जहां कांग्रेस जीतती हैं वहां कांग्रेसी हारे और जहां कांग्रेस हारती हैं वहां कांग्रेसी जीते
जिला पंचायत चुनावों के परिणाम राजनैतिक दृष्टि से चौंकाने वाले इस लिहाज से साबित हुये हैं कि जहां से कांग्रेस जीतते रही हैं वहां से कांग्रेसी हार गये और जहां से कांग्रेस हारती रही वहां से कांग्रेसी जीत गये हैं।इसके विपरीत ऐसा ही कुछ भाजपा के लिये भी कहा जा सकता हैं। इन चुनाव परिणामों से राजनैतिक विश्लेषक परेशान हैं कि आखिर ऐसा होने का कारण क्या हैंर्षोर्षो प्रदेश इंका के उपाध्यक्ष ठाकुर हरवंश सिंह सन 1993 से लगातार केवलारी विस क्षेत्र से कांग्रेस को जिताते आ रहें हैं और विधायक बन सत्तासुख भोग रहें हैं। लेकिन जिला पंचायत चुनाव में केवलारी क्षेत्र के तीनों जनपद क्षेत्रों से कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार चुनाव हार गये हैं। इनमें केवलारी जनपद पंचायत की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती फरीदा साबिर अंसारी,पूर्व सरपंच मोहन सिंह धुर्वे एवं ब्लाक कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष सुधीर जैन चुनाव लड़े थे। हालांकि जिला इंका जिले के सभी क्षेत्रों में अपने अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं कर पायी थी लेकिन केवलारी क्षेत्र के सभी क्षेत्रों में अधिकृत प्रत्याशी घोषित थे जिससे प्रचार प्रसार में किसी भी नेता को जाने में कोई भी बन्दिश नहीं थी और भाजपा के तमाम नेता गये भी थे। फिर भी कांग्रेस के इस गढ़ से कांग्रेसियों का हार जाना तरह तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा हैं। इसके विपरीत कांग्रेस जिले की सिवनी और बरघाट विधानसभा सीट से कांग्रेस 1993 से चुनाव हार रही हैं। लेकिन जिला पंचायत चुनावों में इन क्षेत्रों के नौ वाडोZं में से छ: वाडोZं में कांग्रेसी और शेष निर्दलीय जीते हैं और भाजपा का एक भी उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं करा पाया हैं। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि भाजपा के जिला संगठन मन्त्री सन्तोष त्यागी के नेतृत्व में जिलाधयक्ष सहित सभी विधायकों ने चुनाव प्रचार में सक्रिय भागीदारी की थी। फिर भी भाजपा के इन गढ़ों में जहां कांग्रेस हारती चली आ रही हैं वहां पंचायत चुनावों में कांग्रेसियो जीत सियासी हल्कों में चर्चित हैं। यहां यह भी विशेष तौर पर उल्लेखनीय हैं कि जिला इंका ने इन सात क्षेत्रों में से तीन क्षेत्रों में अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की थी। जिनमें से तीनों ही क्षेत्रों में कांग्रेस नेताओं मोहन चन्देल,रामगोपाल जैसवाल और बशीर खॉन ने जीतम दर्ज की हैं जबकि उनके विरुद्ध कांग्रेसी नेता भी चुनाव मैदान में थे। राजनैतिक विश्लेषक इन परिणामों से आश्चर्यचकित हैं कि आखिर ऐसे कौन से कि जिन क्षेत्रों से कांग्रेस चुनाव हारती हैं उन्हीं क्षेत्रों से कांग्रेसी जीत रहें हें और जिस क्षेत्र से कांग्रेस जीतती हें उस क्षेत्र से कांग्रेसी हार रहें हैंर्षोर्षो कांग्रेसियों में ऐसी चर्चा हें कि यह एक ओपन सीक्रेट हैंजिसे लगभग सभी कांग्रेसी जानते हैं।
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