मनोनयन की आहटें सुनायी दे रहीं हैं भाजपा के संगठन चुनावों में
सिवनी। जिला भाजपा के संगठन चुनावों में भी इस मनोनयन होने की आहटें सुनायी देने लगी हैं। भाजपा के आन्तरिक लोकतन्त्र की दबी जुबान से विपक्षी दल भी तारीफ करते थे।इससे संगाथान में चुनाव लड़कर काम करने वाले नेताओं के मन में निराशा होने लगी हैं तथा उन्हें ऐसा लगने लगा है कि नेता अपने समर्थकों को पिछले दरवाजे से संगठन पर काबिज कराने में सफल हो जावेंगें। जिला भाजपा में संगठन के चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। सम्भवत: 16 मार्च के बाद मंड़ल के चुनावों का कार्य प्रारंभ हो जावेगा। चुनाव जीतकर संगठन में काम करने के इच्छुक नेताओं ने पूरी सक्रियता के साथ सदस्यता अभियान चलाया था। लंबे समय सें चुनाव की तैयारियां चल रहीं है। लेकिन भाजपा के आला नेताओं का ऐसा मानना हैं कि यदि पूर्ववत संगठन के चुनाव हुये तो भाजपा के आन्तरिक मतभेद खुलकर सड़क पर आ जायेंगें जिससे भाजपा की प्रदेश स्तरीय फजीहत होने की आशंका थी। भाजपायी सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार संगठन मन्त्री के स्तर से ऐसे निर्देश मिल चुकें हैं कि यदि किसी मंड़ल में आपसी समन्वय और सर्वसम्मति ना बने तो प्रकरण को जिले में भेज दिया जाये जहां सें इसका निपटारा किया जायेगा। ऐसा माना जा रहा हैं कि इन विवादों का निपटारा जिला स्तर के चन्द नेताओं और संगठन मन्त्री के बीच तालमेल बिठा कर ही किया जायेगा। दूसरे शब्दों में यदि कहा जाये तो चुनाव के नाम पर मनोनयन की तैयारियां अन्दर ही अन्दर चल रहीं हैं। भाजपा में आन्तरिक लोकतन्त्र की प्रशंसा हमेशा से होती रही हैं। निर्धारित समय पर बाकायदा चुनाव होते थे और निर्वाचित पदाधिकारी संगठन के कार्य करते थे। भाजपा की इस व्यवस्था की अन्य विपक्षी दल भी अन्दर ही अन्दर तारीफ किया करते थे। लेकिन सत्ता के साथ आने वाले राजरोगों के कारण अब वैसी स्थिति नहीं रह गई है। आज भाजपा में हर स्तर पर भारी गुटबाजी चरम पर हैं। ऐसे में यदि पूर्व की तरह चुनाव होते हें तो एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिये नेतागण किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। इस फजीहत से बचने के लिये ही शायद भाजपा नेताओं ने मनोनयन के इस दूसरे स्वरूप का उपयोग करना उचित समझा हैं।
पालिका में हुये भ्रष्टाचार के अन्य दोषियो को बचाने के प्रयास निन्दनीय: आशुतोष
अध्यक्ष,उपाध्यक्ष एवं तकनीकी अमले को भी दंड़ित करें: ठेकेदार को ब्लेकलिस्ट करे: पालिका की आर्थिक क्षति की रिकवरी हो
सिवनी। नगरपालिका सिवनी में दुगनी लागत में बनायी गई घटिया सड़कों की मेरी शिकायत पर लगभग तीन साल बाद मुख्य नगरपालिका अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा सदन में की गई हैं। लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष और निर्माण कार्य में धांधली के लिये जवाबदार तकनीकी अमले को बचाने के प्रयास हो रहें हैं। इसके साथ ही ना तो ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई और ना ही परिषद को हुई आर्थिक हानि की रिकवरी के लिये किसी पर जवाबदारी निर्धारित की गई हैं। इससे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आपके द्वारा चलाये जा रहे प्रदेश व्यापी अभियान की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लग गया हैं। उक्ताशय का कथन करते हुये जिला इंका नेता आशुतोष वर्मा ने मुख्यमन्त्री श्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय निकाय मन्त्री श्री बाबूलाल गौर को भेजे गये एक फ्ेक्स भेजा है। अपने पत्र में आगे उल्लेख किया है कि लगभग तीन साल पहले बिना टैंड़र बुलाये 90 प्रतिशत अधिक दर बनायी गईं शहर की तीन प्रमुख सड़के बनायी गईं थीं। इनकी शिकायत जिला कलेक्टर के साथ ही राज्य शासन को भी की गई थी। तत्कालीन जिला कलेक्टर ने शहरी विकास अभिकरण से इसकी जांच करायी थी लेकिन कोई कार्यवाही करने के बजाय प्रतिवेदन को राज्य शासन को कार्यवाही हेतु भेज दिया था।