और इंका की इस नूरा कुश्ती का खामियाजा आज पूरा भुगत रहा हैं रहा है जबकि प्रदेश की शिवराज सरकार ने शहर विकास के लिये मिलने वाली राशि में से एक करोड़ 25 लाख रुपये की राशि एक मुश्त बिजली के बिल में समायोजित कर ली।
नगर पालिका चुनाव में भाजपा को जिताने के लिये प्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान ने रोड़ शो करके सड़क सड़क वोट मांगे थे। जनता ने उनके प्रत्याशी को जिताया भी हैं। लेकिन आज उनकी ही सरकार ने शहरवासियों के मुंह से निवाला छीन लिया हैं। शिवराज के चुनाव में किये गये विकास के दावे खोखले साबित हो रहें हैं। पिछले पन्द्रह सालों से लगातार बिजली के बिल का भुगतान पूरा नहीं हो रहा हैं। पालिका करीब 13 करोड़ रुपये से भी अधिक बिल देना बाकी हैं। क्या भाजपा के पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी अपने राजनैतिक सम्बंधों का लाभ शहर के लोगों को भी दिलायेंगेंर्षोर्षोक्या शिवराज शहर के लोगों को इस अभिशाप से निजात दिलाने के लिये सरकार से अनुदान दिलायेंगेंर्षोर्षो क्या भाजपा विधायक नीता पटेरिया शहर के नागरिकों की सुध लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाकर इस योजना की जांच की मांग करेंगींर्षोर्षो क्या भाजपा सांसद के.डी.देशमुख संसद में इस बारे में कुछ करेंगेंर्षोर्षो या सभी चुप रहकर तमाशा देखते रहेंगें और शहर के नागरिक इन नेताओं की नूरा कुश्ती का खामियाजा ऐसे ही भुगतते रहेंगें।
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