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Sunday, April 18, 2010

दूर रहकर भी हमसे वास्ता रखना,मुलाकात ना सही पर बातों का सिलसिला रखना।
चूमो आसमां को तुम,ये मेरी तमन्ना हैं,पर हम तक वापस आने का रास्ता रखना।
भाजपा के युवा नेतृत्व से ढ़ेरों अपेक्षायें हें कार्यकत्ताZओं को -
जिला भाजपा के तथाकथित चुनावों के बाद शेष बचे मंड़लों के मनोनयन का काम भी पूरा हो चुका हें। सर्वाधिक प्रतिष्ठा का प्रश्न बने नगर मंड़ल में अन्तत: विधायक नीता पटेरिया के समर्थक प्रेम तिवारी की ताजपोशी अ संगठन में उनकी पैठ मानने को बड़े बड़े नेताओं को मजबूर कर दिया हैं।विधायक बनने के बाद शायद यह पहला ऐसा मौका था कि अपने समर्थक के लिये नीता पटेरिया ने इतना प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हो वरना पहले तो वे समर्थकों के लिये अड़ते कहीं दिखतीं ही नहीं थीं। अब उनके समर्थकों में यह आशा बंध गईं हैं कि यदि उनकी नेता उनके लिये ऐसी ही लड़ती रहीं तो उन्हें कोई भी नेता नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगा। इस चुनाव में जो नया और युवा नेतृत्व उभर कर सामने आया हैं उससे पार्टी के कार्यकत्ताZओं और विशेषकर युवा पीढ़ी में अधिक उत्साह दिख रहा हैं। उन्हें यह विश्वास हैं कि उनके अपने बीच के लोगों के हाथों में कमान आने से उनके हितों का ध्यान रखा जायेगा। ऐसा कुछ विश्वास करके ही से दस पन्द्रह साल पहले परिर्वतन किया गया था लेकिन तब संगठन से सत्ता के द्वार तक पहुचें नेताओं से कार्यकत्ताZओं को निराशा ही मिली थी। भाजपा के शासनकाल में अक्सर राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा आम रहती कि अब भाजपा कार्यकत्ताZओं को तो अब अपने ही राज में अपनों को कमीशन तक देनी पड़ रही हैं। कई लोग तो यह कहने में भी नहीं चूकते थे कि इससे अच्छे तो कांग्रेस के राज में हमारे काम निपट जाते थे। वैसे भी कांग्रेस राज में नूरा कुश्ती के किस्से तो गाहे बगाहे चलते ही रहते थे। इस बार जिले के कार्यकत्ताZ अपने चहेते युवा नेताओं के उज्जवल भविष्य की कामना तो कर रहें हैं लेकिन किसी शायर के इस शेर की ये लाइने याद दिलाते हुयेदूर रहकर भी हमसे वास्ता रखना मुलाकात ना सही पर बातों का सिलसिला रखनााचूमो आसमां को तुम,ये मेरी तमन्ना हैं,पर हम तक वापस आने का रास्ता रखना।
किसान हलाकान नेता परेशान-
इन दिनों गेहूं के समर्थन मूल्य पर मंड़ी में किसानों के हो रहे शोषण को लेकर सभी पार्टी के नेता चिन्तित दिखायी दे रहें हैं। चाहे इंका के विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह हों या भाजपा विधायक नीता पटेरिया हों या पार्टियों के किसान संगठन हों सभी इस बात को लेकर आन्दोलित हें। मीडिया ने भी नेताओं की इस चिन्ता को काफी कवरेज देकर ध्यान आर्कषित कराया हैं। अब प्रदेश के मन्त्री गौरीशंकर बिसेन भी सिवनी आकर जायजा लेने वाले हैं। नेताओं की चिन्ता तो अपनी जगह ठीक हें लेकिन मंड़ी से सम्बंधित लोगों की बातों को यदि सही माना जाये तो उनका ये दावा हैं कि अधिकांश किसान तो मंड़ी की अव्यवस्थाओं के कारण उससे किनारा कर चुका हैं। आज जिनके लिये सारे नेता हलाकान हें उनमें से अधिकांश तो वे कुचिया व्यापारी हैं जो किसानों से माल लेकर मंड़ी में आकर या तो सेटिंग करके लाभ ले रहें हैं या फिर सेटिंग ना होने से भुगत रहें हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चालू होने से लेकर आज तक एक भी दिन ऐसा नहीं होगा जिस दिन मंड़ी में बिके गेहूं और उस दिन कटी अनुज्ञा की मात्रा एक जैसी रही हो। अधिकांशत: जितनी खरीदी होती हैं उससे कहीं अधिक गेहूं की अनुज्ञा रोज कट रही हैं। ये गेहू कौन ले रहा हैंर्षोर्षो उसे समर्थन मूल्य मिल रहा हें या नहींर्षोर्षो इसकी चिन्ता किसी को भी नहीं हैं। यह सिलसिला सालों से चल रहा हैं और चलते रहेगा। आज जरूरत इस बात की है कि किसानों को मंड़ी आने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। इसके लिये यह अत्यन्त आवश्यक हैं कि मंड़ी की अव्यवस्थाओं को दूर किया जाये जिसके लिये नेता प्रयास करें।
नीता-हरवंश शरीक हुये पट प्रतियोगिता में-

