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Monday, February 1, 2010

बिना ताम झाम के हुई माया मुरारी की धमाकेदार जीत से नेता रह गये भौंचक-
जिला पंचायत चुनावों में घंसौर विकास खंड़ के एक क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में माया मुरारी शिवहरे की प्रचंड़ जीत ने इस जिले की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया हैं। पिछले पन्द्रह सालो से जिले में पैसे और दादागिरी का ऐसा बोलबाला हो गया है कि यह अब आम आदमी की पहुंच से बाहर सी हो गई हैं। लेकिन नंगे पैर और सादगी के साथ लड़े गये इस चुनाव में माया मुरारी शिवहरे ने जिला पंचायत का चुनाव 25 हजार से भी अधिक वोटों से जीत कर एक ऐसा रिकार्ड बना लिया हैं कि जिसे शायद ही कोई भविष्य में तोड़ पाये। वरना अभी तक तो ऐसा हुआ हैं कि जिले स्थापित बड़े बड़े नेता भी करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी विस चुनाव बमुश्किल दो चार हजार वोटों से ही जीत पाते हैं। पिछले लगभग बीस पच्चीस सालों से राजनीति में सेवा भाव से सक्रिय शिवहरे सेवा भाव से लगे ही रहे। चुनावी हार ने भी उनका मनोबल नहीं तोड़ा और वे अपने मार्ग से हटें नहीं। आखिर उनकी सेवा भावना का जनता ने सम्मान किया और जिला पंचायत के चुनाव में इतने भारी वोटों के अन्तर से उन्हें जिताया कि वह जिले में एक नजीर बन गई। कभी कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहे शिवहरे पिछले कई सालों से पर्दे के पीछे चले गये थे और अपने आप को चकमक की इंकाई राजनीति में अनफिट मानने लगे थें। लेकिन इस भारी जनादेश ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया हैं।

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