www.hamarivani.com

Thursday, March 18, 2010

app beeti

आपबीती
हम तीन लोगों ने मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में कांग्रेस को मजबूत बनाने का बीड़ा उठाया। हम तीनों याने मैं, आशुतोष वर्मा,राजकुमार पप्पू खुराना और प्रसन्न मालू। हम तीनों भी कोई तोपचन्द नहीं हैं। तीनों ही सिवनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार चुके हैं। हार के दर्द का एहसास तीनों को ही हैं। तीनों ही यह भी जानते हैं कि हमारी हार का कारण क्या हैर्षोर्षो
कांग्रेस के हम तीनों लोंगों ने आपसी मतभेदों को दूर कर यह निर्णय लिया कि हार के दर्द सें अब कांग्रेस को मुक्त कराना हैं। नगर पालिका सिवनी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिये संजय भारद्वाज को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया। टिकिट मिलने के पहले से ही चन्द कांग्रेसी यह प्रचारित करने लगे कि तीन हारे हुये नेताओं के प्रत्याशी हैं संजय भारद्वाज। हम तीन के अलावा अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष जकी अनवर भी हमसफर बने हुये थे। संजय भारद्वाज को टिकिट भी मिली। शहर में कांग्रेसी एकता का सन्देश भी गया क्योंकि जिले के इकलौते इंका विधायक हरवंश सिंह भी चुनाव प्रचार में गलियों में घूमे। वातावरण भी अच्छा बना। लेकिन कांग्रेस को मजबूत बनाने की योजना धरी की धरी रह गई ब्लकि चुनाव हारने वालों में एक नाम संजय भारद्वाज का और जुड़ गया। पिछले कई सालों से कांग्रेसियों के बीच में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ हैं कि यहां चुनाव लड़ने के लिये जो आशीZवाद दिया जाता हैं उसमें भी दोनों हाथों का उपयोग शरीर में अलग अलग जगह पर किया जाता हैं जिसका पता चुनाव के परिणाम आने के बाद ही लगता हैं। दोनों हाथों से आशीZवाद पाकर भुगतने वाले कांग्रेसियों की संख्या की अब जिले में बहुत अधिक हो चुकी हैं।
यहां यह बताना भी जरूरी हैं कि कांग्रेस को जिले में मजबूत करने की जरूरत आखिर क्यों पड़ीर्षोर्षो एक जमाना था जब 1977 की जनता लहर में भी कांग्रेस ने जिले की पांचों विधानसभा सीटें जीत कर समूचे उत्तर भारत में एक रिकार्ड बनाया था। लेकिन आज हालात यह हैं कि पिछले तीन लोकसभा चुनावों से कांग्रेस लगातार हार रही हैं। जिले की पांच में से दो,सिवनी और बरघाट,क्षेत्र में पिछले पांच चुनावों से, लखनादौन में दो चुनावों से,सिवनी नगर पालिका के अध्यक्ष पद में एक उप चुनाव छोड़कर सीधे तीनों चुनावों में भी कांग्रेस को हार का मुह देखना पड़ा हैं। ऐसा नहीं हैं कि कांग्रेस सिर्फ हारती ही रही। जनता से सीधे होने वाले चुनावों में हारने के बाद सदस्यों से होने वाले चुनावों में कांग्रेस को जीतने की महारत हासिल हैं तभी तो लगातार चौथी बार जिला पंचायत तथा तीसरी बार नगपपालिका सिवनी में उपाध्यक्ष बनाने में नेता सफल रहें हैं। सिर्फ केवलारी एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र हैं जहां से लगातार चौथी बार कांग्रेस के हरवंश सिंह चुनाव जीतेें हैं जो आज विधानसभा के उपाध्यक्ष हैं।1990 के चुनाव में सिवनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में हारने वाले हरवंश सिंह ने 1993 का चुनाव सिवनी के बजाय केवलारी विधानसभा क्षेत्र से लड़कर जीता था।
नगर पालिका का चुनाव हारने के बाद हम सभी ने सोचा कि अब जिले में कांग्रेस को मजबूत करने लिये योजना बनानी चाहिये। हमने पूरे जिले में उस कांग्रेस को तलाशना शुरू किया जिसे हम मजबूत बनाना चाहते थे। जिले के आठों ब्लाकों में हमने कांग्रेस को बहुत तलाश किया लेकिन कांग्रेस हमें कहीं मिली ही नहीं। हॉं कांग्रेस नेता और उनके समर्थक जरूर मिले जिन्हें मजबूती देने कही कोई जरूरत ही नहीं दिख रही थी। वे तो सभी अपने आप में इतने मजबूत थे कि लोक सभा और विधानसभा चुनाव वाले महीनों में भी कांग्रेसी ही रहते तो कांग्रेस के कमजोर होने सवाल ही पैदा नहीं होता। कांग्रेस के बजाय ढ़ूढ़ने पर कहीं हमें भैया,तो कहीं भागीरथ,तो कहीं किसान पुत्र,तो कहीं विकापुरुष,तो कहीं दादा, तो कहीं दादा ठाकुर तो अधिकांश जगह साहब ही दिखे। कांग्रेस तो मानो जैसे कहीं गुम हो गई हो। लेकिन हम लोगों का यह भी विश्वास था कि कांग्रेस कभी और कहीं भी खत्म तो हो ही नहीं सकती हैं। इसलिये जब और बारीकी से उसे तलाश किया तो पता चला कि जिले में समूची कांग्रेस ही कांग्रेस नेता में समाहित हो गई थी। नेता तो राजनैतिक रूप से जीवित हैं लेकिन कांग्रेस मृतप्राय हो चुकी हैं और आज भी उसके आस पास ही भटक रही हैं।
हमारे जिले में नीबू वाले बाबा के नाम से मशहूर तो कोई और हैं लेकिन नीबू का रस किसी और का असर करता हैं। दूध में नीबू का रस डाल तो दूध फटना तो आम बात हैं लेकिन हमारे यहां का मशहूर नीबू का रस ऐसा है कि वो फटे दूध में भी असर दिखाता हैं।ऐसा ही कुछ कमाल बीते दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी के प्रवास के दौरान देखने को मिला। कांग्रेस के अन्दर ही शिकारी भी हैं और शिकार भी। कई तो ऐसे उदाहरण भी हैं कि एक ही शिकारी से एक ही शिकार कई बार शिकार हो चुकने के बाद एक बार फिर शिकार होने के लिये तैयार खड़ा दिखायी दे रहा हैं। अब देखना यह हैं कि शिकारी और शिकार की यही परंपरा आगे भी चलती रहेगी या फिर कांग्रेस को मजबूत करने के हम लोगों द्वारा उठाये बीड़े को सफल बनाने के लिये कांग्रेसी आगे आयेंगें।आशुतोष वर्मासिवनी म.प्र.09425174640

No comments:

Post a Comment