इसके बावजूद भी शासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में इंका नेता वर्मा ने कहा है कि इसके पश्चात जब लोकायुक्त का जांच प्रतिवेदन कार्यवाही के लिये शासन को भेजा गया तब शासन ने भाजपा शासित पालिका के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और मु.न.पा.अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस दौरान जनप्रतिनिधियों को बचाने के लिये पालिका के कार्यवाही विवरण में हेर फेर भी गई थी। हाल ही में हुये पालिका चुनावों के महीनों पहले जारी किये गये इन नोटिसों पर कोई कार्यवाही ना होना उन्हें संरक्षण देना नहीं तो और क्या हैर्षोर्षो विज्ञप्ति में आगे लिख गया हे कि वैसे तो यह प्रकरण पूर्व में दो बार विधानसभा में उठाया जा चुका था। जिसके जवाब में सरकार ने यह कह दिया था कि जांच चल रही हैं एवं दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी। अभी तीसरी बार जब यह मामला सदन में उठा तो सी.एम.ओ. को निलंबित करने की घोषणा कर शासन ने इस बात पर चुप्पी साध ली कि भाजपा शासित पालिका के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गईर्षोर्षो निर्माण कार्यों मे नाप करने,एम.बी.भरने और बिल बनाने का काम करने वाले तकनीकी अमले को क्यों बख्श दिया गयार्षोर्षो दोषी ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गईर्षोर्षो पालिका को हुई आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिये रिकवरी की कार्यवाही क्यों नहीं की गईर्षोर्षो अपने पत्र में इंका नेता वर्मा ने उल्लेख किया हे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाये प्रदेश व्यापी अभियान के दौरान जनता को इन सवालों का जवाब यदि नहीं मिलता तो यह अभियान एक बेमानी बनकर ही रह जायेगा।पत्र में इंका नेता ने विश्वास व्यक्त किया हे कि आप शीघ्र ही अन्य दोषियों के विरुद्ध भी कठोर कार्यवाही करेंगें ताकि ना तो जनप्रतिनिधि और ना ही अधिकारी ऐसा दुस्साहस दोबारा करने की हिम्मत नहीं जुटा पायेंगें।
सिवनी। जिला भाजपा के संगठन चुनावों में भी इस मनोनयन होने की आहटें सुनायी देने लगी हैं। भाजपा के आन्तरिक लोकतन्त्र की दबी जुबान से विपक्षी दल भी तारीफ करते थे।इससे संगाथान में चुनाव लड़कर काम करने वाले नेताओं के मन में निराशा होने लगी हैं तथा उन्हें ऐसा लगने लगा है कि नेता अपने समर्थकों को पिछले दरवाजे से संगठन पर काबिज कराने में सफल हो जावेंगें। जिला भाजपा में संगठन के चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। सम्भवत: 16 मार्च के बाद मंड़ल के चुनावों का कार्य प्रारंभ हो जावेगा। चुनाव जीतकर संगठन में काम करने के इच्छुक नेताओं ने पूरी सक्रियता के साथ सदस्यता अभियान चलाया था। लंबे समय सें चुनाव की तैयारियां चल रहीं है। लेकिन भाजपा के आला नेताओं का ऐसा मानना हैं कि यदि पूर्ववत संगठन के चुनाव हुये तो भाजपा के आन्तरिक मतभेद खुलकर सड़क पर आ जायेंगें जिससे भाजपा की प्रदेश स्तरीय फजीहत होने की आशंका थी। भाजपायी सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार संगठन मन्त्री के स्तर से ऐसे निर्देश मिल चुकें हैं कि यदि किसी मंड़ल में आपसी समन्वय और सर्वसम्मति ना बने तो प्रकरण को जिले में भेज दिया जाये जहां सें इसका निपटारा किया जायेगा। ऐसा माना जा रहा हैं कि इन विवादों का निपटारा जिला स्तर के चन्द नेताओं और संगठन मन्त्री के बीच तालमेल बिठा कर ही किया जायेगा। दूसरे शब्दों में यदि कहा जाये तो चुनाव के नाम पर मनोनयन की तैयारियां अन्दर ही अन्दर चल रहीं हैं। भाजपा में आन्तरिक लोकतन्त्र की प्रशंसा हमेशा से होती रही हैं। निर्धारित समय पर बाकायदा चुनाव होते थे और निर्वाचित पदाधिकारी संगठन के कार्य करते थे। भाजपा की इस व्यवस्था की अन्य विपक्षी दल भी अन्दर ही अन्दर तारीफ किया करते थे। लेकिन सत्ता के साथ आने वाले राजरोगों के कारण अब वैसी स्थिति नहीं रह गई है। आज भाजपा में हर स्तर पर भारी गुटबाजी चरम पर हैं। ऐसे में यदि पूर्व की तरह चुनाव होते हें तो एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिये नेतागण किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। इस फजीहत से बचने के लिये ही शायद भाजपा नेताओं ने मनोनयन के इस दूसरे स्वरूप का उपयोग करना उचित समझा हैं।
