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Sunday, January 31, 2010

सबसे अलग दिखने का भाजपायी दावा निकला खोखला-
सबसे अलग दिखने का भाजपायी दावा जिले में खोखला साबित हो गया हैं। जिले की भाजपायी राजनीति में सर्वोच्च माने जाने वाले संगठन मन्त्री भी आरोपों के घेरे से अपने आप को बचा नहीं पाये हैं। पिछले कई सालों से गुटबाजी के राजरोग से ग्रस्त भाजपा रसातल में जाते जा रही हैं।संघीय पृष्ठभूमि के पूर्व विधायक नरेश दिवाकर की ओर संघीय संगठन मन्त्रियों का झुकाव स्वभाविक ही हैं। लेकिन बीते कुछ सालों से यह सब कुछ इतना एकतरफा चल रहा हैं कि अब असन्तोष अपनी हदें पार कर गया हैं। इसी की परिणिति यह हैं कि जिला पंचायत चुनाव के क्षेत्र क्र. 2 के भाजपा के अधिकृत घोषित किये गये प्रत्याशी गिरधारी पटेल ने पूर्व विधायक नरेश दिवाकर और संगठन मन्त्री सन्तोष त्यागी पर खुले आम ना सिर्फ आरोप लगाये वरन उसे प्रेस को जारी भी किया जो स्थानीय अखबारों में प्रमुखता के साथ प्रकाशित भी हुआ।उनका आरोप था कि उन्हें पहले तो प्रत्याशी घोषित किया गया फिर चुनाव के दो दिन पहले दिवाकर और त्यागी ने क्षेत्र में घूम कर यह प्रचारित किया कि अब बागी राजकुमार अधिकृत प्रत्याश्ी हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि ना तो गिरधारी जीते और ना ही राजकुमार ब्लकि जीत इस क्षेत्र से कांग्रेस की हो गई। भाजपायी चटखारे लेकर यह कहने से नहीं चूक रहें हैं कि जब नरेश के साथ त्यागी भी विश्वासघाती हो जायेंगें तो भला रोना रोने अब कार्यकत्ताZ कहां जायेंगेंर्षोर्षोगिरधारी पटेल ने अपने आलाकमान को भेजे पत्र में नरेश और त्यागी दोनों पर ही कांग्रेस से सांठ गांठ करने के आरोप लगाये हैं। सियासी हल्कों में इस आरोप पर यह चर्चा चटखारों के साथ हैं कि नरेश पर ऐसे आरोप तो पहला चुनाव जीतने के समय से ही लगते रहें हैं और वे दोनो चुनाव कांग्रेसियों के बल पर ही जीतते भी रहें हैं। हरवंश नरेश नूरा कुश्ती के किस्से पिछले दस सालों तक चर्चित रहें हैं। यह बात अलग हैं कि हरवंश सिंह आज जिस मुकाम पर हैं उन्हें वहां अब नरेश से नूरा कुश्ती की जरूरत ज्यादा ना बची हो परन्तु जिले के स्तर पर एक दूसरे के हित तो साधे ही जा सकते हैं। मामला जो कुछ भी हो लेकिन एक बात तो अब बिल्कुल साफ हो गई हैं कि सबसे अलग दिखने का भाजपायी दावा तार तार हो चुका हैं और अब जिले में भाजपा भी हरवंशी चाल ही चलने लगी हैं जिसमें बागियों को पुरुस्कृत और निष्ठावानों को तिरस्कृत किया जाता हैं। यह सब किसके कारण हो रहा हैंर्षोर्षो इसे खोजना और इससे बचने के उपाय खोजना तो अब भाजपा का ही काम रह गया हैं।

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