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Friday, February 26, 2010

जिला पंचायत में फिर हुआ कांग्रेस का कब्जा
मोहन चन्देल अध्यक्ष और अनिल चौरसिया उपाध्यक्ष बने:बगावत के डर से योग्यता का पैमाना बदला हरवंश ने
सिवनी। जिला पंचायत के चुनावों में कांग्रेस ने लगातर चौथी बार अपना कब्जा बरकरार रखा हैं। इंका के मोहन चुदेल और अनिल चौरसिया अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुन लिये गये हैं। जिला पंचायत के 19 सदस्यों में से 13 कांग्रेस,4 भाजपा और दो निर्दलीय सदस्य चुनाव जीत थे। शुरू से ही यह पक्का अनुमान था कि कांग्रेस अपना कब्जा तो बरकरार रखेगी लेकिन इंका नेता हरवंश सिंह प्रत्याशी किसे बनायेंगेंर्षोर्षो इसे लेकर तरह तरह की अटकलें लगायी जा रहीं थीं। पिछले तीन कार्यकाल में गीता उइके,रैनवती मानेश्वर और प्रीता ठाकुर को मौका देने वाले हरवंश सिंह के प्रत्याशी चयन का आधार हर राजनेता अच्छी तरह से जान गया था। उसी आधार पर लोग यह कयास लगा रहे थे कि अगला पिछले से बड़ा ही होगा। इस चुनाव में कांग्रेस ने भले ही भारी सफलता हासिल कर ली थी लेकिन भयंकर आक्रोश सदस्यों में था तथा हरवंश सिंह के ही गुट में अलग अलग नेता अनपे अपने पसन्दीदा उम्मीदवार को ही चुनाव लड़वाने के लिये दवाब डाल रहे थे। चतुर सुजान हरवंश सिंह भी यह बात भली भान्ति जान चुके थे कि इस बार आक्रोश को रोकना सम्भव नहीं हैं। संभावित भारी बगावत को रोकने के लिये हरवंश सिंह ने इस योग्यता का पैमाना मजबूरन बदला और मोहन चन्देल और अनिल चौरसिया को उम्मीदवार बनाया। जबकि अनिल चौरसिया ने तो केवलारी विधानसभा क्षेत्र के कान्हीवाड़ा क्षेत्र से ही हरवंश सिंह के चहेते कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर जैन को तीसरे स्थन पर फेंक कर भारी वोटों से चुनाव जीता था। इस सबके बावजूद भी कांग्रेस चुनाव तो भले ही जीत गई लेकिन बगावत नहीं रुक पायी और बागी रामगोपाल जैसवाल ने भाजपा का समर्थन हासिल कर आठ वोट ले लिये जबकि भाजपा के मात्र चार सदस्य ही चुनाव जीते थे। यदि दो और वोट भी इधर उधर हो जाते तो पांसा ही पलट सकता था। और शायद इसी कारण दोनों युवा तुर्क नेताओं को इस बार यह अवसर मिल गया।

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