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Monday, September 6, 2010

फोर लेन विवाद
इंका नेता आशुतोष के पत्र पर प्रधानमन्त्री कार्यालय से हुयी पहल

सिवनी।फोर लेन मामले में इंका आशुतोष वर्मा के पत्र पर प्रधान मन्त्री कार्यालय ने पहल करते हुये भू तल परिवहन मन्त्रालय को यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।

जिले के वरिष्ठ इंका नेता आशुतोष वर्मा ने प्रधानमन्त्री को संबोधित अपने माह सितम्बर के पत्र में ध्यानाकषिZत कराते हुये उल्लेख किया था कि समूचे देश में चारों महानगरो और चारों दिशाओं को न्यूनतम लंबाई के मार्गों को जोड़कर ईंधन एवं समय की बचत के लिये प्रधानमन्त्री स्विर्णम चतुर्भुज योजना के तहत एक्सप्रेस हाई वे बनाये जा रहे हैं। इसके तहत कन्याकुमारी से काश्मीर तक बनने वाला चार हजार कि. मी. लंबा उत्तर दक्षिण कॉरीडोर मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से होकर नागपुर से कन्याकुमारी तक बन रहा हैं। यह मार्ग सिवनी जिले में कुरई विकासखंड़ में स्थित पेंच नेशनल पार्क की सीमाओं के बाहर से जा रहा हैं। जिले में यह कॉरीडोर मार्ग लगभग 63 किलोमीटर बन चुका हैं और मात्र 38 किलो मीटर बनना शेष हैं। सुप्रीम कोर्ट में लंबित इस पकरण की विस्तृत जानकारी देते हुये इंका नेता वर्मा ने भेजे गये फ्ेक्स में लिखा हैं कि इस कारीडोर के निर्माण को रोकने के लिये एक एन.जी.ओं. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंड़िया दिल्ली द्वारा सुप्रीम कोर्ट में उक्त याचिका आई.ए.क्र. 1124/09 पेश की गई हैं जो कि विचाराधीन हैं। इस पत्र में भूतल परिवहन मन्त्रालय एवं वन तथा पर्यावरण मन्त्रालयों की एक राय ना बनने के कारण सरकार को हो रहे नुकसान को देखते हुये प्रधानमन्त्री से हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी।

प्रधानमन्त्री कार्यालय से प्राप्त पत्र से यह विदिति हुआ हैं कि इंका नेता वर्मा का यह पत्र यथोचित कार्यवाही के लिये सचिव भू तल परिवहन मन्त्रालय को भेज दिया गया हैं। प्रधानमन्त्री कार्यालय से हुयी इस पहल से जिले के फोर लेन मामले के जल्दी निराकरण की उम्मीद बन गई हैं।

क्या सिवनी,बरघाट और लखनादौन सीटें भाजपा को जिताने के हिसाब से हुये इंका के चुनाव?
भाजपा की कार्यकारिणी में केवलारी क्षेत्र की उपेक्षा पर भी लगे थे नूरा कुश्ती के आरोप

सिवनी। हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधियों के नामों की घोषणा की गई हैं। इस सूची को देखकर सियासी हल्कों में यह चर्चा आम हो गई हें कि पिछले कई चुनावों से हारने वो क्षेत्रों में कांग्रेस को मजबूत करने की दृष्टि से नहीं वरन चार बार से जीत रहे केवलारी के किले को बचाये रखने के हिसाब से की गई हैं।

