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Tuesday, May 4, 2010

भाई की शादी में चोरी, भतीजे के जन्म के बाद लिखी गई रिपोर्ट
क्या भतीजे की शादी तक मिल जायेगा चोरी गया माल

ये हेड़िंग पढ़ कर आप चौकिये नहीं यह एक हकीकत हैं और किसी और के साथ नहीं वरन मेरे स्वयं के साथ सिवनी में ही घटित हुयी हैं। मैं अपने चचेरे भाई आशीष सक्सेना की शादी से पटना से दिनांक 28 अप्रेल 2009 को राजेन्द्रनगर अरनाकुलत एक्सप्रेस से लौट रहा था। रात करीब दो बजे बनारस के आसपास ट्रेन में चोरी हो गई। जिसमें नगदी,सोने के जेवर और कपड़ों के साथ दो मोबाइल भी थे। मैं 29 तारीख की शाम लगभग सात बजे सिवनी पहुंचा और रात्रि 9 बजे मैंने थाने में आवेदन देकर पावती ली तथा प्रथ सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का अनुरोध किया था। रिपोअZ दर्ज करने में हीला हवाला करने पर मैंने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक फ्ेक्स एवं मेल करके प्रकरण से दिनांक 30 अप्रेल 2009 को अवगत कराया था। पुनिस महानिदेशक को मेल करने के बाद मुझे 19 मई 2009 को एस.डी.ओ.पी. केवलारी से सूचना प्राप्त हुयी कि आपके द्वारा प्रषित शिकायत की जांच मैं कर रहा हूंं अत: आप 21 मई को उपस्थित होकर बयान दे। मैंने निर्धारित तिथि में बयान भी दे दिये। मुझे इस बात की भी जानकारी नहीं थी कि जांच किसने आदेशित की पुलिस महानिदेशक ने या फिर जिला पुलिय अधीक्षक नेर्षोर्षो और इसमें जांच के क्या बिन्दु थेर्षोर्षो और उन पर जांच अधिकारी किस नतीजे पर पहुंचेंर्षोर्षो इसके बाद मामला ना जाने कहां खो गया। अभी अचानक कुछ दिनों पहले सिवनी थाने से यह सूचना मिली कि रिपोर्ट लिखना हैं तथा मामाला जीरो में कायम कर बनारस भेजना है।ं तब मैंने यह कहा कि अब रिपोर्ट दर्ज करने से क्या फायदार्षोर्षो भाई की शादी में चोरी हुयी थी और अब भतीजे के जन्म के बाद एफ. आई. आर. दर्ज कराके क्या करेंगेंर्षोर्षो फिर 24 अप्रेल 2010 को रिपोर्ट दर्ज की गई और मुझे उसकी कापी दी गई। मैं अपने आप को यहां का एक तीसमारखां समझता था। ऐसे में जब लगभग साल भर बाद सिवनी थाने में जीरो पर मामला कायम कर बनारस भेज दिया गया हैं तो भला कैसी,क्या और कब कार्यवाही होगीर्षोर्षो इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती हैं। मोबाइल का आई.एम.ई.आई. नंबर दिया गया था लेकिन एक साल बाद भी पुलिस ने अपने थाने में मौजूद साइबर सैल का उपयोग करना आवश्यक नहीं समझा। जब अपने यहां यह हाल हैं तो फिर दूसरी जगह से क्या उम्मीद की जा सकती हैंर्षोर्षो लेकिन कहावत है कि आशा पर आकाश टिका हैं। इसी कहावत पर विश्वास करते हुये मैंने पुलिस महानिदेशक महोदय को भाई की शादी पर हुयी चोरी की भतीजे के जन्म के बाद सिवनी पुलिस थाने द्वारा रिपोर्ट लिखे जाने के लिये धन्यवाद देते हुये यह विश्वास भी व्यक्त कर दिया हैं कि शायद भतीजे की शादी तक चोरी गया माल भी शायद ऐसे ही बरामद हो जायेगा जैसे एक साल बाद रिपोर्ट लिख ली गई हैं।

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