जिपं अध्यक्ष चुनाव में
पचौरी तक पहुंची हरवंश की यह बात कि मुस्लिम और आदिवासी नहीं चाहिये
इंकाई मुस्लिम नेता जिन हरवंश सिंह को कौम का रहनुमा और मसीहा मानते थे जिला पंचायत चुनाव के दौरीान अपने कान से सुनी हरवंश की बातों को सुनकर ना सिर्फ भौंचक रह गये हैं वरन उन्होंने बाकायदा इसकी शिकायत भी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी को भी की हैं।
बताते हैं कि हुआ यूं था जिला पंचायत अध्यक्ष पद के एक सशक्त दावेदार के निकटस्थ रिश्तेदार एक मुलिम नेता के साथ 21 तारीख की रात को हरवंश सिंह के गृह ग्राम बर्रा गये थे। इस दौरान यहां जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद की बिसात बिछायी जा रही थी। बताया जाता हैं कि हरवंश सिंह ने आवश्वस्त कर दिया था कि जिला पंचायत का ताज इस बार उनके ही सिर होगा। लेकिन जब उन्होंंने प्रत्याशी के रिश्तेदार को यह समझाया कि अब उनकी बात नहीं मानी जा सकती तो उन्होंने मुस्लिम या आदिवासी कार्ड खेलने का सुझाव दे डाला। इस पर हरवंश सिंह ने यह कह डाला कि मुस्लिम और आदिवासी नहीं चाहिये। ऐसा बोलते वक्त शायद वे ये भूल गये थे कि उनके केवलारी विस क्षेत्र में व्यापक असर रखने वाले मुस्लिम नेता भी वहां मौजूद है। जैसे ही उन्होंने हरवंश सिंह की बात सुनी वैसे ही जोर से चिल्लाते हुये उन्होंने कहा कि चलो बहुत हो चुकी । काफी देर तक तीखी नोंक झोंक होने के बाद ये सभी नेता एक बार फिर धोखा खाकर वापस लौट आयें।
बात यहीं तक रहती तो ठीक थी लेकिन आक्रोशित एक निर्वाचित मुस्लिम नेता ने विगत दिनों दौरे पर आये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी को पूरी दास्तान सुना डाली और कहा कि जो वर्ग, मुस्लिम और आदिवासी, कांग्रेस का वोट बैंक हैं उसके बारे में जिले के इकलौते इंका नेता हरवंश सिंह का ऐसा कहना कहां तक उचित हैंर्षोर्षो हम लोग बड़ी मुश्किल से इन चुनावों में अपनों (कांग्रेसियों)से भी लड़कर जीत कर आते हैं लेकिन फिर हमें नकार दिया जाता हें तो ऐसे में भला कांग्रेस कैसे मजबूत होगीर्षोर्षोयह सुनकर पचौरी भी भौंचक रह गये।
पचौरी तक पहुंची हरवंश की यह बात कि मुस्लिम और आदिवासी नहीं चाहिये
इंकाई मुस्लिम नेता जिन हरवंश सिंह को कौम का रहनुमा और मसीहा मानते थे जिला पंचायत चुनाव के दौरीान अपने कान से सुनी हरवंश की बातों को सुनकर ना सिर्फ भौंचक रह गये हैं वरन उन्होंने बाकायदा इसकी शिकायत भी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी को भी की हैं।
बताते हैं कि हुआ यूं था जिला पंचायत अध्यक्ष पद के एक सशक्त दावेदार के निकटस्थ रिश्तेदार एक मुलिम नेता के साथ 21 तारीख की रात को हरवंश सिंह के गृह ग्राम बर्रा गये थे। इस दौरान यहां जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद की बिसात बिछायी जा रही थी। बताया जाता हैं कि हरवंश सिंह ने आवश्वस्त कर दिया था कि जिला पंचायत का ताज इस बार उनके ही सिर होगा। लेकिन जब उन्होंंने प्रत्याशी के रिश्तेदार को यह समझाया कि अब उनकी बात नहीं मानी जा सकती तो उन्होंने मुस्लिम या आदिवासी कार्ड खेलने का सुझाव दे डाला। इस पर हरवंश सिंह ने यह कह डाला कि मुस्लिम और आदिवासी नहीं चाहिये। ऐसा बोलते वक्त शायद वे ये भूल गये थे कि उनके केवलारी विस क्षेत्र में व्यापक असर रखने वाले मुस्लिम नेता भी वहां मौजूद है। जैसे ही उन्होंने हरवंश सिंह की बात सुनी वैसे ही जोर से चिल्लाते हुये उन्होंने कहा कि चलो बहुत हो चुकी । काफी देर तक तीखी नोंक झोंक होने के बाद ये सभी नेता एक बार फिर धोखा खाकर वापस लौट आयें।
बात यहीं तक रहती तो ठीक थी लेकिन आक्रोशित एक निर्वाचित मुस्लिम नेता ने विगत दिनों दौरे पर आये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी को पूरी दास्तान सुना डाली और कहा कि जो वर्ग, मुस्लिम और आदिवासी, कांग्रेस का वोट बैंक हैं उसके बारे में जिले के इकलौते इंका नेता हरवंश सिंह का ऐसा कहना कहां तक उचित हैंर्षोर्षो हम लोग बड़ी मुश्किल से इन चुनावों में अपनों (कांग्रेसियों)से भी लड़कर जीत कर आते हैं लेकिन फिर हमें नकार दिया जाता हें तो ऐसे में भला कांग्रेस कैसे मजबूत होगीर्षोर्षोयह सुनकर पचौरी भी भौंचक रह गये।
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