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Thursday, September 16, 2010

कलेक्टर का पत्र संशोधित करायें शिवराज

सुप्रीम कोर्ट के खुलासे से हुआ स्पष्ट :कुरई घाटी छोड़कर पेड़ काटने की स्थगित अनुमति बहाल की जाये

प्रदेश सरकार जिला कलेक्टर को इस बाबद निर्देश जारी करें कि फोर लेन मामले में पूर्व में जारी गये आदेश को संशोधित करें और विवादास्पद कुरई घाटी के क्षेत्र को छोड़कर शेष जगह पेड़ काटने के लिये पदान की गई अनुमति को यथावत रखें । सुप्रीम कोर्ट के खुलासे के बाद यह स्पष्ट हो गया हैं कि शेष जगह जो काम रुका हैं वह कलेक्टर के उसी पत्र के कारण रुका हैं।

उक्ताशय के तथ्य प्रस्तुत करतें हुये इंका नेता आशुतोष वर्मा ने मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र भेजा हैं। पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व औऱ जिला कलेक्टर को भी भेंजी गई हैं। पत्र में बताया गया हें कि उत्तर दक्षिण कारडोर का निर्माण हो रहा हैं जिसमें सिवनी जिले के लखनादौन से लेकर खवासा तक निर्माण कार्य जारी था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में पेंच टाइगर रिर्जव के हिस्से को लेकर एक याचिका विचाराधीन हैं। इस याचिका में जिले के नागरिक भी जनमंच के माध्यम से हस्तक्षेपकत्ताZ हैं। आपने भी राज्य सरकार की ओर वकील नियुक्त किया हैं।

इंका नेता वर्मा ने पत्र में आगे यह भी उल्लेख किया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पिछली 13 सितम्बर की पेशी में यह खुलासा किया हैं कि कुरई घाट के 8.57 कि.मी. के विवादित हिस्से को छोड़कर शेष भाग के निर्माण में कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगायी हैं। लेकिन सी.ई.सी. के प्रदेश के मुख्य सचिव को संबोधित पत्र के आधार पर जिला कलेक्टर पी.नरहरि ने दिनांक 18 दिसम्बर 2008 को राज्य शासन की अनुशंसा की प्रत्याशा में वन भूमि और गैर वन भूमि में पेड़ कटाई की पूर्व में जारी की गई अनुमति को स्थगित कर दिया था और पेड़ कटाई प्रतिबंधित कर दी थी। जिससे निमार्ण कार्य रुक गया हैं। ऐसा भी विदित हुआ हें कि जिला कलेक्टर के इस पत्र में उल्लेखित राज्य शासन की अनुशंसा अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं जिसकी प्रत्याशा में जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किये थे।

मुख्यमन्त्री को भेजे गये पत्र में इंका नेता वर्मा ने बताया हैं कि जिले में लगभग 38 कि. मी. रोड़ का निर्माण कार्य रुका हुआ हैं। ऐसी परिस्थिति में कोर्ट के इस खुलासे के बाद लगभग 30 कि.मी. रोड़ का निर्माण कार्य शुरू हो सकता हैं। इस हेतु यह आवयक हैं कि प्रदेश सरकार अब नये निर्देश जारी करे और कलेक्टर सिवनी के पत्र को संशोधित कर मात्र विवादास्पद 8.57 कि.मी के विवादित क्षेत्र भर में पेंड़ कटाई प्रतिबंधित रहे तथा शेष इलाके में इस हेतु लगाया प्रतिबंध समाप्त किया जाये ताकि निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके।

इंका नेता आशुतोष वर्मा ने सरकार को हो रहे नुकसान की जानकारी देते हुये लिखा हें कि यहां यह भी उल्लेखनीय हैं कि एन.ए.एच.आई. द्वारा ठेकेदार को बाधामुक्त जमीन उपलब्ध ना कराने के कारण प्रतिदिन लाखों रुपयों की छतिपूर्ति देना होगा जो अभी लगभग 200 करोड रुपये हो चुकी हैं। इस सम्बंध में जिला कलेक्टर सिवनी ने अपने पत्र दिनांक 19 दिसम्बर 2008 के माध्यम से राज्य शासन का ध्यानाकषिZत कराया था लेकिन इस पत्र आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुयी हैं।

पत्र के अन्त में इंका नेता ने अनुरोध किया हैं कि प्रदेश सरकार शीघ्र जिला कलेक्टर सिवनी के उक्त पत्र दिनांक 18 दिसम्बर 2008 में संशोधन करने के निर्देश जारी करें जिसके कारण कॉरीडोर के निर्माण का कार्य रुका हुआ हैं वह शीघ्र ही प्रारंभ हो सके।

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