पालिका में हुये भ्रष्टाचार के अन्य दोषियो को बचाने के प्रयास निन्दनीय: आशुतोष
अध्यक्ष,उपाध्यक्ष एवं तकनीकी अमले को भी दंड़ित करें: ठेकेदार को ब्लेकलिस्ट करे: पालिका की आर्थिक क्षति की रिकवरी हो
सिवनी। नगरपालिका सिवनी में दुगनी लागत में बनायी गई घटिया सड़कों की मेरी शिकायत पर लगभग तीन साल बाद मुख्य नगरपालिका अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा सदन में की गई हैं। लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष और निर्माण कार्य में धांधली के लिये जवाबदार तकनीकी अमले को बचाने के प्रयास हो रहें हैं। इसके साथ ही ना तो ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई और ना ही परिषद को हुई आर्थिक हानि की रिकवरी के लिये किसी पर जवाबदारी निर्धारित की गई हैं। इससे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आपके द्वारा चलाये जा रहे प्रदेश व्यापी अभियान की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लग गया हैं। उक्ताशय का कथन करते हुये जिला इंका नेता आशुतोष वर्मा ने मुख्यमन्त्री श्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय निकाय मन्त्री श्री बाबूलाल गौर को भेजे गये एक फ्ेक्स भेजा है। अपने पत्र में आगे उल्लेख किया है कि लगभग तीन साल पहले बिना टैंड़र बुलाये 90 प्रतिशत अधिक दर बनायी गईं शहर की तीन प्रमुख सड़के बनायी गईं थीं। इनकी शिकायत जिला कलेक्टर के साथ ही राज्य शासन को भी की गई थी। तत्कालीन जिला कलेक्टर ने शहरी विकास अभिकरण से इसकी जांच करायी थी लेकिन कोई कार्यवाही करने के बजाय प्रतिवेदन को राज्य शासन को कार्यवाही हेतु भेज दिया था।इसके बावजूद भी शासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में इंका नेता वर्मा ने कहा है कि इसके पश्चात जब लोकायुक्त का जांच प्रतिवेदन कार्यवाही के लिये शासन को भेजा गया तब शासन ने भाजपा शासित पालिका के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और मु.न.पा.अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस दौरान जनप्रतिनिधियों को बचाने के लिये पालिका के कार्यवाही विवरण में हेर फेर भी गई थी। हाल ही में हुये पालिका चुनावों के महीनों पहले जारी किये गये इन नोटिसों पर कोई कार्यवाही ना होना उन्हें संरक्षण देना नहीं तो और क्या हैर्षोर्षो विज्ञप्ति में आगे लिख गया हे कि वैसे तो यह प्रकरण पूर्व में दो बार विधानसभा में उठाया जा चुका था। जिसके जवाब में सरकार ने यह कह दिया था कि जांच चल रही हैं एवं दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी। अभी तीसरी बार जब यह मामला सदन में उठा तो सी.एम.ओ. को निलंबित करने की घोषणा कर शासन ने इस बात पर चुप्पी साध ली कि भाजपा शासित पालिका के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गईर्षोर्षो निर्माण कार्यों मे नाप करने,एम.बी.भरने और बिल बनाने का काम करने वाले तकनीकी अमले को क्यों बख्श दिया गयार्षोर्षो दोषी ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गईर्षोर्षो पालिका को हुई आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिये रिकवरी की कार्यवाही क्यों नहीं की गईर्षोर्षो अपने पत्र में इंका नेता वर्मा ने उल्लेख किया हे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाये प्रदेश व्यापी अभियान के दौरान जनता को इन सवालों का जवाब यदि नहीं मिलता तो यह अभियान एक बेमानी बनकर ही रह जायेगा।पत्र में इंका नेता ने विश्वास व्यक्त किया हे कि आप शीघ्र ही अन्य दोषियों के विरुद्ध भी कठोर कार्यवाही करेंगें ताकि ना तो जनप्रतिनिधि और ना ही अधिकारी ऐसा दुस्साहस दोबारा करने की हिम्मत नहीं जुटा पायेंगें।
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