जिले में पट प्रतियोगिता को चलन तो बहुत है लेकिन कुछ पट प्रतियोगिताये चर्चित हो जाती हैंं। हाल ही में जिला ब्राम्हण समाज ने भी पट प्रतियोगिता का आयोजन किया। भीषण गर्मी में आयोजित इस पट प्रतियोगिता की उपयोगिता पर तो कोई सवालिया निशान नहीं हैं क्योंकि समाज को दिशा देने वाले इस बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा इसे आयोजित किया गया था। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से पता चला कि ब्राम्हण समाज की भाजपा विधायक नीता पटेरिया ने इसका उदघाटन किया और विधानसभा के उपाध्यक्ष इंका विधायक ठाकुर हरवंश सिंह ने इसका समापन किया। वैसे तो देखा जाये तो दोनों एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। नीता के ड्रायवर की रिपोर्ट पर हरवंश सिंह के विरुद्ध धारा 307 का मामला बना।मामला दर्ज कराने तत्कालीन सांसद नीता पटेरिया के साथ तमाम भाजपा थाने में डटी रही। हरवंश ने न्याय रैली के नाम पर हजारों का मजमा लगाया। नीता सांसद से सिवनी की विधायक बन गईं।हरवंश सिंह 307 के आरोपी रहते हुये भी विस के उपाध्यक्ष बन गये। मामले का क्या हुआ अब इसके जानने की फुरसत तो शायद नीता जी को भी नहीं हैं। अब थाने में डटने वाले भाजपायी या न्याय रैली में आये इंकाई इसे लेकर कुछ कुछ सोचते और सांठ गांठ तलाशते हैं तो भला क्या किया जा सकता है। वैसे भी सिवनी विस का तो इतिहास भी यही रहा हैं। पहले सियासी हल्कों में नरेश हरवंश नूरा कुश्ती के किस्से चर्चित रहते थे तो अब नीता हरवंश के। इसका सबसे बड़ा कारण तो आमानाला का मामला हैं ही जिसमें प्रदेश में भाजपा की सरकार रहने के बाद भी नीता जी आज तक चालान पेश नहीं करा पायीं हैं।इसके साथ ही एक ही आयोजक द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करने से इन हवाओं को और जोर ही मिलता हैं। अब इसमें सही क्या हैंर्षोर्षो यह तो समय आने पर ही पता चलेगा।
चर्चे मेजबानी मेहमानी के -
मेजबानी के लिये मशहूर जिले के इंका नेता एवं केवलारी क्षेत्र के विधायक हरवंश सिंह ने पेंच नेशनल पार्क में सपरिवार भ्रमण के लिये आये अमेरिका के चेम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष का स्वागत किया। अखबारों में इसके फोटो भी छपे। जब स्वागत किया तो तो निश्चित रूप से चर्चा भी की होगी। चर्चा में जिले और प्रदेश के विकास की बात भी हुयी होगी। यह सब कैसे सम्भव हुआ होगार्षोर्षो इसे लेकर भी चर्चाये हो रहीं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि चर्चा अंग्रेजी में हुयी होगी तो कुछ लोग यह भी कह रहें हें कि किसी दुभाषिये की सेवाये लिये जाने की बात भी कहते हैं।जैसे भी हो लेकिन एक विशिष्ठ विदेशी मेहमान की जिले की ओर से की गई मेजबानी प्रशंसनीय कार्य तो हैं ही।

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