हरवंश को हड़काया हरिप्रसाद ने
जबलपुर। कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में प्रदेश प्रभारी महामन्त्री बी.के.हरिप्रसाद को हरवंश सिंह का भाषण रास नहीं आया। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने अपने भाषण में संगठन के चुनावोंं में किये गये आरक्षण के प्रावधानों पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुये हरिप्रसाद को इंगित करते हुये कहा था कि ये आरक्षण समाप्त किया जाना चाहिये। सम्मेलन में उपस्थिम इंका नेताओं का कहना हैं कि हरवंश सिंह के इस भाषण पर खुली नाराजगी व्यक्त करतें हुये अपने उदबोधन में कहा कि हरवंश सिंह विधानसभा के उपाध्यक्ष हें और प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने अपने भाषण में इन्दिरा जी से लेकर राहुल गांधी तक किसी का भी नाम तक लेने की जरूरत नहीं महसूस नहीं की हैं। आपको यह मालूम होना चाहिये कि संगठन चुनावों में आरक्षण का फैसला लिया गया है वह सोहनया जी ने लिया हैं। उनके निर्णय की आलोचना करना कहां तक ठीक हैंर्षोर्षो बताते हें कि हरिप्रसाद के इस कथन पर जब हरवंश ने सफाई में बीच में कुछ कहना चाहा तो तो हरप्रिसाद ने उन्हें टोक कर चुप करा दिया कि जब आप बोल रहे थे तब मैंने नहीं टोका अब मैं बोल रहा हूंं तो आप सुनिये। राजनैतिक जानकारों का दावा हैं कि महाकौशल अपने आप को कांग्रेस से बड़ा समझने वाले हरवंश सिंह की तो यह आदत ही पड़ गई हैं और वे अपने भाषणाों में अक्सर इन्दिरा,राजीव,सोनिया और राहुल का नाम लेने से परहेज करते हैं और अपने मुह मियां मिट्ठू बन अपना ही बखान करते रहते हैं।
जबलपुर। कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में प्रदेश प्रभारी महामन्त्री बी.के.हरिप्रसाद को हरवंश सिंह का भाषण रास नहीं आया। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने अपने भाषण में संगठन के चुनावोंं में किये गये आरक्षण के प्रावधानों पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुये हरिप्रसाद को इंगित करते हुये कहा था कि ये आरक्षण समाप्त किया जाना चाहिये। सम्मेलन में उपस्थिम इंका नेताओं का कहना हैं कि हरवंश सिंह के इस भाषण पर खुली नाराजगी व्यक्त करतें हुये अपने उदबोधन में कहा कि हरवंश सिंह विधानसभा के उपाध्यक्ष हें और प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने अपने भाषण में इन्दिरा जी से लेकर राहुल गांधी तक किसी का भी नाम तक लेने की जरूरत नहीं महसूस नहीं की हैं। आपको यह मालूम होना चाहिये कि संगठन चुनावों में आरक्षण का फैसला लिया गया है वह सोहनया जी ने लिया हैं। उनके निर्णय की आलोचना करना कहां तक ठीक हैंर्षोर्षो बताते हें कि हरिप्रसाद के इस कथन पर जब हरवंश ने सफाई में बीच में कुछ कहना चाहा तो तो हरप्रिसाद ने उन्हें टोक कर चुप करा दिया कि जब आप बोल रहे थे तब मैंने नहीं टोका अब मैं बोल रहा हूंं तो आप सुनिये। राजनैतिक जानकारों का दावा हैं कि महाकौशल अपने आप को कांग्रेस से बड़ा समझने वाले हरवंश सिंह की तो यह आदत ही पड़ गई हैं और वे अपने भाषणाों में अक्सर इन्दिरा,राजीव,सोनिया और राहुल का नाम लेने से परहेज करते हैं और अपने मुह मियां मिट्ठू बन अपना ही बखान करते रहते हैं।
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