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Sunday, May 2, 2010

पीड़ित पिता की गुहार पर 45 दिनो तक लड़की की तलाश ना कर पाने वाली पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर तीन दिनों मे तलाश कर लिया
सिवनी। पिछले 45 दिनों से अपहृत बालिका को उसके अपहरण कत्ताZ के साथ नागपुर में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया हैं। गरीब पिता की गुहार पर जो पुलिस 45 दिनों में भी बालिका को नहीं तलाश कर पायी थी उसी पुलिस ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर मात्र तीन दिनों के अन्दर ही उसे ढूंढ निकाला हैं। बताया जाता है कि जिले के बंड़ोल थाने के ग्रात सोनाडोंगरी निवासी डहेरिया परिवार की बालिका को उसी गांव के एक युवक ने अपहृत कर नागपुर ले गया था। जहां अपने एक रिश्तेदार के यहां उसने रखा और दोनों ने ही उसका शारीरिक शोषण भी किया। कक्षा 9 मी में पढ़ने वाली उक्त बालिका 9 मार्च को परीक्षा देने गई फिर लोटी ही नहीं। 11 मार्च को लड़की के पिता ने बण्डोल थाने में अपनी रिपोर्ट दर्ज करायी थी। रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर उसने जिला पुलिस अधीक्षक से मिलने की कोशिश की लेकिन उसमें वो सफल नहीं हों पाया था। अपहरित की गई लड़की के पिता के निराश होर म.प्र. उच्च न्यायालय में बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी जिस पर कोर्ट ने जिला पुलिस को फटकार लगाते हुये तीन दिन के अन्दर लड़की को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिये थे। कोर्ट के निर्देश मिलते ही पुलिस ने तेजी से तलाश जारी की और निर्धारित समय से पहले ही लड़की और अपराधियों को तलाश ककर लिया और कोर्ट में पेश कर दिया। एक पीड़ित पिता की फरियाद पर यदि पुलिस 45 दिनों तक टालमटोल नहीं करती रहती तो इस गरीब आदमी को हाई कोर्ट जाने की जेहमत नहीं उठानी पड़ती। पुलिस की इस प्रकरण में की गई कार्यवाही से कुछ विचारणीय सवाल तो जरूर उठ खड़े हुये जिनका निदान जन हित मे भविष्य में किया जाना आवश्यक प्रतीत होता हैं।

1 comment:

  1. बड़े शर्म की बात है कि अब न्यायपालिका को पुलिस को भी काम करने के लिए निर्देश देना पड रहा है. एक गरीब की इस देश में क्या अहमियत है ये इस घटना से पता चल जाता है. अब कोई भी सोच सकता है कि अगर न्यायपालिका ना हो तो इस देश का भगवान ही मालिक है.हमारे नेता तो पहले से ही कुछ करने लायक नहीं थे.

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