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Tuesday, January 19, 2010

nagar palika upadhyaksh chunav se bhochak raha gayi hai bjp aur congress

पालिका उपाध्यक्ष चुनाव के परिणाम से भौंचक हैं इंका और भाजपा - नपा उपाध्यक्ष के चुनाव में इस बार फिर अप्रत्रूाशित रूप से कांग्रेस के राजिक अकील ने भाजपा की संध्या मनु सोनी को हरा कर इतिहास दोहरा दिया हैं। पिछले चुनाव में भी भाजपा के सुजीत जैन को कांग्रेस के सन्तोष नान्हू पंजवानी नें हराया था। इस बार के चुनाव में इंका और भाजपा में मची गुटबाजी के घमासान के चलते दोनों ही पार्टियों के रणनीतिकार एक दूसरे के दलों के असन्तोष एवं किसके प्रत्याशी बनने पर कौन फूट सकता हैंं इस पर नज़रें गढ़ाये हुये थे।वैसे तो भाजपा के पास 13 एवं इंका के पास राकपा सहित 12 वोट थे। लेकिन चुनाव में इंका को 13 और भाजपा को 12 वोट मिले हैं। कहने को तो भाजपा में एक ही वोट की हेर फेर हुयी हैं लेकिन भाजपा के रणनीतिकार यह मानने को तैयार नहीं हैं कि सेंधमारी में सेट किये इंका के चार वोट उसे नहीं मिले हैं। यदि भाजपा के रणनीतिकारों का यह मानना सही हैं तो फिर इंका और भाजपा दोनों के लिये यह एक गम्भीर चिन्तन का विषय हैं कि इंका के किन चार पार्षदों ने भाजपा को और भाजपा के किन पांच पार्षदों ने कांग्रेस को वोट दिये हैं। भाजपायी खेमे का दावा हैं कि इंका के असन्तुष्ट खेमें के एक जवाबदार नेता के साथ जिला इंका के एक पदाधिकारी ने स्वयं संगठन मन्त्री से भेंट कर चार पार्षदों का समर्थन दिलाने का विश्वास दिलाया था। दूसरी ओर भाजपा में इस बात को लेकर गहन चिन्तन हो रहा हैं 17 वोट बटोरने की रणनीति पर चल रही भाजपा को 12 वोट मिलकर ही कैसे रह गये। भाजपा के एक वर्ग का मानना हैं कि पालिका के पिछले कार्यकाल में हुये भ्रष्टाचार की हर फाइल का पहला पन्ना लोक कर्म समिति के अध्यक्ष मनु सोनी का ही रहता था। जिसका खामियाजा भाजपा के कई पार्षद आज भी कलेक्टर के यहां से मिले नोटिस के रूप में भुगत रहें हैं। इसलिये उनकी पत्नी को पूर्व विधायक नरेश दिवाकर की पहल पर उम्मीदवार बनाने से भाजपा में यह विस्फोट हुआ और भाजपा के पांच पार्षदों ने बगावत कर इंका को वोट कर डाले। इंका की इस जीत ने एक इंकाई खेमें को भी निराश कर दिया हैं जो कि यह चाहता था कि उपध्यक्ष पद में कांग्रेस यदि हार जाती हैं तो कुछ लोगों के सिर पर ठीकरा फोड़नें में आसानी होगी। लेकिन जीत जाने पर ऐसे नेताओं ने जीत के जुलूस में शामिल होने से भी कोई परहेज नहीं किया।

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