जिले के राजनैतिक क्षेत्रों में बहुप्रतीक्षित कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधियों की सूची जारी हो गई हैं। इस सूची में पूर्व से चर्चित नामों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ हैं। इसमें सिवनी नगर से राजकुमार पप्पू खुराना, ग्रामीण से मो. समी अंसारी,केवलारी से हरवंश सिंह,छपारा से शफीक मोहम्मद,लखनादौन से बेनी परते,धनोरा से नेहा सिंह,कुरई से राजा बघेल, धंसौर से योगेन्द्र सिंह और बरघाट से महेश मालू शामिल हैं। पूर्व में धनोरा से करतार सिंह,बरधाट से अर्जुन काकोड़िया और घंसौर से आलोक वाजपेयी के नाम प्रकाशित हुये थे।

bन नामों के चयन से यह स्पष्ट दिखायी दे रहा हैं कि केवलारी विस क्षेत्र को केन्द्र मानकर नेताओं का चयन किया गया हैं। केवलारी विस क्षेत्र में जिले के आठ विकासखंड़ों में से केवलारी, छपारा, धनोरा, सिवनी ग्रामीण, बरघाट ब्लाक के कुछ कुछ हिस्से शामिल हें। केवलारी ब्लाक को छोड़ कर इन विकास खंड़ों में केवलारी के अलावा शेष तीन विस क्षेेत्रों के हिस्से भी आते हैं लेकिन जिन नेताओं को चुना गया हैं वे या तो उस ब्लाक के केवलारी विस क्षेत्र के हिस्से में रहते हैं या उनका प्रभाव केवलारी क्षेत्र में हैं। धनोरा ब्लाक का एक बड़ा हिस्सा लखनादौन विस क्षे में आता हें जहां से पहले भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता करतार सिंह बघेल का नाम था जो कि धनोरा ब्लाक के केवलारी विस क्षेत्र में आने वाले सुनवारा के रहने वाले थे । उनके स्थान पर केवलारी की पूर्व विधायक एवं हरवंश सिंह के विरोध में भाजपा से दो चुनाव लड़ चुकी नेहा सिंह को प्रदेश प्रतिनिधि बनाया गया हैं जिनका आज भी केवलारी क्षेत्र में प्रभाव हैं। सिवनी ग्रामीण से प्रतिनिधि बनाये गये मो. समी अंसारी का पुश्तेनी गांव भोमा केवलारी क्षेत्र में पड़ता हें और आस पास के इलाके में उनका रयूख हैं। इसी तरह आदिवासी विस क्षेत्र बरघाट से पहले आदिवासी नेता अर्जुन काकोड़िया का नाम प्रकाशित हुआ था जिनकी पत्नी ने हाल ही में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता हैं। इस ब्लाक से वर्तमान जिला इंका अध्यक्ष महेश मालू का नाम तय किया गया हें जिनका गांव लोपा केवलारी विस क्षेत्र में हैं। आदिवासी बरघाट विस क्षेत्र के ही कुरई ब्लाक से सिवनी के रहने वाले राजा बघेल को प्रतिनिधि बनाया गया हें जो हमेशा केवलारी विस क्षेत्र में ही चुनाव प्रचार करते रहें हैं।
इस तरह जिले से घोषित 9 प्रतिनिधियों में 6 ऐसे हें जिनका चयन केवलारी क्षेत्र में उपयोगिता को देखते हुये ही किया गया हैं। जिले के अन्य तीन क्षेत्रों सिवनी, बरघाट और लखनादौन में कांग्रेस कैसे जीते? इसकी कोई रणनीति इस चयन में दिखायी नहीं दे रहीं हैं। इस सूची की घोषणा होते ही सियासी हल्कों में यह चर्चा हो रही हैं कि कांग्रेस के ये चुनाव क्या सिवनी, बरघाट और लखनादौन में भाजपा को जिताने के लिये किये गये हैं। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि भाजपा की जिला कार्यकारिणी घोषित होते समय केवलारी क्षेत्र की उपेक्षा होने पर भी राजनैतिक हल्कों में यह चर्चा थी कि कहीं ऐसा नूरा कुश्ती दके तहत तो नहीं किया गया हैं? क्या कांग्रेस के चुनावों की इस घोषणा से पूर्व के आरोप की पुष्टि नहीं हो रही हैंर्षोर्षो इन सवालों का जवाब तो अब आने वाले समय में ही मिलेगा।






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